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मॉनसून की पहली बारिश ने खोली व्यवस्था की पोल, SDO कार्यालय परिसर भी झील में तब्दील

पिछले पंद्रह साल से बरसात के मौसम में इसी तरह के हालात नजर आते हैं. लेकिन आज तक अधिकारियों की ओर से जल निकासी के लिए कोई सार्थक पहल नहीं की गयी.

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Published : Jul 10, 2019, 11:50 AM IST

SDO कार्यालय परिसर भी झील में तब्दील

मधेपुरा: पहले राउंड की मॉनसून बारिश ने शहर को पानी-पानी कर दिया है. पहली ही बारिश ने सरकार और नगर परिषद के लापरवाही की पोल खोल दी है. एसडीओ कार्यालय परिसर भी झील में तब्दील हो गया है.आम लोगों और कर्मचारियों का कार्यालय आना भी मुश्किल हो गया है.

जल-निकासी का सिस्टम पूरी तरह से फेल
एसडीओ कार्यालय की ये स्थिति कोई पहली बार नहीं हुई है. पिछले पंद्रह साल से बरसात के मौसम में इसी तरह के हालात नजर आते हैं. पूरे शहर का पानी यहीं आकर जमा हो जाता है. शहर में जल-निकासी का सिस्टम पूरी तरह से फेल हो गया है. एक भी नाला काम नहीं कर रहा है. आज तक अधिकारियों की ओर से जल निकासी की कोई सार्थक पहल नहीं की गयी. जबकि नगर परिषद क्षेत्र में नाला निर्माण के नाम पर करोड़ों रुपये की निकासी होती रही है.

SDO कार्यालय परिसर भी झील में तब्दील

अधिकारी कर रहे लीपापोती
स्थानीय लोगों का कहना है कि गंदा पानी जमा रहने के कारण हाथ पांव खराब हो रहे हैं. दुकान पर ग्राहक भी नहीं आते हैं. मामले में नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी प्रवीण कुमार ने बताया कि एसडीओ कार्यालय और मुख्य शहर में जमा पानी को जल्द से जल्द हटाने की कवायद शुरु कर दी जाएगी. इसके लिए अलग से मजदूर लगाए जा रहे है. बरसात के बाद पानी निकासी की स्थायी व्यवस्था की जाएगी ताकि जल जमाव की समस्या से निजात मिल सके.

मधेपुरा: पहले राउंड की मॉनसून बारिश ने शहर को पानी-पानी कर दिया है. पहली ही बारिश ने सरकार और नगर परिषद के लापरवाही की पोल खोल दी है. एसडीओ कार्यालय परिसर भी झील में तब्दील हो गया है.आम लोगों और कर्मचारियों का कार्यालय आना भी मुश्किल हो गया है.

जल-निकासी का सिस्टम पूरी तरह से फेल
एसडीओ कार्यालय की ये स्थिति कोई पहली बार नहीं हुई है. पिछले पंद्रह साल से बरसात के मौसम में इसी तरह के हालात नजर आते हैं. पूरे शहर का पानी यहीं आकर जमा हो जाता है. शहर में जल-निकासी का सिस्टम पूरी तरह से फेल हो गया है. एक भी नाला काम नहीं कर रहा है. आज तक अधिकारियों की ओर से जल निकासी की कोई सार्थक पहल नहीं की गयी. जबकि नगर परिषद क्षेत्र में नाला निर्माण के नाम पर करोड़ों रुपये की निकासी होती रही है.

SDO कार्यालय परिसर भी झील में तब्दील

अधिकारी कर रहे लीपापोती
स्थानीय लोगों का कहना है कि गंदा पानी जमा रहने के कारण हाथ पांव खराब हो रहे हैं. दुकान पर ग्राहक भी नहीं आते हैं. मामले में नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी प्रवीण कुमार ने बताया कि एसडीओ कार्यालय और मुख्य शहर में जमा पानी को जल्द से जल्द हटाने की कवायद शुरु कर दी जाएगी. इसके लिए अलग से मजदूर लगाए जा रहे है. बरसात के बाद पानी निकासी की स्थायी व्यवस्था की जाएगी ताकि जल जमाव की समस्या से निजात मिल सके.

Intro:मधेपुरा एसडीओ कार्यालय डूबा, कार्यालय में घुसा बारिश का पानी।एक ही बारिश ने खोल दिया सरकार और नगर परिषद की लापरवाही का पोल।शहर तो शहर एसडीओ कार्यालय परिसर बना झील।कार्यालय आना भी हुआ कर्मचारियों व आम लोगों को मुश्किल।


Body:बता दें कि एक ही बारिश में मधेपुरा के एसडीओ कार्यालय व शहर पानी पानी हो गया।सबसे उल्लेखनीय बात यह कि अक्सर सभी तरह की समस्या को लेकर लोग एसडीओ और डीएम के दरबार में गुहार लगाने जाते हैं ।लेकिन हैरत की बात तो यह है कि मधेपुरा जिला मुख्यालय स्थित एसडीओ कार्यालय के परिसर व मुख्य द्वार पर जब से बारिश शुरू हुई है उसी दिन से पानी इस तरह जमा है ।जिसे देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि ये एसडीओ कार्यालय नहीं तालाब है।हालत यह है कि एसडीओ साहब तो सरकारी लग्जरी गाड़ी में बैठकर कार्यालय चले जाते हैं।लेकिन अन्य कर्मचारी व आम लोग को कार्यालय जाने में भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है।हर कोई कपड़े व चप्पल जूते हाथ में उठाकर पानी पार कर कार्य करवाने एसडीओ कार्यालय जाते हैं।एसडीओ कार्यालय की ये स्थिति कोई पहली बार नहीं हुई है बल्कि पिछले पंद्रह साल से इसी तरह की हालात बरसात के मौसम में हो जाता है और संपूर्ण शहर का पानी यहीं आकर जमा हो जाता है इसका मुख्य कारण है कि एक भी नाला काम नहीं कर रहा है।सबसे दुखद बात यह है कि आज तक अधिकारियों के द्वारा पानी निकासी की कोई सार्थक पहल नहीं किया जा सका है।जबकि नगर परिषद क्षेत्र में नाला निर्माण के नाम पर करोड़ों रुपये की निकासी होती रही है।लेकिन मास्टर प्लान के मुताबिक नाला निर्माण का कार्य नहीं किये जाने के कारण पानी की निकासी नहीं होती है।और बरसात के दिनों में मधेपुरा नगर परिषद नरक में तब्दील हो जाता है।लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं।स्थानीय दुकानदार अशोक कामती कहते हैं कि पानी जमा रहने के कारण हाथ पौ खराब हो गया है, दुकान पर ग्राहक भी नहीं आते हैं।इस बाबत नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी प्रवीण कुमार ने बताया कि एसडीओ कार्यालय और मुख्य शहर में जमा पानी को अबिलम्ब हटाया जाएगा।इसके लिए अलग से मजदूर लगाया जा रहा है।बरसात के बाद पानी निकासी की स्थायी व्यवस्था किया जाएगा ताकि जल जमाव की समस्या शहर में नहीं रहे।बाइट-1-अशोक कामती--स्थानीय दुकानदार। बाइट---2---प्रवीण कुमार---कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद मधेपुरा।


Conclusion:मधेपुरा से ईटीवी भ्रातनके लिए रुद्रनारायण ।
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