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मधेपुरा: घोर लापरवाही की भेंट चढ़ा गर्ल्स हॉस्टल, कभी भी नदी में हो सकता है विलीन - girls hostal

स्थानीय लोगों का कहना है कि हॉस्टल का निर्माण अधिकारी की लापरवाही के कारण बिल्कुल नदी के कटाव स्थल के पास किया गया है. 5 करोड़ की लागत से बना यह हॉस्टल कभी भी नदी में समा सकता है.

पांच करोड़ की लागत से बना गर्ल्स हॉस्टल
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Published : Jun 10, 2019, 4:45 PM IST

मधेपुरा: जिले में सरकारी राशि के दुरुपयोग का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. जिला मुख्यालय के सटे पूरब से बहने वाली पुरानी नदी के किनारे 5 करोड़ की लागत से गर्ल्स हॉस्टल का निर्माण करया गया है. बरसात के समय में नदी में तेजी से कटाव होता है. मिट्टी कटने के कारण हॉस्टल के नदी में विलीन होने का खतरा मंडरा रहा है.

स्थानीय अभियंता सुनील कुमार ने कहा कि भवन निर्माण करने से पहले निर्माण करने की जगह और आस पास के मिट्टी की जांच वैज्ञानिक तरीके से करनी चाहिए, जो नहीं किया गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि जहां हॉस्टल बनाया गया है. वह खतरनाक जगह है. किसी भी समय नदी के कटाव में भवन ध्वस्त हो सकता है.

लोगों ने निर्माण का किया था विरोध

स्थानीय लोगों का कहना है कि भवन निर्माण कार्य शुरू होने से पूर्व भी कई बार लिखित आवेदन देकर तत्कालीन डीएम और अन्य अधिकारियों को देकर दूसरे जगह भवन निर्माण कराने की मांग की गई थी. लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण भवन इसी जगह बनाया गया है. जो कि खतरनाक स्थल है. बतातें चलें कि इस हॉस्टल का निर्माण भारत सरकार कल्याण मंत्रालय की ओर से आवंटित राशि से की गई है, ताकि छात्राओं को उच्च शिक्षा हासिल करने में सुविधा हो सके.

नदी किनारे बने हॉस्टल से लोगों में है खासी नाराजगी

अधिकारियों ने नहीं लिया सबक

गौरतलब है कि भवन निर्माण के इस स्थल पर पहले जिले का सरकारी फायरिंग सेंटर था. जो नदी में विलीन हो चूका है. लेकिन इससे भी अधिकारियों ने सबक नहीं लिया. जानबूझकर करोड़ों की लागत से गर्ल्स हॉस्टल का निर्माण करा दिया.

मामले की होगी जांच

उप विकास आयुक्त सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी विनोद प्रसाद सिंह ने इस मामले पर कहा कि ईटीवी भारत के संवाददाता की ओर से मामले को संज्ञान में लाया गया है. इसकी जांच होगी और दोषी पाये जाने वालों पर कार्रवाई की जायेगी.

मधेपुरा: जिले में सरकारी राशि के दुरुपयोग का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. जिला मुख्यालय के सटे पूरब से बहने वाली पुरानी नदी के किनारे 5 करोड़ की लागत से गर्ल्स हॉस्टल का निर्माण करया गया है. बरसात के समय में नदी में तेजी से कटाव होता है. मिट्टी कटने के कारण हॉस्टल के नदी में विलीन होने का खतरा मंडरा रहा है.

स्थानीय अभियंता सुनील कुमार ने कहा कि भवन निर्माण करने से पहले निर्माण करने की जगह और आस पास के मिट्टी की जांच वैज्ञानिक तरीके से करनी चाहिए, जो नहीं किया गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि जहां हॉस्टल बनाया गया है. वह खतरनाक जगह है. किसी भी समय नदी के कटाव में भवन ध्वस्त हो सकता है.

