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'सरकारी नौकरी से फायदेमंद है केले की खेती!' - कृषि मंत्रालय

मधेपुरा में किसान केले की खेती कर अच्छी आमदनी कर रहे हैं. किसान का कहना है कि वैज्ञानिक तरीके से केले की खेती सरकारी नौकरी से भी ज्यादा फायदेमंद है.

किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा केले की खेती
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Published : May 30, 2019, 10:14 AM IST

मधेपुरा: मधेपुरा जिले के किसान अब परंपरागत खेती के बजाए केले की खेती पर अपना ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं. इसकी मुख्य वजह इस खेती में होने वाला लाभ है.

केले की खेती से होती है अच्छी आमदनी

केले की खेती करने के कारण किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है. बता दें कि पहले केले की खेती पुरानी विधि से होती थी. इसमें पुराने केले से केले का पौधा निकलता था. लेकिन कृषि मंत्रालय, भारत सरकार ने रिसर्च के बाद केले का बीज तैयार कर किसानों को अनुदानित दर पर उपलब्ध करा रही है.

वैज्ञानिक तरीके से केले की खेती

सरकार के इस पहल से किसान आसानी से केले की खेती कर अच्छी आमदनी कमा कर पा रहे हैं. प्रगतिशील किसान चंद्रकिशोर यादव इस बारे में बताते हैं कि वे पहले परंपरागत खेती धान, मक्का, गेहूँ आदि की करते थे. इन फसलों से कम आमदनी होती थी जिसके कारण परिवार की आर्थिक स्थिति खराब रहती थी.

madhepura banana farming
मधेपुरा में केले की फसल को दिखाता किसान

मधेपुरा में कृषि मंत्रालय, भारत सरकार ने किसानों को वैज्ञानिक तरीके से केले और अन्य फसल की खेती करने का मुफ्त में प्रशिक्षण दिया है. अनुदानित दर पर केले का पौधा मिलने के बाद इस विधि से खेती करना शुरू किया है. चंद्रकिशोर के मुताबिक पिछले दो साल से ढाई एकड़ में केले की खेती कर अच्छी आमदनी हो रही है. परिवार की आर्थिक स्थिति में भी काफी सुधार हुआ है.

केले की खेती

सरकारी नौकरी से फायदेमंद
प्रगतिशील किसान चंद्रकिशोर की माने तो केले की खेती सरकारी नौकरी से फायदेमंद है. हर किसान को परंपरागत खेती के बजाए केले की खेती करनी चाहिए. केले की खेती में जुटे किसान ने बताया कि एक केले के घौद 55 से 60 किलोग्राम ग्राम का होता है. इसकी अच्छी उपज हो इसके लिए सरकार हर कदम पर सहयोग कर रही है. केले की खेती से आर्थिक स्थिति में हो रहे सुधार को देख यह कह सकते हैं कि किसान को बढ़-चढ़कर केले की खेती करने की तरफ कदम बढ़ाना चाहिए.

मधेपुरा: मधेपुरा जिले के किसान अब परंपरागत खेती के बजाए केले की खेती पर अपना ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं. इसकी मुख्य वजह इस खेती में होने वाला लाभ है.

केले की खेती से होती है अच्छी आमदनी

केले की खेती करने के कारण किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है. बता दें कि पहले केले की खेती पुरानी विधि से होती थी. इसमें पुराने केले से केले का पौधा निकलता था. लेकिन कृषि मंत्रालय, भारत सरकार ने रिसर्च के बाद केले का बीज तैयार कर किसानों को अनुदानित दर पर उपलब्ध करा रही है.

वैज्ञानिक तरीके से केले की खेती

सरकार के इस पहल से किसान आसानी से केले की खेती कर अच्छी आमदनी कमा कर पा रहे हैं. प्रगतिशील किसान चंद्रकिशोर यादव इस बारे में बताते हैं कि वे पहले परंपरागत खेती धान, मक्का, गेहूँ आदि की करते थे. इन फसलों से कम आमदनी होती थी जिसके कारण परिवार की आर्थिक स्थिति खराब रहती थी.

madhepura banana farming
मधेपुरा में केले की फसल को दिखाता किसान

मधेपुरा में कृषि मंत्रालय, भारत सरकार ने किसानों को वैज्ञानिक तरीके से केले और अन्य फसल की खेती करने का मुफ्त में प्रशिक्षण दिया है. अनुदानित दर पर केले का पौधा मिलने के बाद इस विधि से खेती करना शुरू किया है. चंद्रकिशोर के मुताबिक पिछले दो साल से ढाई एकड़ में केले की खेती कर अच्छी आमदनी हो रही है. परिवार की आर्थिक स्थिति में भी काफी सुधार हुआ है.

