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नियमों के भ्रमजाल में फंसे कई अभ्यर्थी, सेलेक्शन के बाद भी हैं बेरोजगार - Beltron appointed by Executive Assistant 2018

कार्यपालक सहायक के लिए चयनित होने के बावजूद भी नियुक्ति नहीं हुई. बेरोजगारी की मार झेल रहे छात्रों ने सरकार से नियुक्ति की मांग की है. उनका कहना है कि पुराने विज्ञापन पर नये नियम कैसे लागू होंगे?

चयनित अभ्यर्थियों का आक्रोश
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Published : Aug 4, 2019, 7:28 PM IST

मधेपुरा: कार्यपालक सहायक के लिए बहुत से छात्र लिखित और टाइपिंग परीक्षा के अधार पर चयनित होने के बावजूद भी नियुक्ति के मोहताज हैं. बिहार सरकार के आदेश पर जिला पदाधिकारी मधेपुरा की ओर से कार्यपालक सहायक की नियुक्ति के लिए 2018 में विज्ञापन निकाला गया था. जिसमें से 164 लोगों को विभिन्न विभागों में पदस्थापित भी किया गया. वहीं, बचे हुए चयनित अभ्यार्थियों की नियुक्ति से पहले ही बिहार सरकार ने बहाली रद्द कर दी. इससे गुस्साए अभ्यार्थियों ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.

अभ्यर्थियों का विरोध प्रदर्शन

चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति रद्द
बताया जा रहा है कि नियम में बदलाव के कारण ऐसा हुआ है. दरअसल, पहले नियुक्ति जिला स्तर पर होती थी. लेकिन, अब ये नियुक्ति बेल्ट्रॉन के माध्यम से होगी. यही वजह है कि चयनित होने के बावजूद भी छात्रों की नियुक्ति नहीं हो रही है. हालांकि 2018 में जिला प्रशासन की ओर से सफल अभ्यर्थियों का एक पैनल बनाया गया था. वहीं, पैनल से मधेपुरा डीएम ने 164 अभ्यर्थियों को कई विभागों में पदस्थापित भी किए थे. लेकिन जब शेष बचे अभ्यर्थियों की नियुक्ति की बारी आई तो सरकार ने नियम बदल दिया. जिससे पैनल के शेष बचे अभ्यर्थियों की नियुक्तियां रद्द कर दी गईं.

अभ्यर्थियों की मांग
गुस्साए अभ्यर्थियों की मांग है कि यह विज्ञापन 2018 का है. वहीं, पैनल से 164 अभ्यर्थियों की नियुक्ति भी हुई है. फिर शेष बचे अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर रोक क्यों? उनका कहना है कि पुराने विज्ञापन पर नये नियम लागू नहीं किए जाने चाहिए. सरकार हमारी नियुक्ति पर गंभीरता से विचार करे, नहीं तो उग्र आंदोलन करेंगे.

मधेपुरा: कार्यपालक सहायक के लिए बहुत से छात्र लिखित और टाइपिंग परीक्षा के अधार पर चयनित होने के बावजूद भी नियुक्ति के मोहताज हैं. बिहार सरकार के आदेश पर जिला पदाधिकारी मधेपुरा की ओर से कार्यपालक सहायक की नियुक्ति के लिए 2018 में विज्ञापन निकाला गया था. जिसमें से 164 लोगों को विभिन्न विभागों में पदस्थापित भी किया गया. वहीं, बचे हुए चयनित अभ्यार्थियों की नियुक्ति से पहले ही बिहार सरकार ने बहाली रद्द कर दी. इससे गुस्साए अभ्यार्थियों ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.

अभ्यर्थियों का विरोध प्रदर्शन

चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति रद्द
बताया जा रहा है कि नियम में बदलाव के कारण ऐसा हुआ है. दरअसल, पहले नियुक्ति जिला स्तर पर होती थी. लेकिन, अब ये नियुक्ति बेल्ट्रॉन के माध्यम से होगी. यही वजह है कि चयनित होने के बावजूद भी छात्रों की नियुक्ति नहीं हो रही है. हालांकि 2018 में जिला प्रशासन की ओर से सफल अभ्यर्थियों का एक पैनल बनाया गया था. वहीं, पैनल से मधेपुरा डीएम ने 164 अभ्यर्थियों को कई विभागों में पदस्थापित भी किए थे. लेकिन जब शेष बचे अभ्यर्थियों की नियुक्ति की बारी आई तो सरकार ने नियम बदल दिया. जिससे पैनल के शेष बचे अभ्यर्थियों की नियुक्तियां रद्द कर दी गईं.

