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स्कूल परिसर के बीचों बीच बना ये खंडहर हादसों को दे रहा दावत, कुंभकर्णी नींद में सो रहा प्रशासन

जिले के सिंहेश्वर प्रखंड के राजकीय बुनियादी अभ्यास स्कूल परिसर के बीचों बीच बना खंडहर हादसों को दावत दे रहा है. चार सौ से अधिक बच्चे डर के साए में खेलने को मजबूर हैं.

स्कूल परिसर के बीचों बीच बना खंडहर
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Published : Feb 28, 2019, 12:44 PM IST

मधेपुरा: जिले के सिंहेश्वर प्रखंड के सुखासन गांव स्थित राजकीय बुनियादी अभ्यास स्कूल परिसर के बीचों बीच बना खंडहर हादसों को दावत दे रहा है. सौ साल पहले बना भवन की जर्जर दीवारें कभी भी बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है.

चार सौ से अधिक बच्चे डर के साए में खेलने को मजबूर
इस स्कूल में क्लास वन से आठवीं तक कि पढ़ाई होती है. अभी कुल चार सौ से अधिक बच्चे यहां पढ़ रहे हैं. स्कूल की छात्रा भी कहती है कि सभी बच्चे काफी डरे सहमे रहते हैं. इस खंडहर के कारण खुलकर खेल भी नहीं पाते. बहुत छोटे बच्चों की लगातार निगरानी करनी पड़ती है कि कोई खेल-खेल में भी वहां ना चला जाए.

जानकारी के बाद भी विभाग ने नहीं की कोई कार्रवाई
वहीं हेडमास्टर संतोष कुमार ने बताया कि स्थिति की लिखित जानकारी कई बार जिला शिक्षा पदाधिकारी को दी गई है. इसके बावजूद भी अब तक जर्जर भवन की दीवार को न ही तोड़ कर हटाने का आदेश मिला और न ही विभाग ने खुद इसे हटाया है. हर वक्त डर बना रहता है कि कहीं बच्चे उसकी चपेट में ना आ जाए या फिर भवन से निकलने वाला जहरीले सांप या कीड़े उन्हें नुकसान ना पहुंचा दें.

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मधेपुरा राजकीय बुनियादी अभ्यास स्कूल की हालत

जेडीयू ने जल्द मामले के निष्पादन का दिया भरोसा
मामले में जेडीयू प्रदेश प्रवक्ता निखिल मंडल ने ईटीवी की टीम को बधाई देते हुए धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि डीएम और जिला शिक्षा पदाधिकारी से बात कर फौरन जर्जर भवन की दीवार को हटाने के लिए बात करूंगा. जल्द से जल्द समस्या को सुलझा लिया जाएगा.

मधेपुरा: जिले के सिंहेश्वर प्रखंड के सुखासन गांव स्थित राजकीय बुनियादी अभ्यास स्कूल परिसर के बीचों बीच बना खंडहर हादसों को दावत दे रहा है. सौ साल पहले बना भवन की जर्जर दीवारें कभी भी बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है.

चार सौ से अधिक बच्चे डर के साए में खेलने को मजबूर
इस स्कूल में क्लास वन से आठवीं तक कि पढ़ाई होती है. अभी कुल चार सौ से अधिक बच्चे यहां पढ़ रहे हैं. स्कूल की छात्रा भी कहती है कि सभी बच्चे काफी डरे सहमे रहते हैं. इस खंडहर के कारण खुलकर खेल भी नहीं पाते. बहुत छोटे बच्चों की लगातार निगरानी करनी पड़ती है कि कोई खेल-खेल में भी वहां ना चला जाए.