लोगों ने निर्माण का किया था विरोध

स्थानीय लोगों का कहना है कि भवन निर्माण कार्य शुरू होने से पूर्व भी कई बार लिखित आवेदन देकर तत्कालीन डीएम और अन्य अधिकारियों को देकर दूसरे जगह भवन निर्माण कराने की मांग की गई थी. लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण भवन इसी जगह बनाया गया है. जो कि खतरनाक स्थल है. बतातें चलें कि इस हॉस्टल का निर्माण भारत सरकार कल्याण मंत्रालय की ओर से आवंटित राशि से की गई है, ताकि छात्राओं को उच्च शिक्षा हासिल करने में सुविधा हो सके.

नदी किनारे बने हॉस्टल से लोगों में है खासी नाराजगी

अधिकारियों ने नहीं लिया सबक

गौरतलब है कि भवन निर्माण के इस स्थल पर पहले जिले का सरकारी फायरिंग सेंटर था. जो नदी में विलीन हो चूका है. लेकिन इससे भी अधिकारियों ने सबक नहीं लिया. जानबूझकर करोड़ों की लागत से गर्ल्स हॉस्टल का निर्माण करा दिया.

मामले की होगी जांच

उप विकास आयुक्त सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी विनोद प्रसाद सिंह ने इस मामले पर कहा कि ईटीवी भारत के संवाददाता की ओर से मामले को संज्ञान में लाया गया है. इसकी जांच होगी और दोषी पाये जाने वालों पर कार्रवाई की जायेगी.

Intro:मधेपुरा में लापरवाह अधिकारी ने 5 करोड़ की लागत से गर्ल्स हॉस्टल का निर्माण नदी में हो रहे कटाव स्थल पर ही करवा दिया जो चालू होने से पूर्व ही नदी में विलीन हो जाएगा। सर खबर पहले भी भेजे थे नही लगी है।


Body:मधेपुरा जिला में सरकारी राशि की दुरुपयोग का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है।अधिकारियों ने नदी के कटाव स्थल पर ही बना दिया पांच करोड़ की लागत से गर्ल्स हॉस्टल जो कटाव शुरू होते ही हो जाएग नदी में विलीन।बता दें कि जिला मुख्यालय के सटे पूरब से बहने बाली पुरानी नदी के किनारे पर जहां बरसात के मौसम में हर साल तेजी से कटाव होता है लापरवाह उच्चा अधिकारियों ने बगैर स्थल निरीक्षण किये ही पांच करोड़ की लागत से गर्ल्स हॉस्टल का निर्माण करवा दिए जो कभी भी नदी के कटाव में विलीन हो सकता है।उल्लेखनीय बात तो यह है कि इसी निर्माण स्थल पर पहले जिले का सरकारी फायरिंग सेंटर था जो नदी में विलीन हो चूका है।लेकिन इससे भी अधिकारियों ने सबक नहीं लिया और जानबूझकर करोड़ों की लागत से गर्ल्स हॉस्टल निर्माण करा दिया ।स्थानीय अभियंता सुनील कुमार कहते हैं कि भवन निर्माण करने से पूर्व निर्माण स्थल और आस पास के मिट्टी की जांच वैज्ञानिक तरिके से करना चाहिए जो नहीं किया गया।उन्होंने कहा कि जहां हॉस्टल बनाया गया है वह खतरनाक स्थल है किसी भी समय नदी के कटाव में भवन ध्वस्त हो सकता है।आक्रोशित स्थानीय लोगों ने कहा कि निर्माण कार्य शुरू होने से पूर्व भी कई बार लिखित आवेदन तत्कालीन डीएम व अन्य अधिकारियों को देकर दूसरे जगह निर्माण कराने की मांग की गई।जानकारी हो कि इस हॉस्टल का निर्माण भारत सरकार कल्याण मंत्रालय द्वारा आवंटित राशि से की गई है, ताकि छात्राओं को उच्च शिक्षा हासिल करने में सुविधा हो सके।लेकिन अधिकारियों ने नारी शिक्षा की उत्त्थान पर ही पानी फेर दिया है।बाइट--1---ई0सुनील कुमार---स्थानीय।बाइट---2---अमरेंद्र कुमार यादव ----स्थानीय---बाइट-------3-----तेजनारायण यादव---स्थस्नीय।


Conclusion:अब देखना दिलचस्प होगा कि सरकार और प्रसाशन इस दिशा में किया कार्रवाई करती है।
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