मधेपुरा: जिले में सरकारी राशि के दुरुपयोग का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. जिला मुख्यालय के सटे पूरब से बहने वाली पुरानी नदी के किनारे 5 करोड़ की लागत से गर्ल्स हॉस्टल का निर्माण करया गया है. बरसात के समय में नदी में तेजी से कटाव होता है. मिट्टी कटने के कारण हॉस्टल के नदी में विलीन होने का खतरा मंडरा रहा है.
स्थानीय अभियंता सुनील कुमार ने कहा कि भवन निर्माण करने से पहले निर्माण करने की जगह और आस पास के मिट्टी की जांच वैज्ञानिक तरीके से करनी चाहिए, जो नहीं किया गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि जहां हॉस्टल बनाया गया है. वह खतरनाक जगह है. किसी भी समय नदी के कटाव में भवन ध्वस्त हो सकता है.
लोगों ने निर्माण का किया था विरोध
स्थानीय लोगों का कहना है कि भवन निर्माण कार्य शुरू होने से पूर्व भी कई बार लिखित आवेदन देकर तत्कालीन डीएम और अन्य अधिकारियों को देकर दूसरे जगह भवन निर्माण कराने की मांग की गई थी. लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण भवन इसी जगह बनाया गया है. जो कि खतरनाक स्थल है. बतातें चलें कि इस हॉस्टल का निर्माण भारत सरकार कल्याण मंत्रालय की ओर से आवंटित राशि से की गई है, ताकि छात्राओं को उच्च शिक्षा हासिल करने में सुविधा हो सके.
अधिकारियों ने नहीं लिया सबक
गौरतलब है कि भवन निर्माण के इस स्थल पर पहले जिले का सरकारी फायरिंग सेंटर था. जो नदी में विलीन हो चूका है. लेकिन इससे भी अधिकारियों ने सबक नहीं लिया. जानबूझकर करोड़ों की लागत से गर्ल्स हॉस्टल का निर्माण करा दिया.
मामले की होगी जांच
उप विकास आयुक्त सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी विनोद प्रसाद सिंह ने इस मामले पर कहा कि ईटीवी भारत के संवाददाता की ओर से मामले को संज्ञान में लाया गया है. इसकी जांच होगी और दोषी पाये जाने वालों पर कार्रवाई की जायेगी.