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Bihar Shikshak Niyojan: सड़क पर उतरे शिक्षा मंत्री के चाचा, बोले- 'नई नियमावली शिक्षकों के लिए काला कानून'

बिहार में नई शिक्षक नियमावली को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहा है. सोमवार को मधेपुरा में शिक्षा मंत्री के चाचा परमेश्वरी प्रसाद यादव ने भी नई नियमावली के खिलाफ प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि मांग पूरी नहीं होगी तो हम रिटायर्ड शिक्षक जान दे देंगे, लेकिन मांग के लिए लड़ते रहेंगे. नई नियमावली काला कानून है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : May 1, 2023, 5:13 PM IST

मधेपुरा में शिक्षा मंत्री के चाचा परमेश्वरी प्रसाद यादव नई नियमावली का किया विरोध

मधेपुराः बिहार के मधेपुरा में मजदूर दिवस पर शिक्षक संघ ने विरोध किया. इस दौरान बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर के चाचा ने भी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. कहा कि सरकार ने जो शिक्षक बहाली को लेकर नई नियमावली जारी की है, वह गलत है. सरकार बिना परीक्षा लिए शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दें. इस दौरान शिक्षक संघ के सदस्दयों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

ये भी पढ़ेंः Patna News: पीएमसीएच की नर्सों ने किया प्रदर्शन, अस्पताल अधीक्षक को हटाने की मांग

शिक्षा मंत्री के गृह जिला में प्रदर्शनः यह प्रतिरोध मुख्य सड़क मार्ग से होते हुए समाहरणालय के मुख्य द्वार के पास से गुजरते हुए कला भवन के पास सभा मे तब्दील हो गया. शिक्षा मंत्री के गृह जिला में जमकर प्रदर्शन किया गया. खुद मंत्री के चाचा सहित अन्य शिक्षक नेताओं ने मुर्दाबाद के नारे लगाए. इस दौरान माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष डॉ कृष्ण कुमार यादव ने सरकार पर निशाना साधा. कहा कि महागठबंधन के नेताओं ने जो वादा करके सरकार में आयी थी, आज उन वादों से मुकर कर नई शिक्षा नीति लायी है, जो काला कानून से कम नहीं है.

नीति को वापस लेने की मांगः उन्होंने कहा कि ऐसे हजारों शिक्षक हैं, जिनकी उम्र 55 से 59 वर्ष हो गयी है. अब वे बीपीएससी की परीक्षा कैसे उत्तीर्ण कर पाएंगे. कुछ ऐसे शिक्षक हैं, जो एक साल में रिटायर्ड होने के कगार पर हैं. ऐसे में वे युवाओं के साथ परीक्षा देने में सक्षम नहीं है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि नई शिक्षा नीति को समाप्त करें और माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रमंडलीय सचिव और शिक्षा मंत्री के चाचा परमेश्वरी प्रसाद यादव ने अपने भतीजा शिक्षा मंत्री को आगाह करते हुए कहा कि शिक्षक विरोधी शिक्षा नीति को वापस लें वरना सरकार चलना मुश्किल हो जाएगा.

"सरकार ने जो शिक्षक बहाली को लेकर नई नियमावली जारी किया है, इसी के विरोध में मजदूर दिवस पर यह प्रदर्शन किया जा रहा है. जबतक हमारी मांगे पूरी नहीं होती है, तब तक प्रदर्शन होता रहेगा. सरकार बिना परीक्षा लिए राज्यकर्मी का दर्जा दें, यह हमारी मुख्य मांग है." -डॉ कृष्ण कुमार यादव, जिलाध्यक्ष, माध्यमिक शिक्षक संघ मधेपुरा

"नई नियमावली शिक्षकों के लिए काला कानून है. पूर्व से भी जो सुविधा मिल रही थी, उस सुविधा को भी समाप्त कर दिया गया है. सरकार बिना परीक्षा लिए राज्यकर्मी का दर्जा घोषित करे. समान काम के साथ समान वेतन और ट्रांसफर नीति को लागू किया जाए. मांग पूरी नहीं होगी तो हम रिटायर्ड शिक्षक जान दे देंगे, लेकिन मांग के लिए लड़ते रहेंगे." -परमेश्वरी प्रसाद यादव, शिक्षा मंत्री के चाचा

मधेपुरा में शिक्षा मंत्री के चाचा परमेश्वरी प्रसाद यादव नई नियमावली का किया विरोध

मधेपुराः बिहार के मधेपुरा में मजदूर दिवस पर शिक्षक संघ ने विरोध किया. इस दौरान बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर के चाचा ने भी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. कहा कि सरकार ने जो शिक्षक बहाली को लेकर नई नियमावली जारी की है, वह गलत है. सरकार बिना परीक्षा लिए शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दें. इस दौरान शिक्षक संघ के सदस्दयों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

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शिक्षा मंत्री के गृह जिला में प्रदर्शनः यह प्रतिरोध मुख्य सड़क मार्ग से होते हुए समाहरणालय के मुख्य द्वार के पास से गुजरते हुए कला भवन के पास सभा मे तब्दील हो गया. शिक्षा मंत्री के गृह जिला में जमकर प्रदर्शन किया गया. खुद मंत्री के चाचा सहित अन्य शिक्षक नेताओं ने मुर्दाबाद के नारे लगाए. इस दौरान माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष डॉ कृष्ण कुमार यादव ने सरकार पर निशाना साधा. कहा कि महागठबंधन के नेताओं ने जो वादा करके सरकार में आयी थी, आज उन वादों से मुकर कर नई शिक्षा नीति लायी है, जो काला कानून से कम नहीं है.

नीति को वापस लेने की मांगः उन्होंने कहा कि ऐसे हजारों शिक्षक हैं, जिनकी उम्र 55 से 59 वर्ष हो गयी है. अब वे बीपीएससी की परीक्षा कैसे उत्तीर्ण कर पाएंगे. कुछ ऐसे शिक्षक हैं, जो एक साल में रिटायर्ड होने के कगार पर हैं. ऐसे में वे युवाओं के साथ परीक्षा देने में सक्षम नहीं है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि नई शिक्षा नीति को समाप्त करें और माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रमंडलीय सचिव और शिक्षा मंत्री के चाचा परमेश्वरी प्रसाद यादव ने अपने भतीजा शिक्षा मंत्री को आगाह करते हुए कहा कि शिक्षक विरोधी शिक्षा नीति को वापस लें वरना सरकार चलना मुश्किल हो जाएगा.

"सरकार ने जो शिक्षक बहाली को लेकर नई नियमावली जारी किया है, इसी के विरोध में मजदूर दिवस पर यह प्रदर्शन किया जा रहा है. जबतक हमारी मांगे पूरी नहीं होती है, तब तक प्रदर्शन होता रहेगा. सरकार बिना परीक्षा लिए राज्यकर्मी का दर्जा दें, यह हमारी मुख्य मांग है." -डॉ कृष्ण कुमार यादव, जिलाध्यक्ष, माध्यमिक शिक्षक संघ मधेपुरा

"नई नियमावली शिक्षकों के लिए काला कानून है. पूर्व से भी जो सुविधा मिल रही थी, उस सुविधा को भी समाप्त कर दिया गया है. सरकार बिना परीक्षा लिए राज्यकर्मी का दर्जा घोषित करे. समान काम के साथ समान वेतन और ट्रांसफर नीति को लागू किया जाए. मांग पूरी नहीं होगी तो हम रिटायर्ड शिक्षक जान दे देंगे, लेकिन मांग के लिए लड़ते रहेंगे." -परमेश्वरी प्रसाद यादव, शिक्षा मंत्री के चाचा

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