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बोले दीपांकर भट्टाचार्य- संविधान को बचाने के लिए लड़ रहे हैं आजादी की दूसरी लड़ाई

माले महासचिव दीपांकर ने नीतीश कुमार से बिहार में एनपीआर पर रोक लगाने की मांग की है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार भारत के संविधान को खत्म कर संघी हिटलरी शासन थोपना चाहती है.

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दीपांकर भट्टाचार्य
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Published : Jan 18, 2020, 11:05 PM IST

मधुबनीः सीएए के विरोध में बिहार के अलग-अलग इलाकों में विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं. वहीं, जिला भाकपा माले के छठे सम्मेलन में संविधान बचाओ रैली का आयोजन किया गया. जिसमें भाग लेने पार्टी महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य मधुबनी पहुंचे. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा.

संविधान बचाओ रैली को सम्बोधित करते हुए दीपांकर भट्टाचार्य ने पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर जमकर निशाना साधा. माले महासचिव ने आरोप लगाया कि सरकार संविधान को खत्म कर संघी हिटलरी शासन थोपना चाहती है. इसके लिए वे मनमाफिक नागरिकता चुनने के लिए सीएए, एनपीआर और एनआरसी लेकर आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि संविधान को बचाने के लिए आजादी की दूसरी लड़ाई लड़ रहे हैं.

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रैली में भाग लेने पहुंचे माले महासचिव दीपांकर

'सड़कों पर छात्र, नौजवान और महिलाएं'
माले नेता ने लोगों को आशवासन देते हुए कहा कि सरकार को नागरिकता चुनने का अधिकार नही देंगे. इसके खिलाफ पूरे देश में छात्र, नौजवान, महिलाएं और बुद्धिजीवी लोग सड़क पर विरोध कर रहे है. देश मे राष्ट्रीय जागरण का दौर आया है. दीपांकर भट्टाचार्य के मुताबिक दिल्ली का शाहीनबाग पूरे देश में फैल गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार दमन के जरिये आपातकालीन कानून से आंदोलन दबाना चाहती है. लेकिन जनता को इसका डर नहीं है बल्कि पीएम और गृह मंत्री असम, बंगाल सहित दूसरे हिस्से में जाने से डरने लगे हैं.

मीडिया को संबोधित करते दीपांकर भट्टाचार्य

नीतीश से बिहार में एनपीआर पर रोक लगाने की मांग
दीपांकर महासचिव ने इस दौरान असम में हुए एनआरसी का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि हर सर्वे में इसके शिकार दलित, आदिवासी और गरीब हैं. यहीं कारण है कि एनआरसी-एनपीआर और सीएए के खिलाफ विरोध में गरीब की हिस्सेदारी है. माले नेता ने नीतीश कुमार से बिहार में एनपीआर पर रोक लगाने की मांग की.

माले ने दिया नीतीश सरकार को अल्टीमेटम
माले महासचिव ने हुंकार भरते हुए कहा कि पटना और दिल्ली की इस सरकार को उखाड़ फेंकने की बात कही. वहीं, माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने नीतीश सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि एनपीआर पर तत्काल रोक लगाया जाए. अगर ऐसा नहीं होता है तो पूरे बिहार में आंदोलन करेंगे. सभा की अध्यक्षता करते हुए जिला सचिव ध्रुवनारायण कर्ण ने कहा कि जिला में वामपंथ एक बार फिर से मजबूत हो रहा है.

मधुबनीः सीएए के विरोध में बिहार के अलग-अलग इलाकों में विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं. वहीं, जिला भाकपा माले के छठे सम्मेलन में संविधान बचाओ रैली का आयोजन किया गया. जिसमें भाग लेने पार्टी महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य मधुबनी पहुंचे. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा.

संविधान बचाओ रैली को सम्बोधित करते हुए दीपांकर भट्टाचार्य ने पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर जमकर निशाना साधा. माले महासचिव ने आरोप लगाया कि सरकार संविधान को खत्म कर संघी हिटलरी शासन थोपना चाहती है. इसके लिए वे मनमाफिक नागरिकता चुनने के लिए सीएए, एनपीआर और एनआरसी लेकर आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि संविधान को बचाने के लिए आजादी की दूसरी लड़ाई लड़ रहे हैं.

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रैली में भाग लेने पहुंचे माले महासचिव दीपांकर

'सड़कों पर छात्र, नौजवान और महिलाएं'
माले नेता ने लोगों को आशवासन देते हुए कहा कि सरकार को नागरिकता चुनने का अधिकार नही देंगे. इसके खिलाफ पूरे देश में छात्र, नौजवान, महिलाएं और बुद्धिजीवी लोग सड़क पर विरोध कर रहे है. देश मे राष्ट्रीय जागरण का दौर आया है. दीपांकर भट्टाचार्य के मुताबिक दिल्ली का शाहीनबाग पूरे देश में फैल गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार दमन के जरिये आपातकालीन कानून से आंदोलन दबाना चाहती है. लेकिन जनता को इसका डर नहीं है बल्कि पीएम और गृह मंत्री असम, बंगाल सहित दूसरे हिस्से में जाने से डरने लगे हैं.

