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मधेपुरा: BNMU प्रशासन के रवैये से छात्रों में मायूसी, कॉलेज छोड़ने को मजबूर

छात्र नेता राहुल यादव का कहना है कि विश्वविद्यालय में व्याप्त मनमानी, लूट-खसोट और छात्रों की परेशानी के विरुद्ध पिछले पांच साल से उग्र आंदोलन किया गया, लेकिन कॉलेज प्रशासन पर किसी बात का असर नहीं हुआ.

बीएन मंडल विवि
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Published : Oct 16, 2019, 12:59 PM IST

मधेपुरा: जिले के बीएन मंडल विश्वविद्यालय में अधिकारियों और कर्मचारियों की मनमानी के कारण छात्रों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. छात्रों की समस्याओं को कोई देखने और सुनने वाला नहीं है. जिसके चलते छोटे-मोटे कार्यों को लेकर छात्रों को दो-दो सालों तक विवि का चक्कर काटना पड़ता है. लेकिन फिर भी कार्य पूरा नहीं होता है. इसी कारण यहां के छात्र दूसरे विवि के तरफ रुख करने लगे हैं.

विवि बना लूट-खसोट का अड्डा
बता दें कि विश्वविद्यालय के सर्वाधिक अधिकारी और कर्मचारी सिर्फ कमाने के चक्कर में रहते हैं. उन्हें छात्रों की समस्या से कोई लेना-देना नहीं रहता है. छात्रों का आरोप है कि उन्हें हर काम के लिए यूनिवर्सिटी का कई बार चक्कर काटना पड़ता है. अगर गलती से किसी छात्र का कार्य हो भी जाता है तो उनसे हर टेबल पर अलग-अलग कर्मी नजराना लेते हैं. आलम ये है कि विवि अब लूट-खसोट का अड्डा बनता जा रहा है.

madhepura
कॉलेज प्रशासन पर छात्रों की अनदेखी का आरोप

आंदोलन का भी नहीं पड़ा असर
सहरसा एमएलटी कॉलेज की छात्रा अनसुली कुमारी ने बताया कि वे पिछले तीन साल से विवि का चक्कर काट रही हैं. लेकिन आज तक उन्हें सिर्फ आश्वासन
ही दिया जा रहा है. वहीं, छात्र नेता राहुल यादव का कहना है कि विवि में व्याप्त मनमानी,लूट खसोट और छात्रों की परेशानी के विरुद्ध पिछले पांच साल से उग्र आंदोलन किया गया ,लेकिन कॉलेज प्रशासन पर किसी बात का असर नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि विवि में उच्चाधिकारी से लेकर अधिकारी और कर्मचारी सभी लूट-खसोट में लीन हैं. उन्होंने कहा यहां जो भी कुलपति आते हैं, समय काटकर और धन कमाकर चले जाते हैं. उन्हें छात्र और विवि की समस्या से कोई मतलब नहीं रहता है.

madhepura
डॉ.कपिलदेव प्रसाद, रजिस्टार

छात्रों का भविष्य अंधकार में
स्थानीय अधिवक्ता डॉ.राजीव जोशी ने कहा कि इस विवि को बर्बाद होने से अब कोई नहीं बचा सकता है. क्योंकि यहां छात्र का भविष्य बनाया नहीं, बिगाड़ा जाता है. उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब गिने हुए छात्र इस विवि में पढ़ने आएगें. वहीं विवि के रजिस्टार डॉ. कपिलदेव प्रसाद ने छात्रों की बातों को नकारते हुए कहा कि विवि में कोई परेशानी नहीं है. जो छात्र परेशानी लेकर मेरे पास आते हैं, उनका समाधान तुरंत कर दिया जाता है.

विश्वविद्यालय में छात्रों के सामने कई परेशानी

विवि में कोई सुधार नहीं
बता दें कि सन् 1992 में दरभंगा के ललित नारायण मिथिला विवि से अलग कर मधेपुरा में बीएन मंडल विवि की स्थापना की गई थी. इसका मुख्य उद्देश्य था कि पिछड़े क्षेत्र के बच्चे आसानी से कम खर्च में उच्च शिक्षा हासिल कर सके. लेकिन यहां विवि खुलते ही सब कुछ विपरीत होने लगा छात्र हित में कार्य कम और लूट-खसोट चरम पर पहुंच गया. जिसके कारण अब तक कई पूर्व कुलपति से लेकर दर्जनों अधिकारी और कर्मचारी बेऊर जेल का हवा खा चुके हैं. लेकिन विवि में अभी तक कोई सुधार नहीं आया है.

