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काहे खर्च किए थे 800 करोड़, जब बोर्ड पर लिखना था 'यहां बेड और ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं है'

बिहार के सरकारी अस्पतालों का हाल इन दिनों बेहाल हो गया है. मधेपुरा में 800 करोड़ की लागत से बने जन नायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज में बेड और ऑक्सीजन की कमी का बोर्ड लगा दिया गया है. जिससे इलाज कराने पहुंच रहे लोग परेशान हैं.

मधेपुरा
मधेपुरा में कराह रही स्वास्थ्य व्यवस्था
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Published : May 2, 2021, 4:54 PM IST

मधेपुरा: कोरोना संक्रमण से बिहार का हाल बद से बदतर होता जा रहा है. लोग परेशान हैं. मरीज तड़प रहे हैं. राज्य के सीएम, स्वास्थ्य मंत्री और जिलों के अधिकारी बड़ी-बड़ी बातें तो कर रहे हैं लेकिन सच तो यह है कि राज्य के ज्यादातर अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की कमी है.

ये भी पढ़ें...मसौढ़ी में 80% से कम ऑक्सीजन लेवल वाले मरीजों को पटना किया जा रहा है रेफर, लोगों में आक्रोश

बेड और ऑक्सीजन की कमी
मधेपुरा में जन नायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज ने गेट पर बोर्ड लगा दिया है. जिसमें लिखा है कि 'यहां पर बेड और ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं है'. कोविड मरीज के परिजन गेट से पास से ही लौट जा रहे हैं. स्थानीय विधायक अस्पताल प्रबंधन से बात कर रहे हैं लेकिन अस्पताल अधीक्षक अपनी मजबूरी बता रहे हैं.

मधेपुरा में कराह रही स्वास्थ्य व्यवस्था

ये भी पढ़ें...सीवान में कराह रही स्वास्थ्य व्यवस्था, तड़प रहे संक्रमित, बिलख रहे परिजन

कोविड अस्पताल का हाल बेहाल
मधेपुरा में आठ सौ करोड़ की लागत से बने गवर्नमेंट जन नायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता का दंश झेल रहा है. बिहार सरकार ने इस मेडिकल कॉलेज को कोविड अस्पताल घोषित किया है बावजूद व्यवस्था के नाम पर यहां कुछ नहीं है. अस्पताल ने सूचना पट पर "ऑक्सीजन बेड उपलब्ध नहीं है" का बोर्ड लगाकर हाथ खड़े कर दिए हैं.

'अभी 40 मरीज भर्ती हैं, जो ऑक्सीजन पर हैं. इसके लिए यहां 180 सिलेंडर चाहिए. लेकिन यहां उतना नहीं मिल पा रहा है. अभी बड़ी समस्या ऑक्सीजन की है, जो हल होता नहीं दिख रहा है. मात्र 50 ऑक्सीजन सिलेंडर आया है और एक गाड़ी मुज़फ़्फ़रपुर से आ रही है. अगर ऑक्सीजन ससमय उपलब्ध नहीं हो पायेगा तो समस्या गम्भीर हो जाएगी. यही कारण है कि मेडिकल कॉलेज में इलाज करा रहे एक रोगी की आज मौत ऑक्सीजन के अभाव में हो गई'.- डॉ राकेश कुमार, अस्पताल अधीक्षक

'मेडिकल कॉलेज का हाल बेहाल है. लचर व्यवस्था के कारण कोरोना मरीजों की मोत हो रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए. मेडिकल कॉलेज में 99 चिकित्सक पदस्थापित हैं, जिसमें से मात्र 25 चिकित्सक ही ड्यूटी कर रहे हैं, बाकी सभी चिकित्सक गायब पाये गये हैं. मेडिकल कॉलेज की बदहाली को लेकर स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं में भी भारी आक्रोश देखा जा रहा है'.- चंद्रहास चौपाल, स्थानीय विधायक

अस्पताल को हर एक दिन सैकड़ों ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत है और सरकार के मात्र 50 सिलेंडर दिया जा रहा है लिहाजा अस्पताल अधीक्षक भी इस बात को लेकर चिंतित हैं.

मधेपुरा: कोरोना संक्रमण से बिहार का हाल बद से बदतर होता जा रहा है. लोग परेशान हैं. मरीज तड़प रहे हैं. राज्य के सीएम, स्वास्थ्य मंत्री और जिलों के अधिकारी बड़ी-बड़ी बातें तो कर रहे हैं लेकिन सच तो यह है कि राज्य के ज्यादातर अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की कमी है.

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बेड और ऑक्सीजन की कमी
मधेपुरा में जन नायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज ने गेट पर बोर्ड लगा दिया है. जिसमें लिखा है कि 'यहां पर बेड और ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं है'. कोविड मरीज के परिजन गेट से पास से ही लौट जा रहे हैं. स्थानीय विधायक अस्पताल प्रबंधन से बात कर रहे हैं लेकिन अस्पताल अधीक्षक अपनी मजबूरी बता रहे हैं.

मधेपुरा में कराह रही स्वास्थ्य व्यवस्था

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कोविड अस्पताल का हाल बेहाल
मधेपुरा में आठ सौ करोड़ की लागत से बने गवर्नमेंट जन नायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता का दंश झेल रहा है. बिहार सरकार ने इस मेडिकल कॉलेज को कोविड अस्पताल घोषित किया है बावजूद व्यवस्था के नाम पर यहां कुछ नहीं है. अस्पताल ने सूचना पट पर "ऑक्सीजन बेड उपलब्ध नहीं है" का बोर्ड लगाकर हाथ खड़े कर दिए हैं.

'अभी 40 मरीज भर्ती हैं, जो ऑक्सीजन पर हैं. इसके लिए यहां 180 सिलेंडर चाहिए. लेकिन यहां उतना नहीं मिल पा रहा है. अभी बड़ी समस्या ऑक्सीजन की है, जो हल होता नहीं दिख रहा है. मात्र 50 ऑक्सीजन सिलेंडर आया है और एक गाड़ी मुज़फ़्फ़रपुर से आ रही है. अगर ऑक्सीजन ससमय उपलब्ध नहीं हो पायेगा तो समस्या गम्भीर हो जाएगी. यही कारण है कि मेडिकल कॉलेज में इलाज करा रहे एक रोगी की आज मौत ऑक्सीजन के अभाव में हो गई'.- डॉ राकेश कुमार, अस्पताल अधीक्षक

'मेडिकल कॉलेज का हाल बेहाल है. लचर व्यवस्था के कारण कोरोना मरीजों की मोत हो रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए. मेडिकल कॉलेज में 99 चिकित्सक पदस्थापित हैं, जिसमें से मात्र 25 चिकित्सक ही ड्यूटी कर रहे हैं, बाकी सभी चिकित्सक गायब पाये गये हैं. मेडिकल कॉलेज की बदहाली को लेकर स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं में भी भारी आक्रोश देखा जा रहा है'.- चंद्रहास चौपाल, स्थानीय विधायक

अस्पताल को हर एक दिन सैकड़ों ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत है और सरकार के मात्र 50 सिलेंडर दिया जा रहा है लिहाजा अस्पताल अधीक्षक भी इस बात को लेकर चिंतित हैं.

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