जानकारी के बाद भी विभाग ने नहीं की कोई कार्रवाई
वहीं हेडमास्टर संतोष कुमार ने बताया कि स्थिति की लिखित जानकारी कई बार जिला शिक्षा पदाधिकारी को दी गई है. इसके बावजूद भी अब तक जर्जर भवन की दीवार को न ही तोड़ कर हटाने का आदेश मिला और न ही विभाग ने खुद इसे हटाया है. हर वक्त डर बना रहता है कि कहीं बच्चे उसकी चपेट में ना आ जाए या फिर भवन से निकलने वाला जहरीले सांप या कीड़े उन्हें नुकसान ना पहुंचा दें.

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मधेपुरा राजकीय बुनियादी अभ्यास स्कूल की हालत

जेडीयू ने जल्द मामले के निष्पादन का दिया भरोसा
मामले में जेडीयू प्रदेश प्रवक्ता निखिल मंडल ने ईटीवी की टीम को बधाई देते हुए धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि डीएम और जिला शिक्षा पदाधिकारी से बात कर फौरन जर्जर भवन की दीवार को हटाने के लिए बात करूंगा. जल्द से जल्द समस्या को सुलझा लिया जाएगा.

Intro:मधेपुरा में सरकारी स्कूल के बच्चे खतरनाक व जानलेवा जर्जर पुराने खंडहर तथा खंडहर से निकलने बाला जहरीला सांप के आगोश में पढ़ने और खेलने को हैं मजबूर।स्कूल के हेडमास्टर द्वारा जर्जर खंडहर को हटाने के लिए कई बार उच्चाधिकारियों को भेज पत्र।लेकिन न ही खंडहर को हटाने का आदेश मिला और न ही हटाया गया।जिसके कारण बच्चे व शिक्षक हैं भयभीत।जेडीयू के प्रदेश प्रवक्ता निखिल मंडल ने इस तरह की खबर को संकलन कर उजागर करने के लिए ईनाडु टीम को बधाई दी है।


Body:मधेपुरा जिले के सिंहेश्वर प्रखंड के सुखासन गांव स्थित राजकीय बुनियादी अभ्यास स्कूल के बीचो बीच परिसर में एक सौ साल पूर्व बना भवन के खड़े जर्जर दीवार कभी भी बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है।इतना ही नहीं इस खंडहर से बराबर निकलने बाला विषैला सांप और कीड़े मकोड़े भी बच्चों के लिए घातक बना हुआ है।विद्यालय के हेडमास्टर संतोष कुमार ने बताया कि स्थिति की लिखित जानकारी कई बार जिला शिक्षा पदाधिकारी को दी गई।बावजूद अब तक जर्जर भवन के दीवार को न ही तोड़ कर हटाने का आदेश मिला और न ही विभाग द्वारा हटाया गया है।जिसके कारण हर वक्त भय बना रहता है कि कहीं बच्चे उसके चपेट नहीं आ जाय या फिर उससे निकलने बाला जहरीला सांप आदि निकलकर न हानि पहुँचा दें।इस स्कूल में वर्ग एक से आठ तक कि पढ़ाई होती है जहां अभी चार सौ से अधिक बच्चे पढ़ रहे हैं।स्कूल में पढ़ने बाली बच्ची भी कहती हैं कि वे काफी डरी सहमी रहती हैं खुलकर खेल भी नहीं पाती।इस बाबत जेडीयू के प्रदेश प्रवक्ता निखिल मंडल ने कहा कि इस तरह की समाचार संकलन कर उजागर करने के लिए ईनाडु टीम को मैं बधाई देता हूँ और डीएम मधेपुरा तथा जिला शिक्षा पदाधिकारी से तुरंत बात कर इस जर्जर भवन के दीवार को हटाने हेतु बात करूँगा। बाइट-1---संतोष कुमार--एचएम।बाइट----2-----3-----छात्रा।बाइट----4-----निखिल मंडल----प्रदेश प्रवक्ता जेडीयू।


Conclusion:सरकार भले ही बच्चों के लिए एक से एक योजना ला रही है।लेकिन उनके मुलाजिम की लापरवाही के कारण आज स्कूली बच्चे की जान सांसत में हैं।
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