मधेपुरा: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री तीतीश कुमार से लेकर नेता प्रतिपक्ष तजस्वी यादव तक ने लाखों युवाओं को नौकरी देने का वादा किया था. लेकिन चुनाव परिणाम के बाद अब रोजगार और नौकरी देने पर जिक्र तक नहीं हो रहा है. ऐसे में युवाओं के सामने घर परिवार चलाने की मजबूरी है. मधेपुरा में सरकारी नौकरी नहीं मिलने पर एक युवक ने पान की दुकान खोल ली और दुकान नाम 'बीएससी बेरोजगार पान दुकान' रखा है. पान की दुकान मधेपुरा समाहरणालय के ठीक सामने मुख्यद्वार पर ही स्थित है. दुकान मुख्य द्वार पर रहने के कारण पान खाने वालों की भीड़ लगी रहती है.
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'बीएससी पास करने के बाद सरकारी नौकरी के लिए काफी भाग दौड़ की और इस दौरान कई प्रतियोगिता परीक्षा भी पास किया, लेकिन सरकार के उदासीन रवैये के कारण नौकरी मिलना तो दूर जो भी वेकेंसी निकाली गई उसका रिजल्ट भी नहीं दिया गया. घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं रहने के कारण निर्णय लिया कि कुछ कर्ज लेकर कम पूंजी में पान का ही दुकान खोलेंगे. समाहरणालय गेट के सामने ही नगर परिषद की थोड़ी से सरकारी जमीन खाली मिल गई और उनमें पान का दुकान खोल दिया'.- सूरज कुमार, दुकानदार
बीएससी बेरोजगार पान दुकान
दुकानदार के मुताबिक पान दुकान का नाम इसलिए बीएससी बेरोजगार रखा ताकि रोजगार देने के सरकारी दावे का पोल भी खुले. इसके साथ ही जो बेरोजगार भाई रोजगार के लिए भटक रहे हैं उन्हें एहसास हो कि सरकारी नौकरी पाने के चक्कर में जीवन बर्बाद नही करें. वहीं, सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि अगर बेरोजगार युवक इसी तरह सरकारी नौकरी की आस छोड़कर अपना रोजगार करें तो उन्हें परिवार चलाने में दिक्कत नहीं होगी.