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मधुबनी: पेड़ों पर कील ठोक कर लगाए जा रहे बैनर-पोस्टर, जिला प्रशासन मौन

पेडों पर कील ठोककर पोस्टर लगाना कानूनन अपराध है.ये पर्यावरण संरक्षण अधिनियम का सीधा उल्लंघन है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एक्ट अप्रैल 2013 के अनुसार बैनर, पोस्टर का प्रयोग पेड़ों पर लगाना गलत है.

मधुबनी
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Published : Jan 27, 2020, 9:36 PM IST

मधुबनी: सूबे के मुखिया नीतीश कुमार जल जीवन हरियाली अभियान के तहत बिहार के हर जिले में दौरा कर लोगों को जागरूक कर रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ जिले में लोग पेड़ों पर लोहे की कील ठोक कर उस पर बैनर, पोस्टर और विज्ञापन के लिए होर्डिंग लगा रहे हैं. इससे पेड़ों को काफी नुकसान पहुंच रहा है.

बता दें कि पेडों पर कील ठोककर पोस्टर लगाना कानूनन अपराध है. यह पर्यावरण संरक्षण अधिनियम का सीधा उल्लंघन है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एक्ट अप्रैल 2013 के अनुसार बैनर, पोस्टर का प्रयोग पेड़ों पर लगाना गलत है. इसे नहीं लगाना चाहिए, लेकिन ऐसे उल्लंघन मधुबनी में सरेआम देखे जा रहे हैं. पेड़ों पर कील ठोक पोस्टर लगाकर कई कोचिंग संस्था और अस्पताल वाले अपना विज्ञापन कर रहे हैं. वहीं, इस मामले में जिला प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. इससे पेड़ों को काफी नुकसान पहुंच रहा है.

पेश है रिपोर्ट

लोगों पर होनी चाहिए कार्रवाई- समाजसेवी
समाजसेवी मोहम्मद रहमान ने बताया यह गलत है. लोगों को पैरों पर कील ठोक कर बैनर पोस्टर प्रचार नहीं करना चाहिए. इससे पेड़ों पर बुरा असर पड़ता है. पेड़ सूख सकते हैं. इस संबंध में जिला प्रशासन को कोई कार्रवाई करना चाहिए. कार्रवाई होने से लोगों में डर होगा और पर्यावरण के प्रति जागरूक होंगे.

मधुबनी: सूबे के मुखिया नीतीश कुमार जल जीवन हरियाली अभियान के तहत बिहार के हर जिले में दौरा कर लोगों को जागरूक कर रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ जिले में लोग पेड़ों पर लोहे की कील ठोक कर उस पर बैनर, पोस्टर और विज्ञापन के लिए होर्डिंग लगा रहे हैं. इससे पेड़ों को काफी नुकसान पहुंच रहा है.

बता दें कि पेडों पर कील ठोककर पोस्टर लगाना कानूनन अपराध है. यह पर्यावरण संरक्षण अधिनियम का सीधा उल्लंघन है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एक्ट अप्रैल 2013 के अनुसार बैनर, पोस्टर का प्रयोग पेड़ों पर लगाना गलत है. इसे नहीं लगाना चाहिए, लेकिन ऐसे उल्लंघन मधुबनी में सरेआम देखे जा रहे हैं. पेड़ों पर कील ठोक पोस्टर लगाकर कई कोचिंग संस्था और अस्पताल वाले अपना विज्ञापन कर रहे हैं. वहीं, इस मामले में जिला प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. इससे पेड़ों को काफी नुकसान पहुंच रहा है.

पेश है रिपोर्ट

लोगों पर होनी चाहिए कार्रवाई- समाजसेवी
समाजसेवी मोहम्मद रहमान ने बताया यह गलत है. लोगों को पैरों पर कील ठोक कर बैनर पोस्टर प्रचार नहीं करना चाहिए. इससे पेड़ों पर बुरा असर पड़ता है. पेड़ सूख सकते हैं. इस संबंध में जिला प्रशासन को कोई कार्रवाई करना चाहिए. कार्रवाई होने से लोगों में डर होगा और पर्यावरण के प्रति जागरूक होंगे.

Intro:किल ठोकर बैनर पोस्टर लगाने से पेड़ो को हो रही क्षति प्रशासन मौन,मधुबनी


Body:मधुबनी
सूबे के मुखिया नीतीश कुमार जल जीवन हरियाली अभियान के तहत बिहार के हर जिले में दौरा कर लोगों को जागरूक कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ पेड़ो पर लोहे की कील ठोक कर उस पर बैनर पोस्टर विज्ञापन इत्यादि लगाकर पेड़ों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। यह पोस्टर लगाना कानूनन अपराध है। पेड़ो पर कील ठोकना इनभैरवमेंट प्रोटेक्शन एक्ट ऑफ डिफेसमेंट प्रॉपर्टी एक्ट का सीधा उल्लंघन है ।नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एक्ट अप्रैल 2013 के अनुसार बैनर पोस्टर आदि का प्रयोग पेड़ों पर लगाना गलत है। इसे नहीं लगाना चाहिए लेकिन ऐसे उल्लंघन सरेआम देखे जा रहे हैं ।अधिकांश पेड़ो पर कील ठोक कर उस पर विभिन्न संस्था,कोचिंग,आदि अपना विज्ञापन कर रहे हैं। जिला प्रशासन इस पर सख्ती से कार्रवाई नहीं कर रही है जिससे लोगों का मनोबल बढ़ा हुआ है पेड़ो पर बुरा असर पड़ता है। पेड़ सूखने के कगार पर है।पेड़ो के नुकसान होने के कारण वारिश नही होती हैं।
मोहम्मद रहमान समाजसेवी ने बताया यह गलत है लोगों को पैरों पर कील ठोक कर बैनर पोस्टर प्रचार नहीं करनी चाहिए इससे पैरों के साथ पर्यावरण दूषित हो रही है लेकिन जिला प्रशासन भी कार्रवाई नहीं कर रही है इसमें जिला प्रशासन को कार्रवाई करनी चाहिए कार्यवाही होने से लोगों में डर पैदा होगा और लोग इस तरह का काम नहीं करेंगे लेकिन वहीं जिला प्रशासन कुंभकरण निद्रा में सोए हुए हैं इस तरह के संस्था वाले पर कार्यवाही नहीं कर रही है।
वाइट मोहम्मद रहमान समाजसेवी
राजकुमार झा
मधुबनी


Conclusion: देखना है जल जीवन हरियाली अभियान के तहत कार्यक्रम होने के बावजूद भी जिला प्रशासन जगती है या नहीं इन पेड़ों पर लगे पोस्टर बैनर को हटवाने एवब संबंधित प्रचार करने वाले लोगों पर कार्रवाई कर पाती है या नहीं इस पर जिला प्रशासन को सख्त कार्यवाही करने की आवश्यकता है।
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