मीडिया को संबोधित करते दीपांकर भट्टाचार्य

नीतीश से बिहार में एनपीआर पर रोक लगाने की मांग
दीपांकर महासचिव ने इस दौरान असम में हुए एनआरसी का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि हर सर्वे में इसके शिकार दलित, आदिवासी और गरीब हैं. यहीं कारण है कि एनआरसी-एनपीआर और सीएए के खिलाफ विरोध में गरीब की हिस्सेदारी है. माले नेता ने नीतीश कुमार से बिहार में एनपीआर पर रोक लगाने की मांग की.

माले ने दिया नीतीश सरकार को अल्टीमेटम
माले महासचिव ने हुंकार भरते हुए कहा कि पटना और दिल्ली की इस सरकार को उखाड़ फेंकने की बात कही. वहीं, माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने नीतीश सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि एनपीआर पर तत्काल रोक लगाया जाए. अगर ऐसा नहीं होता है तो पूरे बिहार में आंदोलन करेंगे. सभा की अध्यक्षता करते हुए जिला सचिव ध्रुवनारायण कर्ण ने कहा कि जिला में वामपंथ एक बार फिर से मजबूत हो रहा है.

Intro:
मधुबनी
ज़िला भाकपा माले के छठे ज़िला सम्मेलन में आयोजित संविधान बचाओ रैली को सम्बोधित करने मधुबनी पहुचे दीपांकर भट्टाचार्य Body:
मधुबनी
भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य मधुबनी पहुचे ।भाकपा माले के कार्यकर्ताओं ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया। संविधान बचाओ रैली को सम्बोधित करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि भारत के संविधान को खत्म कर संघी हिटलरी शासन थोपना मोदी-अमित शाह का एजेंडा है। इसके लिए वे मनमाफिक नागरिकता चुनने के लिए CAA, NPR और NRC कानून को लेकर आई है।हम सरकार को नागरिकता चुनने का अधिकार नही देंगे। संविधान को बदलने का अधिकार नही देंगे। इसके खिलाफ पूरे देश मे छात्र-नौजवानों, महिलाओ और अक्लियतों सड़क पर विरोध कर रहे है।देश मे राष्ट्रीय जागरण का दौर आया है। दिल्ली का शाहीनबाग पूरे देश में फैल गया है।सरकार दमन के जरिये आपातकालीन कानूनों के प्रावधानों के आधार पर आंदोलन को दबाना चाहती है।जनता नहीं डर रही है बल्कि मोदी-अमित शाह को असम,बंगाल सहित दूसरे हिस्से में जाने से डर लगने लगा है।एनआरसी के खेल को देश की जनता समझ गयी है,असम एनआरसी इसका उदाहरण है।असम एनआरसी में 19 लाख लोगों को नागरिकता विहीन बना दिया गया है। जिसमें बड़ी संख्या में हिन्दू हैं और बिहार के 55 हज़ार परिवार भी हैं। हर सर्वे में अभिवंचना के शिकार दलित,आदिवासी और गरीब इस बात को समझ रहे हैं कि हमे इसका शिकार बनाया जाएगा। इसलिये एनआरसी-एनपीआर-CAA के खिलाफ में हर गरीबों की हिस्सेदारी है। इस भागीदारी को भाकपा माले और मज़बूत बनाएगी।उन्होंने नीतीश कुमार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि छल,कपट और होशियारी छोड़िये और एनपीआर पर बिहार में रोक लगाइए।आगे उन्होंने कहा कि मोदी-अमित शाह की सरकार न केवल संविधान को तहस नहस कर रही है बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को आईसीयू में पहुंचा दिया है। इतनी मंहगाई और बेकारी देश कभी नही देखा था। मज़दूरों का हकमारी ऐसा कभी नहीं हुआ था।बिना मज़दूरी दिए रसोइयों,आशाओं से काम लिया जा रहा है।लोगों को उजाड़ा जा रहा है।पटना-दिल्ली की ऐसी सरकार को उखाड़ फेंकना होगा।सभा मे मुख्य अतिथि के बतौर बोलते हुए भाकपा माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने कहा कि हमने बिहार की सरकार को अल्टीमेटम दिया है कि एनपीआर पर तत्काल रोक लगे,अगर सरकार इस दिशा में कदम नही उठाती है तो गद्दी छोड़ो आंदोलन पूरे बिहार में तेज किया जाएगा।उन्होंने कहा कि पूरे बिहार में दलितों-गरीबों को उजाड़ने के खिलाफ माले और खेग्रामस के आंदोलन ने सरकार पर बड़ा दबाव बनाने में सफलता हासिल की है।सभा की अध्यक्षता करते हुए जिला सचिव ध्रुवनारायण कर्ण ने कहा कि मधुबनी ज़िला में वामपंथ एकबार फिर मज़बूत हो रहा है।भूमि आवास आंदोलन सब जगह तेज़ हो रहा है।हमारे आंदोलन ने दलित-गरीबो और मज़बूत-किसानों में नया विश्वास पैदा किया है।
बाइट दीपांकर भट्टाचार्य राष्ट्रीय महासचिव भाकपा माले
राज कुमार झा,मधुबनी

Conclusion:Cca बिल को लेकर देश मे आक्रोश व्याप्त है।जगह जगह विरोध में रैली,धरना प्रदर्शन किया जा रहा है।विपक्षी पार्टी संविधान बचाने की बात कर रहे है।
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