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बिहार सरकार की नीति के खिलाफ RJD विधायक का फूटा गुस्सा - प्रो चंद्रशेखर

बिहार सरकार की दो रंगी नीति को लेकर विपक्ष विरोध जता रहे हैं. राजद विधायक ने विरोध जताते हुए कहा कि सिंहेश्वर में महा शिवरात्रि के अवसर पर कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया. वहीं दूसरी ओर सहरसा के बनगांव में होली महोत्सव के लिए सरकार ने 20 लाख रुपये दिया है.

पूर्व मंत्री प्रो. चंद्रशेखर
पूर्व मंत्री प्रो. चंद्रशेखर
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Published : Mar 10, 2021, 9:19 AM IST

मधेपुरा: बिहार का देवघर कहे जाने बाबा भोला की नगरी सिंघेश्वर में शिव रात्रि के मौके पर प्रत्येक वर्ष कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. लेकिन इस वर्ष कोरोना वायरस के कारण कार्यक्रम रद्द कर दिया गया है. वहीं दूसरी तरफ सहरसा के बनगांव में राजकीय होली महोत्सव करने का आदेश देते हुए सरकार ने 20 लाख रुपये आवंटित किया है. अब इस लेकर सवाल उठाया जा रहा है.

इसे भी पढ़ें: मंगलवार को बिहार में कोरोना के 41 नए मामले आए सामने, 43416 लोगों का हुआ वैक्सीनेशन

विपक्ष ने जताया विरोध
सरकार के इस दो रंगी नीति को लेकर विपक्ष के साथ-साथ पक्ष के नेता भी विरोध जता रहे हैं. इस बात को लेकर मधेपुरा के राजद विधायक सह बिहार सरकार के पूर्व मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने आक्रोश व्यक्त किया है. साथ ही उन्होंने कहा है कि बिहार सरकार के इस दो रंगी नीति के खिलाफ सड़क से सदन तक वाज बुलंद की जाएगी. उन्होंने कहा कि बिहार का देवघर कहे जाने वाला बाबा भोले की नगरी सिंघेश्वर में होने वाले महोत्सव को कोरोना के नाम पर रद्द कर दिया गया. वहीं सहरसा के बनगांव की होली के अवसर पर राज्य स्तरीय महोत्सव आयोजित करने का आदेश देना बेशर्मी का हद है.

सिंहेश्वर महादेव मंदिर.
सिंहेश्वर महादेव मंदिर.

ये भी पढ़ें: बिहार में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 2.62 लाख के पार, अब तक 1547 लोगों की मौत

महोत्सव के आयोजन की मांग
इस दोहरे मापदंड के खिलाफ विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कुत्सित मानसिकता को उजागर किया जाएगा. पूर्व मंत्री ने कहा कि बनगांव के साथ-साथ सिंघेश्वर में भी महोत्सव का आयोजन होना चाहिए. अगर ऐसा नहीं होता है तो समझा जाएगा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार धर्म, धार्मिक स्थल और बाबा भोले के साथ भेदभाव करते हैं. उन्होंने कहा कि आजाद देश के एक राज्य में दो तरह का विधान, दो तरह का आदेश नहीं चल सकता है. इससे यह भी स्पष्ट होता है कि स्थान देखकर नीतीश कुमार का सुशासन भेदभाव करता है.

देखें रिपोर्ट.

