मधेपुरा: होली के मौके पर प्रवासी मजदूरों के घर आने का सिलसिला लगातार जारी है. जिसके चलते मधेपुरा रेलवे स्टेशन पर इन दिनों काफी भीड़ देखी जा रही है. वहीं, कोविड-19 की गाइडलाइन का भी खुलकर धज्जियां उड़ाई जा रही है. देश में बीते दिनों कोरोना के 60 हजार से अधिक नए मामले सामने आ चुके हैं. वहीं, मरने वालों का आंकड़ा एक दिन में 312 तक पहुंच चुका है. अगर जिला प्रशासन ने सख्ती से रेलवे स्टेशन और बस अड्डों पर सख्ती से कोरोना जांच नहीं कराई तो जिले में भी कोरोना अपना पैर पसार सकता है.
यह भी पढ़ें: सबको घर जाना है! होली को लेकर पटना जंक्शन पर यात्रियों की भीड़
रेलवे स्टेशन पर सभी यात्रियों की नहीं हो रही कोरोना जांच
कोरोना के दूसरे वेव के आहट के बाद सरकार ने गाइडलाइन जारी कर सूबे के सभी जिला के प्रशासनिक महकमों को यह निर्देश दिया है कि रेलवे स्टेशन और बस अड्डों पर यात्रियों के एंटीजन टेस्ट द्वारा कोरोना की जांच करें, लेकिन प्रशासन सरकार के इस फरमान को सख्ती से लागू नहीं कर रहा है, वहीं रेलवे स्टेशन पर यात्री भी कोरोना जांच नहीं करा रहे हैं.
'प्रत्येक एक से डेढ़ हजार यात्री ट्रेन से उतरते हैं, जिसमें से तीन चार यात्री ही कोरोना जांच करा रहे हैं. एक साल से लोग कोरोना महामारी को झेल रहे हैं, फिर भी जागरूकता की कमी है'.- निशा निराला, एएनएम
'रेल प्रसाशन ध्वनी यंत्र से प्रचार प्रसार नहीं करवा रहे हैं, यह भी एक कारण है कि यात्री जानकारी के अभाव में कोरोना जांच नहीं करवा रहे हैं. रेल प्रशासन के इस उदासीन रवैये की शिकायत रेल मंत्री से की जाएगी'.- राहुल यादव, बीजेपी कार्यकर्ता