केले की खेती

सरकारी नौकरी से फायदेमंद
प्रगतिशील किसान चंद्रकिशोर की माने तो केले की खेती सरकारी नौकरी से फायदेमंद है. हर किसान को परंपरागत खेती के बजाए केले की खेती करनी चाहिए. केले की खेती में जुटे किसान ने बताया कि एक केले के घौद 55 से 60 किलोग्राम ग्राम का होता है. इसकी अच्छी उपज हो इसके लिए सरकार हर कदम पर सहयोग कर रही है. केले की खेती से आर्थिक स्थिति में हो रहे सुधार को देख यह कह सकते हैं कि किसान को बढ़-चढ़कर केले की खेती करने की तरफ कदम बढ़ाना चाहिए.

Intro:मधेपुरा में केले की खेती करने बाले प्रगतिशील किसान सरकारी सहायता लेकर केले की खेती से कमा रहे हैं अच्छी आमदनी।पढ़े लिखे बेरोजगारों से किया अपील सरकारी नोकरी की आस छोड़ केले की खेती कर जीवन को बनाये सुखी संपन्न।केले के बीज से उगे पौधे से होती है अच्छी उपज।सरकारी नोकरी से फायदेमंद है केले की खेती।


Body:मधेपुरा ज़िले में किसान अब परंपरागत खेती के बजाय केले की खेती के प्रति काफी अग्रसर हो रहे हैं।जिसके कारण उनकी आर्थिक स्थिति में तेजी से सुधार भी हो रहा है।बता दें कि पहले पुराने केले के पौधे के जड़ से उत्पन्न किया जाता था केले नये पौधे।लेकिन भारत सरकार कृषि मंत्रालय के द्वारा रिसर्च कर अब केले का बीज उत्पन्न किया जाता है,और किसानों को अनुदानित दर पर उपलब्ध कराया जाता है, ताकि किसान आराम से केले की खेती करके अच्छी आमदनी कमा सके।केले की खेती करने बाले प्रगतिशील किसान चंद्रकिशोर यादव बताते हैं कि वे पहले परंपरागत खेती धान, मक्का, गेहूँ आदि की क्या करते थे।जिसके कारण सब दिन परिवार की आर्थिक स्थिति खराब बनी रहती थी।इसके बाद भारत सरकार कृषि मंत्रालय के द्वारा मधेपुरा में किसानों को बैज्ञानिक तरीके से केले की खेती और अन्य फसल उपजाने का मुफ्त में प्रशिक्षण दिया गया।उन्होंने कहा कि वे प्रशिक्षण लेकर बैज्ञानिक तरीके से केले की खेती करना प्रारंभ किया।और सरकार द्वारा उन्हें अनुदानित दर पर केले का पौधा उपलब्ध कराया गया।उन्होंने कहा कि वे पिछले दो साल से ढाई एकड़ में केले की खेती कर अच्छी आमदनी कमा रहे हैं।उनके परिवार की आर्थिक स्थिति में काफी सुधार भी हुआ है।प्रगतिशील किसान चंद्रकिशोर ने साफ कहा कि सरकारी नोकरी से फायदेमंद है केले की खेती।इसलिए हर किसान को परंपरागत खेती के बजाय केले की खेती करना चाहिए।केले के खेत में कार्य कर रहे किसान ने बताया कि एक केले का घोद 55 से 60 किलोग्राम ग्राम का होता है।अच्छी उपज हो इसके लिए सरकार हर कदम पर सहयोग कर रही है।बाइट--1----चंद्रकिशोर यादव ---प्रगतिशील किसान।बाइट---2-----ललित कुमार यादव -----किसान।


Conclusion:केले की खेती फायदेमंद है इसलिए किसान को बढ़ चढ़कर केले की खेती की ओर अग्रसर होना चाहिए।
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