मधेपुरा: जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सांसद पप्पू यादव ( JAP Chief Pappu Yadav ) को 32 साल पुराने अपहरण केस में मधेपुरा कोर्ट ने बरी कर दिया है. मुरलीगंज थाने में दर्ज 32 साल पुराने कथित अपहरण के मामले में पप्पू यादव को मधेपुरा कोर्ट के द्वारा सबूतों के अभाव में बाइज्जत बरी किया गया है. बाइज्जत बरी होने के बाद बाहर निकलते ही पप्पू यादव भावुक हो गए. पप्पू यादव ने कहा कि 5 महीने में जो टॉर्चर किया गया है वह शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा है कि देश में आपातकाल की स्थिति बनी हुई है.
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''करोड़ों जनता का आशीर्वाद है, सत्य जीतता है, इतना परेशान और टॉर्चर किया गया. कुछ न्याय व्यवस्था आज भी जिंदा है जिसके चलते लोकतंत्र और संविधान बचा हुआ है. देश की स्थिति बहुत बुरी है. आपातकाल जैसी स्थिति है. मैं सिर्फ इतना कहूंगा कि सच्चाई की जीत है. जनता के आशीर्वाद से न्याय व्यवस्था ने जो फैसला सुनाया मैं भगवान की तरह उनका स्मरण करता हूं. सत्य कभी परेशान नहीं होता. एक ऐसे केस में पांच महीना मुझे रखा गया जिसमें आम आदमी को एक दिन नहीं रखा जा सकता है.''- पप्पू यादव, जाप सुप्रीमो
पप्पू यादव ने कहा कि देश की परिस्थिति काफी खराब है. किसानों के साथ अत्याचार हो रहा है. जब मन आए हरियाणा के बॉर्डर पर मार दो. जब मन हो उत्तर प्रदेश में गाड़ी चढ़ाकर मार दो. किसी को बंद कमरे में कैद करके मार दो. उनका इशारा अपनी ओर था.
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इससे पहले पप्पू यादव ने ट्टीट करते हुए कहा था कि ''इंसाफ हुआ, षड्यंत्र बेनकाब हुआ. जनता के आशीर्वाद से आज बाइज्जत बरी हो गया. साबित हो गया फर्जी मुकदमा में मुझे कैद किया गया था. न्यायालय के प्रति आभार! मैं रुकूंगा नहीं, झुकूंगा नहीं, थकूंगा नहीं, लड़ता रहूंगा. आज से फिर संघर्ष पथ पर आगे बढूंगा.''
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मैं रुकूंगा नहीं, झुकूंगा नहीं, थकूंगा नहीं, लड़ता रहूंगा! आज से फिर संघर्ष पथ पर आगे बढूंगा।
दरअसल, 32 साल पुराने मामले में अंतिम फैसला सुनाते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह विशेष अदालत (MP/MLA cases) मधेपुरा निशिकांत ठाकुर ने पप्पू यादव को साक्ष्य के अभाव में रिहा करने के आदेश दिए हैं. बता दें कि 11 मई को पटना से पप्पू यादव को गिरफ्तार किया गया था. जाप सुप्रीमो सह मधेपुरा के पूर्व सांसद पप्पू यादव जन प्रतिनिधियों के मुकदमें से संबंधित मामलों की सुनवाई देख रहे मधेपुरा के विशेष अदालत सह एडीजे-3 की कोर्ट में पप्पू यादव उपस्थित हुए थे. गत 30 सितम्बर को बहस के बाद आज वाद निर्णय हेतु निर्धारित था.
मालूम हो कि 11 मई को पटना में जाप सुप्रीमो सह पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ़ पप्पू यादव को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने उन्हें उसी दिन देर रात मधेपुरा में एसीजेएम के न्यायालय में प्रस्तुत किया था, जहां से कोर्ट ने उन्हें रिमांड कर बीरपुर उपकारा भेज दिया था. उनकी मांग पर मधेपुरा न्यायालय ने उन्हें आवश्यक चिकित्सीय सुविधा प्रदान करने का आदेश जेल प्रशासन को दिया था. जिसके बाद मेडिकल बोर्ड की अनुशंसा पर उन्हें डीएमसीएच भेजा गया था. तब से लेकर अभी तक पप्पू यादव न्यायिक अभिरक्षा में ही हैं.
इस बीच जमानत की अर्जी मधेपुरा के एसीजेएम कोर्ट में खारीज होने के बाद जिला न्यायाधीश की अदालत के द्वारा भी खारीज किया गया. पप्पू यादव की जमानत याचिका उच्च न्यायालय में भी लंबित है. परंतु मधेपुरा के न्यायालय में लंबित पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के खिलाफ उनकी उपस्थिति पूर्ण होते ही GR No. 68/ 1989 (Murliganj P.S. case No. 09/1989) में ट्रायल आरम्भ हो गया और गत 24 सितम्बर को MP/ MLA के मामलों को देखने के लिए बनाये गए एडीजे-3 सह विशेष न्यायाधीश की कोर्ट ने उनका बयान दर्ज किया और फिर गत 30 सितम्बर को कोर्ट में बहस की प्रक्रिया पूरी हुई.
उसके बाद सोमवार को मामले में निर्णय सुना दिया गया और उन्हें रिहा करने के आदेश दे दिए गए. इसके बाद पुन: पप्पू यादव को एम्बुलेंस से डीएमसीएच ले जाया गया. उम्मीद है कि सभी बाकी न्यायिक प्रक्रिया के बाद देर शाम पप्पू यादव न्यायिक अभिरक्षा से बाहर होंगे.