अभ्यर्थियों की मांग
गुस्साए अभ्यर्थियों की मांग है कि यह विज्ञापन 2018 का है. वहीं, पैनल से 164 अभ्यर्थियों की नियुक्ति भी हुई है. फिर शेष बचे अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर रोक क्यों? उनका कहना है कि पुराने विज्ञापन पर नये नियम लागू नहीं किए जाने चाहिए. सरकार हमारी नियुक्ति पर गंभीरता से विचार करे, नहीं तो उग्र आंदोलन करेंगे.

Intro:मधेपुरा।सरकार के नये नियम से आक्रोशित सूचीबद्ध कार्यपालक सहायक रोते रोते बोले बिहार सरकार हम बेरोजगारों के गले पर तलबार चला रही है।अगर सूचीबद्ध कार्यपालक सहायक की नियुक्ति नहीं की गई तो सरकार के खिलाफ उग्र प्रदर्शन करेंगे।


Body:बता दें कि बिहार सरकार के आदेश पर जिला पदाधिकारी मधेपुरा द्वारा कार्यपालक सहायक की नियुक्ति हेतु 2018 में विज्ञापन निकाला गया था।जिसमें विधिवत जिला स्तर पर लिखित परीक्षा ली गई,फिर जो छात्र लिखित परीक्षा में उतीर्ण हुए उन सभी उतीर्ण छात्रों का कम्प्यूटर पा टंकण की परीक्षा ली गई।इसके बाद जिला प्रसाशन द्वारा सफल अभ्यर्थियों का एक पैनल बनाया गया।उसी पैनल से डीएम मधेपुरा ने 164 अभ्यर्थियों को विभिन्न विभागों में पदस्थापित भी कर दिए।लेकिन जब शेष बचे अभ्यर्थियों की नियुक्ति की बारी आई इसी बीच बिहार सरकार ने नियम बदल दिया कि अब कार्यपालक सहायक की नियुक्ति बेल्ट्रान के द्वारा किया जाएगा।सरकार के इस आदेश से पैनल के शेष बचे अभ्यर्थी की नियुक्ति पर सीधा खतरा मंडराने लगा है।आक्रोशित अभ्यर्थियों का कहना है कि जब ये विज्ञापन 2018 का है और उस पैनल से 164 अभ्यर्थियों की नियुक्ति भी की गई है, तो फिर शेष बचे अभ्यर्थी की नियुक्ति पर रोक क्यों सरकार लगा रही है।नियमानुकूल पुराने विज्ञापन पर नये नियम लागू नहीं किया जाना चाहिए।इसी मांग को लेकर आज कार्यपालक सहायक के सफल अभ्यर्थी पहले बैठक की फिर सड़क पर सरकार के विरुद्ध जमकर नारे लगाए।पीड़ित अभ्यर्थियों ने कैमरे पर रोते रोते बोले अगर सरकार हमलोगों के पैनल को रद्द करती है तो सीधा सीधा हम सफल अभ्यर्थी के गले पर तलबार चलाना हुआ जो कतई बर्दास्त करने लायक है।एक तरफ सरकार कह रही है बेरोजगार को रोजगार उपलब्ध कराएंगे।दूसरी तरफ सरकार हम सफल अभ्यर्थी के मुँह से रोटी छीन रही है।आक्रोशित अभ्यर्थियों ने घोषणा करते हुए कहा कि अगर समय रहते सरकार हमलोगों के मांग पर गंभीरता से विचार करते हुए नियुक्ति की कार्रवाई नहीं करती है तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।बाइट--1---मनीष केशरी-पीड़ित अभ्यर्थी।बाइट--2--रीता कुमारी---पीड़िता अभ्यर्थी कार्यपालक सहायक।


Conclusion:मधेपुरा से रुद्रनारायण।
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