मधुबनीः सीएए के विरोध में बिहार के अलग-अलग इलाकों में विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं. वहीं, जिला भाकपा माले के छठे सम्मेलन में संविधान बचाओ रैली का आयोजन किया गया. जिसमें भाग लेने पार्टी महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य मधुबनी पहुंचे. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा.
संविधान बचाओ रैली को सम्बोधित करते हुए दीपांकर भट्टाचार्य ने पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर जमकर निशाना साधा. माले महासचिव ने आरोप लगाया कि सरकार संविधान को खत्म कर संघी हिटलरी शासन थोपना चाहती है. इसके लिए वे मनमाफिक नागरिकता चुनने के लिए सीएए, एनपीआर और एनआरसी लेकर आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि संविधान को बचाने के लिए आजादी की दूसरी लड़ाई लड़ रहे हैं.
'सड़कों पर छात्र, नौजवान और महिलाएं'
माले नेता ने लोगों को आशवासन देते हुए कहा कि सरकार को नागरिकता चुनने का अधिकार नही देंगे. इसके खिलाफ पूरे देश में छात्र, नौजवान, महिलाएं और बुद्धिजीवी लोग सड़क पर विरोध कर रहे है. देश मे राष्ट्रीय जागरण का दौर आया है. दीपांकर भट्टाचार्य के मुताबिक दिल्ली का शाहीनबाग पूरे देश में फैल गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार दमन के जरिये आपातकालीन कानून से आंदोलन दबाना चाहती है. लेकिन जनता को इसका डर नहीं है बल्कि पीएम और गृह मंत्री असम, बंगाल सहित दूसरे हिस्से में जाने से डरने लगे हैं.
नीतीश से बिहार में एनपीआर पर रोक लगाने की मांग
दीपांकर महासचिव ने इस दौरान असम में हुए एनआरसी का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि हर सर्वे में इसके शिकार दलित, आदिवासी और गरीब हैं. यहीं कारण है कि एनआरसी-एनपीआर और सीएए के खिलाफ विरोध में गरीब की हिस्सेदारी है. माले नेता ने नीतीश कुमार से बिहार में एनपीआर पर रोक लगाने की मांग की.
माले ने दिया नीतीश सरकार को अल्टीमेटम
माले महासचिव ने हुंकार भरते हुए कहा कि पटना और दिल्ली की इस सरकार को उखाड़ फेंकने की बात कही. वहीं, माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने नीतीश सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि एनपीआर पर तत्काल रोक लगाया जाए. अगर ऐसा नहीं होता है तो पूरे बिहार में आंदोलन करेंगे. सभा की अध्यक्षता करते हुए जिला सचिव ध्रुवनारायण कर्ण ने कहा कि जिला में वामपंथ एक बार फिर से मजबूत हो रहा है.