लखीसरायः जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न आपदा की स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन की ओर से पौधारोपण कार्य तेजी से किया जा रहा है. यह कार्य जल-जीवन-हरियाली योजना के तहत किया जा रहा है. शहर के गांधी मैदान में तकरीबन 600 पेड़-पौधे लगाए गए हैं और उनकी सुरक्षा के लिए गैलियन भी लगाया गया है.
जल-जीवन-हरियाली के तहत पौधा रोपण कार्य जारी
देश में बढ़ती आबादी, शहरीकरण और विकास की रफ्तार का सीधा असर पर्यावरण पर पड़ रहा है. ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभाव से बचाव के लिए जल संचय के साथ वन क्षेत्र संरक्षण भी जरूरी है. आम लोगों में जागरूकता की भारी कमी और पौधारोपण के प्रति उदासीनता के कारण स्थिति भयावह बनती जा रही है. नक्सल प्रभावित लखीसराय जिले में 12,000 हेक्टेयर में वन क्षेत्र फैला हुआ है. इसमें जिले के मुख्य दो प्रखंड चानन और सूर्यगढ़ा आता है. जहां वनों की अवैध कटाई को रोकने की बड़ी चुनौती आज भी बनी हुई है.
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गांधी मैदान में लगाए गए 600 पेड़ पौधे
वन विभाग के अनुसार अगले वर्ष से जिले में पौधों की कमी को दूर कर लिया जाएगा. आम महोगनी, अमरुद, कटहल आदि के पौधे पौधाशाला में लगाए जाएंगे. राज्य सरकार ने इस कार्यक्रम को प्राथमिकता देते हुए सभी जिलों में एक साथ पौधारोपण करने को कहा है. लक्ष्य के अनुसार सभी प्रखंडों में पौधारोपण करने का दिशा निर्देश दिया है. जिसमें लखीसराय के गांधी मैदान स्थित 600 छायादार और फलदार पौधे लगाए गए है. वहीं, शहर के अष्टघटी तालाब किनारे पेड़ पौधे लगाए भी गए हैं.