लखीसराय: बिहार के लखीसराय (Lakhisarai) जिले में गंगा नदी में डूबने से एक व्यक्ति की मौत हो गई. मृत युवक की पहचान 24 वर्षीय सतीश कुमार उर्फ चंदन कुमार के रूप में की गई है. घटना की खबर सुनकर परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है.
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घटना पिपरिया थाना (Pipariya Police Station) अंतर्गत पथुआ गंगा घाट की है. इस संबंध में पथुआ के वर्तमान मुखिया मोहन भगत ने बताया कि सुबह के समय सतीश और उसके साथ कुछ लोग गंगा उस पार से कुछ सामान लाने जा रहे थे. सतीश और उसके साथ गए लोग बगैर नाव के ही गंगा नदी पार करने की कोशिश करने लगे.
सतीश के साथ गए लोगों ने तो गंगा नदी पार कर लिया लेकिन सतीश पार नहीं कर पाया. जिसके कारण नदी में डूबने से मौत हो गई. बता दें कि गांव के सभी लोग बेगूसराय संपर्क मार्ग जाने के लिए इसी रास्ते का इस्तेमाल करते हैं. नदी पार करने के लिए नाव की काफी दिक्कत होती है.
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इस घटना की सूचना पिपरिया थानाध्यक्ष को दी गई. सूचना पाते ही गंगा घाट पहुंचे थानाध्यक्ष ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. साथ ही पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.
'चंदन उर्फ सतीश की कुछ दिन पूर्व ही सतीश की शादी हुई थी. सतीश गंगा घाट के उस पार से घर का सामान और चारा लाने जा रहा था. गंगा नदी पार करने के दौरान डूबने से सतीश की मौत हो गई.' -श्री साह, थानाध्यक्ष
बता दें कि दियारा के पथुआ में ऐसी घटना कोई नई बात नहीं है. गंगा पार करने में ऐसी घटनाएं होती रहती है. इसके पहले भी कई लोगों की गंगा नदी में डूबने से मौत हो चुकी है. दियारा में लगभग 10 हजार से अधिक लोग रहते हैं. यह पिपरिया प्रखंड का खास इलाका है. यहां कभी अपराधियों का बोलबाला हुआ करता था.
पथुआ का इलाका लखीसराय से 15 किलोमीटर और बेगूसराय से 10 किलोमीटर के बीचो-बीच का इलाका है. किसी की तबीयत भी खराब हो जाए तो लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. नाव की भी उचित व्यवस्था न होने से आए दिन घटनाएंं होती रहती है. इसी वजह से पथुआ निवासी सतीश कुमार को भी अपनी जान गंवानी पड़ गई.
'एक साल पहले से ही सड़क निर्माण को लेकर जिलाधिकारी से लेकर बिहार सरकार के सड़क निर्माण भवन को पत्र लिखा जा चुका है. जिसकी सत्यता भी बिहार सरकार के अधिकारियों और कर्मियों के माध्यम से की गई है. लेकिन सरकार की लापरवाही के कारण ऐसी घटनाएं आए दिन घटित हो रही हैं. गांव में कोई बीमार होता है तो कच्ची सड़क के रास्ते अस्पताल तक पहुंचाया जाता है.' -मोहन भगत, मुखिया