लखीसराय: बिहार सरकार के माध्यम से चलने वाले जिला राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत कटे होंठ और तालु दोष से ग्रसित बच्चों को पटना एम्स रेफर किया गया है. ये बच्चे जन्मजात से ही ग्रसित थे. अभिभावक बच्चों का इलाज कराने में सक्षम नहीं थे. जिसे राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्यकर्मी के हस्तक्षेप के बाद बच्चों को अभिभावक के साथ पटना रवाना किया गया है.
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दो बच्चों को किया गया रवाना
जिला स्वास्थ्य समिति राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के प्रभारी डॉक्टर शिव शंकर कुमार के निर्देश पर सूर्यगढ़ा निवासी सतीश कुमार की पुत्री सिमरन कुमारी और लखीसराय रामगढ़ चौक निवासी कुंदन दास की पुत्री छोटी कुमारी को रवाना किया गया. इस संबंध में विशेष जानकारी देते हुए डॉ श्याम शंकर कुमार ने बताया कि-
लखीसराय जिले के 7 प्रखंडों के किसी भी पंचायत में इस तरह के बच्चे हो तो सिर्फ 6 महीने से 2 वर्ष तक के बीच के ही हो. इस मिशन के तहत अच्छे इलाज के लिए बच्चों को पटना के एम्स में भर्ती कराया जाता है. -डॉ श्याम शंकर कुमार
बीमारी का नहीं चल पाया पता
डॉ श्याम शंकर ने बताया कि गर्भपात के समय यदि महिला अपने खान-पान का ध्यान रखें तो इस तरह की बीमारी से बच्चों को बचाया जा सकता है. इस तरीके का बीमारी तभी होता है जब महिला बच्चे और स्वयं का ख्याल नहीं रखती है. हालांकि अब तक इस बीमारी का पता नहीं चल पाया है.