लखीसराय: कुरोता और पचौता गांव के पोखर के पास बसे गरीबों ने अंचल कार्यालय का घेराव किया. भूमिहीन महादलित परिवारों का आरोप है कि प्रशासन ने बिना तथ्यों को जाने ही जमीन खाली करने का नोटिस दे दिया है.
सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन का हो पालन
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन के मुताबिक जिसके पास रहने के लिए जमीन नहीं है. उसे सरकार की तरफ से पांच डिसमिल जमीन से देने का प्रावधान है लेकिन यहां तो स्थिति यह है कि बसे हुए लोगों को अतिक्रमण के नाम पर हटाया जा रहा है.
2010 में मिला था 70 लोगों को पर्चा
अपनी मांगों को लेकर अंचल कार्यालय के बाहर जुटे महादलित परिवार के सदस्यों ने बताया कि कुल मिलाकर 150 परिवार हैं. लेकिन 70 परिवारों को ही 2009 और 2010 में वासिद पर्चा दिया गया था.
क्या कहते हैं अंचलाधिकारी?
अंचलाधिकारी संजय पंडित से ईटीवी भारत ने फोन पर बातचीत की. जिसमें उन्होंने कहा कि जल जीवन हरियाली योजना के कामों को पूरा करने के लिए जमीन खाली करने का आदेश दिया गया है. लेकिन इसके पहले कारण बताओ नोटिस भेजा गया है. अगर यह लोग जवाब दे देते हैं तो उस हिसाब से काम किया जाएगा.
क्यों खाली कराई जा रही जमीन?
राज्य में नई सरकार बनने के बाद जल जीवन हरियाली के तहत अब निर्माण कार्यों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. योजना के तहत तालाब, आहर, पईन, कुओं की साफ-सफाई का काम किया जा रहा है ताकि गिरते जलस्तर को बचाया जा सके. लखीसराय में जिन लोगों को जमीन खाली करने का आदेश दिया गया है. वो लोग कही ना कही उसी जमीन पर बसे हैं जहां निर्माण कार्य शुरू होने वाला है.