मधुबनी: बिहार के मधुबनी (Madhubani) जिले के झंझारपुर एडीजे कोर्ट (Jhanjharpur ADJ Court) ने जेल में बंद एक आरोपी को अनोखी शर्त पर जमानत दी है. कोर्ट ने आरोपी से कहा है कि उसे 60 दिन में मंदिर का निर्माण कराकर उसमें शिवलिंग की स्थापना करनी होगी. आरोपी ने कोर्ट की शर्त को खुशी से स्वीकार किया है.
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मामला झंझारपुर प्रखंड (Jhanjharpur Block) का है. झंझारपुर प्रखंड के पूर्व नाजिर मायानंद झा को मंदिर बनाने के शर्त पर झंझारपुर एडीजे कोर्ट से जमानत मिली है. एडीजे अविनाश कुमार प्रथम ने यह फैसला सुनाया है. अनोखी शर्तों के साथ जमानत देने के मामले में चर्चित अविनाश कुमार का यह आदेश उनके न्यायिक शक्ति पर हाईकोर्ट की रोक लगने से पहले अंतिम रहा.
मायानंद झा के खिलाफ नाजिर रहते हुए 32 रोकड़ पंजी गायब करने का आरोप है. इस संबंध में झंझारपुर थाना में केस दर्ज किया गया था. मामले के सूचक मायानंद झा ही थे. उन्होंने पूर्व नाजीर कुमार सौरभ और प्रधान लिपिक नईमुद्दीन को नामजद किया था. जांच में यह बात सामने आई कि कैश बुक के कस्टोडियन वर्तमान नाजिर मायानंद झा थे और उन्हीं की लापरवाही या मिलीभगत से घटना घटी थी. एसपी डॉक्टर सत्य प्रकाश के आदेश पर मायानंद झा को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.
पूर्व नजीर मायानंद झा के वकील पुरुषोत्तम मिश्र ने कोर्ट में बहस के दौरान बताया कि मायानंद पर गबन का मामला नहीं है. वह जिम्मेदार व्यक्ति हैं और सामाजिक कार्य करने के इच्छुक हैं. वकील के अनुरोध पर एडीजे कोर्ट ने जज कॉलोनी परिसर में मायानंद को मंदिर बनाने और शिवलिंग स्थापित करने की शर्त और 10-10 हजार के दो मुचलकों पर जमानत दिया. शर्त के अनुसार मायानंद को 60 दिन के अंदर कोर्ट कॉलोनी परिसर में स्थित महावीर मंदिर के बगल में शिव मंदिर की स्थापना करनी है.
जमानत पर रिहा होने के बाद मायानंद झा ने कहा कि यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि मुझे भगवान शिव का मंदिर बनाने का आदेश मिला है. मैं इसे खुशी से स्वीकार करता हूं. मैं अपनी पूरी क्षमता से भगवान शिव का मंदिर बनाने में जुट गया हूं.
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