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तीन करोड़ की लागत से बना अल्पसंख्यक गर्ल्स हॉस्टल खतरे में, कभी भी हो सकता है धराशायी - minority girls hostel

तीन करोड़ की लागत से निर्मित अल्पसंख्यक गर्ल्स हॉस्टल कटाव की चपेट में. उच्चाधिकारी ने स्थल निरीक्षण किये बिना ही नदी के कटाव स्थल पर बना दिया हॉस्टल. अब इस हॉस्टल पर खतरे का बादल मंडरा रहा है. नदी के कटाव के कारण किसी भी समय यह धराशायी हो सकता है.

मधेपुरा गर्ल्स हॉस्टल
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Published : Jul 18, 2019, 12:54 PM IST

मधेपुरा : जिले के टी.पी. कॉलेज के पीछे से गुजरने वाली गोमती नदी के पुराने कटाव स्थल पर अफसरों की लापरवाही के कारण तीन करोड़ की लागत से निर्मित विशाल अल्पसंख्यक गर्ल्स हॉस्टल का अस्तित्व खतरे में है.

खतरे में हॉस्टल का अस्तित्व
गंभीरता से जांच किये बिना ही तीन करोड़ की लागत वाला तीन मंजिला अल्पसंख्यक गर्ल्स हॉस्टल का निर्माण करा दिया गया. निर्माण एजेंसी की ओर विभाग को अभी हॉस्टल सुपुर्द भी नहीं किया गया और हॉस्टल का अस्तित्व खतरे में है. नेपाल की ओर से नदियों में छोड़े गए पानी के कारण मधेपुरा की सभी नदियों के जलस्तर में काफी वृद्धि हुई है. जिससे गर्ल्स हॉस्टल के पास कटाव काफी तेजी से हो रहा है.

मधेपुरा गर्ल्स हॉस्टल

अधिकारियों की लापरवाही
स्थानीय शिक्षाविद डॉ. शांति यादव ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि हॉस्टल निर्माण का स्थल चयन अधिकारियों नें आंख मूंद कर किया है. उन्होंने कहा कि हॉस्टल बिल्कुल सुनसान जगह पर है जहां दिन में भी लोग नहीं जातें. हॉस्टल का निर्माण नदी के कटाव स्थल पर होने के कारण खतरा मंडरा रहा है. डीडीसी विनोद कुमार सिंह ने कहा कि जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.

मधेपुरा : जिले के टी.पी. कॉलेज के पीछे से गुजरने वाली गोमती नदी के पुराने कटाव स्थल पर अफसरों की लापरवाही के कारण तीन करोड़ की लागत से निर्मित विशाल अल्पसंख्यक गर्ल्स हॉस्टल का अस्तित्व खतरे में है.

खतरे में हॉस्टल का अस्तित्व
गंभीरता से जांच किये बिना ही तीन करोड़ की लागत वाला तीन मंजिला अल्पसंख्यक गर्ल्स हॉस्टल का निर्माण करा दिया गया. निर्माण एजेंसी की ओर विभाग को अभी हॉस्टल सुपुर्द भी नहीं किया गया और हॉस्टल का अस्तित्व खतरे में है. नेपाल की ओर से नदियों में छोड़े गए पानी के कारण मधेपुरा की सभी नदियों के जलस्तर में काफी वृद्धि हुई है. जिससे गर्ल्स हॉस्टल के पास कटाव काफी तेजी से हो रहा है.

मधेपुरा गर्ल्स हॉस्टल

अधिकारियों की लापरवाही
स्थानीय शिक्षाविद डॉ. शांति यादव ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि हॉस्टल निर्माण का स्थल चयन अधिकारियों नें आंख मूंद कर किया है. उन्होंने कहा कि हॉस्टल बिल्कुल सुनसान जगह पर है जहां दिन में भी लोग नहीं जातें. हॉस्टल का निर्माण नदी के कटाव स्थल पर होने के कारण खतरा मंडरा रहा है. डीडीसी विनोद कुमार सिंह ने कहा कि जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.

Intro:मधेपुरा तीन करोड़ की लागत से निर्मित अल्पसंख्यक गर्ल्स हॉस्टल कटाव के चपेट में।कभी भी ध्वस्त हो सकता है भवन।बगैर उच्चाधिकारी के स्थल निरीक्षण के ही नदी के कटाव स्थल पर बना दिया हॉस्टल।


Body:बता दें कि अधिकारियों की लालफीताशाही के कारण तीन करोड़ की लागत से निर्मित विशाल अल्पसंख्यक गर्ल्स हॉस्टल का अस्तित्व खतरे में है।और नदी में ही रहे कटाव के आगोस में धीरे धीरे समा रहा है।जिला मुख्यालय के टीपी कॉलेज के पीछे से गुजरने बाली कोसी की सहायक गुमती नदी के पुराने कटाव स्थल पर ही अधिकारियों द्वारा बगैर गंभीरता से जांच किये ही तीन करोड़ की लागत से 100 बेड का तीन मंजिला अल्पसंख्यक गर्ल्स हॉस्टल का निर्माण किया गया है।हैरत की बात तो यह है कि अभी निर्माण एजेंसी द्वारा विभाग को हॉस्टल सुपुर्द भी नहीं किया है।लेकिन हॉस्टल का अस्तित्व खतरे में नजर आ रहा है।नेपाल की ओर से नदियों में छोड़े गए अत्यधिक पानी के कारण मधेपुरा के सभी नदियों की जलस्तर में काफी वृद्धि हो रही है।जिसके कारण गर्ल्स हॉस्टल के पास कटाव काफी तेजी से हो रहा है।स्थानीय शिक्षाविद डॉ0शांति यादव ने अधिकारियों के इस लापरवाह रवैये पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि हॉस्टल निर्माण का स्थल चयन अधिकारियों द्वारा आँख बंद करके किया गया है।उन्होंने कहा कि एक तो हॉस्टल बिल्कुल सुनसान जगह में बनाया गया है जहां दिन में भी लोग नहीं जाते हैं।दूसरा यह कि नदी के कटाव स्थल पर निर्माण कराये जाने के चलते हॉस्टल पर कटाव का खतरा मंडरा रहा है।डीडीसी विनोद कुमार सिंह ने बताया कि जांचकर उचित कार्रवाई की जाएगी।बाइट---,1---डॉ0शांति यादव---स्थानीय शिक्षा विद।बाइट-----2------विनोद कुमार सिंह------डीडीसी मधेपुरा।


Conclusion:रुद्रनारायण मधेपुरा।
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