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मधेपुरा: गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की खुली पोल, मात्र 2 शिक्षकों के भरोसे 1600 छात्रों का भविष्य

प्रभारी प्रधानाध्यापक श्रीनिवास वर्मा ने बताया कि इस विद्यालय में 1600 छात्रों का नामांकन किया गया है. लेकिन, शिक्षकों की कमी की वजह से बच्चे अन्य जिलों में जाकर तैयारी कर रहे हैं.

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Published : Jan 12, 2020, 12:01 PM IST

मधेपुरा: जिले के आलमनगर प्रखंड स्तिथ राजकीयकृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खापुर ने सरकार के दावों की पोल खोल कर रख दी है. यहां 1600 छात्रों का भविष्य मात्र 2 विषयों के शिक्षकों के भरोसे है.

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धूल फांक रहे प्रयोगशाला में रखे उपकरण

विद्यालय में नहीं होती विज्ञान की पढ़ाई
इस विद्यालय में पिछले कई सालों से विज्ञान का एक भी शिक्षक नहीं है. इस वजह से यहां के बच्चों के लिए विज्ञान की बारीकियों को समझना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है. विद्यालय में प्रयोगशाला के लिए सरकार की तरफ से सभी उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं, लेकिन वे भी शिक्षक और रखरखाव के अभाव में धूल फांक रहे हैं.

पेश है रिपोर्ट

बाहर जाकर पढ़ते हैं छात्र
प्रभारी प्रधानाध्यापक श्रीनिवास वर्मा ने बताया कि इस विद्यालय में 1600 छात्रों का नामांकन किया गया है. लेकिन, शिक्षकों की कमी की वजह से बच्चे अन्य जिलों में जाकर तैयारी कर रहे हैं. हालांकि, यहां का परिणाम अच्छा रहता है. कई बार शिक्षा विभाग को शिक्षकों की कमी के बारे में अवगत कराया जा चुका है. इस विद्यालय में विज्ञान, हिंदी और संस्कृत के शिक्षक नहीं है. यहां सिर्फ अंग्रेजी और इतिहास के शिक्षक मौजूद हैं.

यह भी पढ़ें- बिहार पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा: दो पालियों में होगा Exam, इन बातों का रखें ध्यान

मधेपुरा: जिले के आलमनगर प्रखंड स्तिथ राजकीयकृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खापुर ने सरकार के दावों की पोल खोल कर रख दी है. यहां 1600 छात्रों का भविष्य मात्र 2 विषयों के शिक्षकों के भरोसे है.

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धूल फांक रहे प्रयोगशाला में रखे उपकरण

विद्यालय में नहीं होती विज्ञान की पढ़ाई
इस विद्यालय में पिछले कई सालों से विज्ञान का एक भी शिक्षक नहीं है. इस वजह से यहां के बच्चों के लिए विज्ञान की बारीकियों को समझना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है. विद्यालय में प्रयोगशाला के लिए सरकार की तरफ से सभी उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं, लेकिन वे भी शिक्षक और रखरखाव के अभाव में धूल फांक रहे हैं.

पेश है रिपोर्ट

बाहर जाकर पढ़ते हैं छात्र
प्रभारी प्रधानाध्यापक श्रीनिवास वर्मा ने बताया कि इस विद्यालय में 1600 छात्रों का नामांकन किया गया है. लेकिन, शिक्षकों की कमी की वजह से बच्चे अन्य जिलों में जाकर तैयारी कर रहे हैं. हालांकि, यहां का परिणाम अच्छा रहता है. कई बार शिक्षा विभाग को शिक्षकों की कमी के बारे में अवगत कराया जा चुका है. इस विद्यालय में विज्ञान, हिंदी और संस्कृत के शिक्षक नहीं है. यहां सिर्फ अंग्रेजी और इतिहास के शिक्षक मौजूद हैं.

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मधेपुरा जिले के आलमनगर प्रखंड स्तिथ राजकीयकृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सरकार के दावों की पोल खोलता नजर आ रहा है।जहा 1600 छात्रों का भविष्य मात्र 2 विषयों के शिक्षकों के भरोसे है।


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विद्यालय में नहीं होती विज्ञान की पढ़ाई
बाहर जाकर पढ़ते हैं छात्र



वी.ओ
जहां एक तरफ राज्य सरकार शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए करोड़ों रुपए खर्च करने के दावे करती है। तो वहीं दूसरी तरफ मधेपुरा जिले के आलमनगर प्रखंड के रतवारा ओपी स्थित राजकीयकृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खापुर सरकारी दावों की पोल खोलता नज़र रहा है। दरअसल इस विद्यालय में विगत कई वर्षों से विज्ञान का एक भी शिक्षक नहीं है।जिसकी वजह से यहाँ पढ़ने वाले बच्चों के लिए विज्ञान की बारीकियों को समझना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। विद्यालय में प्रयोगशाला के लिए सरकार की तरफ से सभी उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं लेकिन वर्तमान में वह सभी शिक्षक और रखरखाव के अभाव में धूल फांक रहे हैं।

कक्षा 9 में पढ़ने वाले छात्र आशीष कुमार ने बताया कि इस विद्यालय में आज तक विज्ञान की पढ़ाई नहीं हुई। यहां विज्ञान का एक भी शिक्षक तैनात नहीं है। जिसकी वजह से वह विज्ञान की पढ़ाई नहीं कर पा रहा है।

बाईट-1
आशीष कुमार, छात्र

वहीं प्रभारी प्रधानाध्यापक श्रीनिवास वर्मा ने बताया कि इस विद्यालय में 16 सौ छात्रों का नामांकन किया गया है।लेकिन शिक्षकों की कमी की वजह से बच्चे अन्य जिलों में जाकर तैयारी कर रहे हैं।हालांकि हमारे यहां का परिणाम अच्छा रहता है। हमारे द्वारा कई बार शिक्षा विभाग को शिक्षकों की कमी के बारे में अवगत कराया जा चुका है। इस विद्यालय में विज्ञान,हिंदी और संस्कृत विषय के शिक्षक उपलब्ध नहीं है।मात्र अंग्रेजी और इतिहास के शिक्षक उपलब्ध हैं।


Conclusion:बहरहाल सरकार की लापरवाही की वजह से यहां पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य पर ग्रहण लगा हुआ है।वहीं उनकी गुणवत्ता पर भी कई सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं।
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