मधेपुरा: जिले के बीएन मंडल विश्वविद्यालय में अधिकारियों और कर्मचारियों की मनमानी के कारण छात्रों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. छात्रों की समस्याओं को कोई देखने और सुनने वाला नहीं है. जिसके चलते छोटे-मोटे कार्यों को लेकर छात्रों को दो-दो सालों तक विवि का चक्कर काटना पड़ता है. लेकिन फिर भी कार्य पूरा नहीं होता है. इसी कारण यहां के छात्र दूसरे विवि के तरफ रुख करने लगे हैं.

विवि बना लूट-खसोट का अड्डा
बता दें कि विश्वविद्यालय के सर्वाधिक अधिकारी और कर्मचारी सिर्फ कमाने के चक्कर में रहते हैं. उन्हें छात्रों की समस्या से कोई लेना-देना नहीं रहता है. छात्रों का आरोप है कि उन्हें हर काम के लिए यूनिवर्सिटी का कई बार चक्कर काटना पड़ता है. अगर गलती से किसी छात्र का कार्य हो भी जाता है तो उनसे हर टेबल पर अलग-अलग कर्मी नजराना लेते हैं. आलम ये है कि विवि अब लूट-खसोट का अड्डा बनता जा रहा है.

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कॉलेज प्रशासन पर छात्रों की अनदेखी का आरोप

आंदोलन का भी नहीं पड़ा असर
सहरसा एमएलटी कॉलेज की छात्रा अनसुली कुमारी ने बताया कि वे पिछले तीन साल से विवि का चक्कर काट रही हैं. लेकिन आज तक उन्हें सिर्फ आश्वासन
ही दिया जा रहा है. वहीं, छात्र नेता राहुल यादव का कहना है कि विवि में व्याप्त मनमानी,लूट खसोट और छात्रों की परेशानी के विरुद्ध पिछले पांच साल से उग्र आंदोलन किया गया ,लेकिन कॉलेज प्रशासन पर किसी बात का असर नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि विवि में उच्चाधिकारी से लेकर अधिकारी और कर्मचारी सभी लूट-खसोट में लीन हैं. उन्होंने कहा यहां जो भी कुलपति आते हैं, समय काटकर और धन कमाकर चले जाते हैं. उन्हें छात्र और विवि की समस्या से कोई मतलब नहीं रहता है.

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डॉ.कपिलदेव प्रसाद, रजिस्टार

छात्रों का भविष्य अंधकार में
स्थानीय अधिवक्ता डॉ.राजीव जोशी ने कहा कि इस विवि को बर्बाद होने से अब कोई नहीं बचा सकता है. क्योंकि यहां छात्र का भविष्य बनाया नहीं, बिगाड़ा जाता है. उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब गिने हुए छात्र इस विवि में पढ़ने आएगें. वहीं विवि के रजिस्टार डॉ. कपिलदेव प्रसाद ने छात्रों की बातों को नकारते हुए कहा कि विवि में कोई परेशानी नहीं है. जो छात्र परेशानी लेकर मेरे पास आते हैं, उनका समाधान तुरंत कर दिया जाता है.

विश्वविद्यालय में छात्रों के सामने कई परेशानी

विवि में कोई सुधार नहीं
बता दें कि सन् 1992 में दरभंगा के ललित नारायण मिथिला विवि से अलग कर मधेपुरा में बीएन मंडल विवि की स्थापना की गई थी. इसका मुख्य उद्देश्य था कि पिछड़े क्षेत्र के बच्चे आसानी से कम खर्च में उच्च शिक्षा हासिल कर सके. लेकिन यहां विवि खुलते ही सब कुछ विपरीत होने लगा छात्र हित में कार्य कम और लूट-खसोट चरम पर पहुंच गया. जिसके कारण अब तक कई पूर्व कुलपति से लेकर दर्जनों अधिकारी और कर्मचारी बेऊर जेल का हवा खा चुके हैं. लेकिन विवि में अभी तक कोई सुधार नहीं आया है.