जब सरकार ने आदेश जारी कर रखा है कि 31 मार्च तक कोई भी महोत्सव का आयोजन नहीं होगा. तो फिर किस परिस्थिति में सहरसा बनगांव की होली को महोत्सव का दर्जा देते हुए 20 लाख रुपये राशि आवंटित किया गया है. जबकि उस आदेश के आड़ में मधेपुरा में स्थित बिहार का देवघर कहे जाने वाला बाबा भोले की नगरी सिंघेश्वर धाम में होने वाले महोत्सव को रद्द कर दिया गया है. -प्रो. चंद्रशेखर, पूर्व मंत्री

बिहार सरकार को इस तरह के दो रंगी नीति नहीं अपनानी चाहिए. सहरसा के होली महोत्सव के साथ साथ सिंहेश्वर महोत्सव का भी आयोजन करना चाहिए. यदि ऐसा नहीं हुआ तो कोसी के इलाके में सरकार और सरकारी नीति की किरकिरी हो जाएगी. -राहुल कुमार, बीजेपी कमेटी के सदस्य

मधेपुरा: बिहार का देवघर कहे जाने बाबा भोला की नगरी सिंघेश्वर में शिव रात्रि के मौके पर प्रत्येक वर्ष कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. लेकिन इस वर्ष कोरोना वायरस के कारण कार्यक्रम रद्द कर दिया गया है. वहीं दूसरी तरफ सहरसा के बनगांव में राजकीय होली महोत्सव करने का आदेश देते हुए सरकार ने 20 लाख रुपये आवंटित किया है. अब इस लेकर सवाल उठाया जा रहा है.

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विपक्ष ने जताया विरोध
सरकार के इस दो रंगी नीति को लेकर विपक्ष के साथ-साथ पक्ष के नेता भी विरोध जता रहे हैं. इस बात को लेकर मधेपुरा के राजद विधायक सह बिहार सरकार के पूर्व मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने आक्रोश व्यक्त किया है. साथ ही उन्होंने कहा है कि बिहार सरकार के इस दो रंगी नीति के खिलाफ सड़क से सदन तक वाज बुलंद की जाएगी. उन्होंने कहा कि बिहार का देवघर कहे जाने वाला बाबा भोले की नगरी सिंघेश्वर में होने वाले महोत्सव को कोरोना के नाम पर रद्द कर दिया गया. वहीं सहरसा के बनगांव की होली के अवसर पर राज्य स्तरीय महोत्सव आयोजित करने का आदेश देना बेशर्मी का हद है.

सिंहेश्वर महादेव मंदिर.
सिंहेश्वर महादेव मंदिर.

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महोत्सव के आयोजन की मांग
इस दोहरे मापदंड के खिलाफ विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कुत्सित मानसिकता को उजागर किया जाएगा. पूर्व मंत्री ने कहा कि बनगांव के साथ-साथ सिंघेश्वर में भी महोत्सव का आयोजन होना चाहिए. अगर ऐसा नहीं होता है तो समझा जाएगा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार धर्म, धार्मिक स्थल और बाबा भोले के साथ भेदभाव करते हैं. उन्होंने कहा कि आजाद देश के एक राज्य में दो तरह का विधान, दो तरह का आदेश नहीं चल सकता है. इससे यह भी स्पष्ट होता है कि स्थान देखकर नीतीश कुमार का सुशासन भेदभाव करता है.

देखें रिपोर्ट.

जब सरकार ने आदेश जारी कर रखा है कि 31 मार्च तक कोई भी महोत्सव का आयोजन नहीं होगा. तो फिर किस परिस्थिति में सहरसा बनगांव की होली को महोत्सव का दर्जा देते हुए 20 लाख रुपये राशि आवंटित किया गया है. जबकि उस आदेश के आड़ में मधेपुरा में स्थित बिहार का देवघर कहे जाने वाला बाबा भोले की नगरी सिंघेश्वर धाम में होने वाले महोत्सव को रद्द कर दिया गया है. -प्रो. चंद्रशेखर, पूर्व मंत्री

बिहार सरकार को इस तरह के दो रंगी नीति नहीं अपनानी चाहिए. सहरसा के होली महोत्सव के साथ साथ सिंहेश्वर महोत्सव का भी आयोजन करना चाहिए. यदि ऐसा नहीं हुआ तो कोसी के इलाके में सरकार और सरकारी नीति की किरकिरी हो जाएगी. -राहुल कुमार, बीजेपी कमेटी के सदस्य

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