मधेपुरा : जिले के टी.पी. कॉलेज के पीछे से गुजरने वाली गोमती नदी के पुराने कटाव स्थल पर अफसरों की लापरवाही के कारण तीन करोड़ की लागत से निर्मित विशाल अल्पसंख्यक गर्ल्स हॉस्टल का अस्तित्व खतरे में है.
खतरे में हॉस्टल का अस्तित्व
गंभीरता से जांच किये बिना ही तीन करोड़ की लागत वाला तीन मंजिला अल्पसंख्यक गर्ल्स हॉस्टल का निर्माण करा दिया गया. निर्माण एजेंसी की ओर विभाग को अभी हॉस्टल सुपुर्द भी नहीं किया गया और हॉस्टल का अस्तित्व खतरे में है. नेपाल की ओर से नदियों में छोड़े गए पानी के कारण मधेपुरा की सभी नदियों के जलस्तर में काफी वृद्धि हुई है. जिससे गर्ल्स हॉस्टल के पास कटाव काफी तेजी से हो रहा है.
अधिकारियों की लापरवाही
स्थानीय शिक्षाविद डॉ. शांति यादव ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि हॉस्टल निर्माण का स्थल चयन अधिकारियों नें आंख मूंद कर किया है. उन्होंने कहा कि हॉस्टल बिल्कुल सुनसान जगह पर है जहां दिन में भी लोग नहीं जातें. हॉस्टल का निर्माण नदी के कटाव स्थल पर होने के कारण खतरा मंडरा रहा है. डीडीसी विनोद कुमार सिंह ने कहा कि जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.