Intro:मधेपुरा का बीएन मंडल यूनिवर्सिटी जहां अधिकारियों व कर्मचारियों की लाल फीताशाही व लूट खसौट से आजीज छात्रों का हो रहा है मोह भंग।इस यूनिवर्सिटी में अब कोई पढ़ना तक नहीं चाहते हैं।


Body:विश्व का पहला विश्वविद्यालय बन गया है मधेपुरा का बीएन मंडल विश्वविद्यालय जहां अधिकारियों व कर्मचारियों की मनमानी व लालफीताशाही से खासकर छात्रों को भाड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।उल्लेखनीय बात तो यह है कि छात्रों की समस्याओं को कोई देखने व सुनने बाला नही है।जिसके कारण छोटे मोटे कार्यो को लेकर छात्र दो दो साल तक विश्वविद्यालय का चक्कर काटते रह जाते हैं,फिर भी कार्य नही होता है। इतना ही नहीं अब तो कुछ छात्र आजीज होकर पढ़ना भी छोड़ दिया ।उल्लेखनीय बात तो यह है कि यहां के छात्र दूसरे विश्वविद्यालय की ओर मुखातिब होने लगे हैं।विश्वविद्यालय की हालत ऐसी बन गई है कि अगर किसी छात्र व छात्राओं का रिजल्ट पेंडिंग हो गया या कोई गड़बड़ी हो गई तो उनका जीवन ही नर्क बन जाता है।बता दें कि विश्वविद्यालय के सर्वाधिक अधिकारी व कर्मचारी सिर्फ कमाने के चक्कर में रहते हैं उन्हें छात्रों की समस्या से कोई लेना देना नहीं रहता है।पीड़ित छात्र यूँ ही विश्वविद्यालय में चक्कर काटते रहते हैं।अगर गलती से किसी का कार्य हो भी जाता है तो उनसे हर टेबल पर अलग अलग नजराना लिया जाता है।यह विश्वविद्यालय लूट खसौट का अड्डा और बुचर खाना में तब्दील है।सहरसा एमएलटी कॉलेज की छात्रा अनसुली कुमारी बताती है कि वे पिछले तीन साल से विश्वविद्यालय का चक्कर काट रही हैं।लेकिन आज तक सिर्फ आश्वाशन ही दिया जा रहा है ।छात्र नेता राहुल यादव का कहना है कि विश्वविद्यालय में व्याप्त मनमानी,लूट खसौट और छात्रों की परेशानी के विरुद्ध पिछले पांच साल से उग्र आंदोलन किया ,लेकिन सबके सब ढाक के तीन पात साबित होकर रह गया।उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में उच्चाधिकारी से लेकर सर्वाधिक कनीय अधिकारी व कर्मचारी लूट खसौट में लीन है ।यही कारण है कि आंदोलन की गूंज का असर नहीं होता है।उन्होंने कहा यहां जो भी कुलपति आते हैं समय काटकर अकूत धन कमाकर चले जाते हैं।उन्हें छात्र व विश्वविद्यालय की समस्या से कोई मतलब नहीं रहता है।स्थानीय अधिवक्ता डॉ0राजीव जोशी ने कहा कि इस यूनिवर्सिटी को बर्बाद होने से अब कोई नहीं बचा सकता है, क्योंकि यहां छात्र का भविष्य बनता नहीं बिगड़ जाता है।वह दिन दूर नहीं जब उंगलियों पर गिने छात्र यहां पढ़ने आएंगे।बता दें कि वर्ष 1992 में दरभंगा के ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय से काटकर मधेपुरा में बीएन मंडल विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी।इसका मुख्य मकशद था कि इस पिछड़े क्षेत्र के लोग आसानी से व कम खर्च में साधारण तबके के बच्चे भी उच्च शिक्षा हासिल कर सके।लेकिन यहां विश्वविद्यालय खुलते ही सब कुछ विपरीत होने लगा छात्र हित में कार्य कम और लूट खसौट चरम पर पहुँच गया।जिसके कारण अब तक कई पूर्व कुलपति से लेकर दर्जनों अधिकारी व कर्मचारी बेउर जेल का हवा खा चुके हैं।अभी भी कई भ्रष्टाचार के मामले न्यायालय में चल रहा है।इतना होने के बाद भी विश्वविद्यालय में कोई सुधार नही हुआ।हैरत की बात तो यह है कि जब छात्रों को हो रही परेशानी पर विश्वविद्यालय के रजिस्टार डॉ0कपिलदेव प्रसाद से पूछा गया तो उन्होंने ने शिरे से नकारते हुए कहा कि कोई परेशानी नहीं है।जो छात्र परेशानी लेकर मेरे पास आते हैं तो उनका समाधान तुरंत किया जाता है। बाइट–--1---अंसुली कुमारी--पीड़ित छात्रा।बाइट---2----राहुल यादव---एवीपी छात्र नेता।बाइट--3----डॉ0राजीव जोशी--स्थानीय अधिवक्ता।बाइट----4----डॉ0कपिलदेव प्रसाद--रजिस्टार बीएन मंडल यूनिवर्सिटी मधेपुरा।


Conclusion:मधेपुरा से रुद्रनारायण ।
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