मधेपुरा: मधेपुरा में लगातार रुक-रुक कर बारिश हो रही है. इसके कारण जिले के नदियों के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है. जल स्तर में तेजी से हो रही वृद्धि के कारण नदी के आस पास बसे लोगों में भय का माहौल व्याप्त है.
गर्मी से राहत मिलते ही बाढ़ का संकट गहराया
कुछ दिन पहले तक बिहार के लोग गर्मी से परेशान थे. लेकिन अब मधेपुरा में लगातार हो रही बारिश चिंता का सबब बन गया हैं. सभी नदियों के जलस्तर में काफी वृद्धि हो गयी है. अचानक जलस्तर में वृद्धि के कारण जिला मुख्यालय और अन्य प्रखंडों के निचली इलाकों के लोग भयभीत हैं. लोगों का मानना है कि जिस तरह से पानी में वृद्धि हो रही है, जल्द ही घर में घुस जाएगा. बता दें कि जिले से गुजरने वाली सभी नदियों का सीधा संपर्क कोसी बराज से है. बरसात में हर साल ये नदियां तबाही मचाती हैं. मधेपुरा जिला मुख्यालय दो नदी के बीच में बसा होने के कारण हर साल बाढ़ के दंश को झेलना पड़ता है.
तेजी से हो रही नदियों के जलस्तर में वृद्धि
समाहरणालय के नजदीक बह रही नदी के जलस्तर में वृद्धि हो रही है. इसके कारण आस-पास के मुहल्ले के लोग भयभीत हैं. लोगों को कहना है कि अभी तक जिला प्रशासन ने कोई तैयारी नहीं की है. पूर्व पार्षद ध्यानी यादव का कहना है कि ऐसी स्थिति में पानी घर में घुसेगा तो अपने परिवार वालों को लेकर कहां जायेंगे.
बाढ़ से पहले फूलने लगे अधिकारियों के हाथ-पांव
अमूमन यहीं हाल जिले के आलमनगर, चौसा,पुरैनी और मुरलीगंज प्रखंड का है. नदी के किनारे बसे लोगों में भय व्याप्त है. आज भी लोग 2008 में आयी कुसहा त्रासदी को याद कर सहम जाते हैं. बाढ़ से पहले आपदा विभाग के अधिकारियों का हाथ-पांव फूलने लगा है. अधिकारी किसी भी तरह का बयान देने से परहेज कर रहे हैं. मीडिया में बयान देने के लिए अधिकृत नहीं होने का बहाना बना पल्ला झाड़ रहे हैं.