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ग्राउंड रिपोर्ट: लखीसराय के इस गांव में बाढ़ पीड़ितों तक नहीं पहुंची मदद, भूखे रहने को मजबूर लोग

बिहार में बाढ़ (Bihar Flood) से लोग परेशान हैं. लखीसराय जिले के पिपरिया प्रखंड के अंर्तगत रामचंद्रपुर के महादलितों की बस्ती में लोग भूखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं. प्रशासनिक बदइंतजामी के कारण बाढ़ पीड़ितों में गहरी नाराजगी देखने को मिल रही है. पढ़िए पूरी खबर..

lakhisarai news today
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Published : Aug 20, 2021, 3:54 PM IST

लखीसराय: बिहार में बाढ़ (Bihar Flood) का कहर जारी है. लखीसराय जिले में भी लोग बाढ़ का दंश झेल रहे हैं. पिपरिया प्रखंड (Pipariya Block) के दर्जनों गांव जलमग्न हो चुके हैं. जिला प्रशासन बाढ़ पीड़ितों (Flood victims) तक मदद पहुंचाने के लाख दावे करे लेकिन तमाम दावे खोखले साबित हो रहे हैं.

यह भी पढ़ें- बाढ़ का असर: पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की किल्लत शुरू, रास्ता बंद होने से नहीं आ पा रही गाड़ियां

लखीसराय के पिपरिया प्रखंड के बाढ़ पीड़ितों का जीवन कठिन हो गया है. रामचंद्रपुर पंचायत के दास टोला, मुसहरी टोला, मोहनपुर पिपरिया, ओलिपुर, मुरबरिया, राहतपुर,तरीपर, हसनपुर,सुरजीचक, बरवासिया सहित अन्य गांव पिछले 10 दिनों से बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं.

देखें वीडियो

घर घर पानी घुसा हुआ है. आने जाने का कोई रास्ता नहीं है और न ही साधन है. बुजुर्गों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है. कोई बीमार हो जाए तो उसे अस्पताल तक ले जाना भी संभव नहीं है.- बाढ़ पीड़ित

लोगों को खाने, पीने के पानी की समस्या तो हो ही रही है. साथ ही अगर कोई बीमार पड़ जाए तो इलाज मिल पाना भी मुश्किल हो रहा है. बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि आज तक कोई भी पदाधिकारी गांव में इन लोगों का हाल देखने तक नहीं आया. वोट मांगने के समय नेता पहुंच जाते हैं लेकिन बाढ़ की इस विभिषिका में कोई जनप्रतिनिधि तक झांकने नहीं आया. रामचंद्रपुर पंचायत के लोगों का आरोप है कि अगर जिला प्रशासन के लोग आते भी हैं तो राहत सामग्री सड़कों के किनारे वाले डूबे गांव को ही दिया जाता है.

यहां कोई व्यवस्था नहीं है लोग मर रहे हैं. भूखे रहना पड़ रहा है. लोग बीमार भी पड़ रहे हैं. लेकिन कोई देखने तक नहीं आ रहा है.- बाढ़ पीड़ित

इस बाबत जब ईटीवी भारत संवाददाता ने अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार से फोन पर बात की तो उन्होंने मामले की जांच का आश्वासन दिया और अंचलाधिकारी से बात करने को कहा.

लखीसराय जिले के अंतर्गत गंगा, किऊल और हरुहर नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. इस कारण बड़हिया, पिपरिया, लखीसराय और सूर्यगढ़ा प्रखंड का नदी तटीय इलाका बाढ़ की चपेट में आ गया है. हरुहर नदी के किनारे दक्षिण भाग में पिपरिया प्रखंड के कई गांवों में पानी प्रवेश कर गया है. हसनपुर, मुरवरिया, सुरजीचक, मोहनपुर, रामचंद्रपुर, करारी पिपरिया इलाके में बुधवार की शाम से तेजी से पानी घुसने लगा है.

साबिकपुर, रेहुआ, बालगुदर इलाके में भी नदी का पानी तेजी से फैल गया है. सबसे अधिक क्षति किसानों को हुई है. खेत बाढ़ के पानी में डूब चुके हैं. पिपरिया प्रखंड अंतर्गत गंगा नदी किनारे पथुआ, डीह पिपरिया, कन्हरपुर में भी बाढ़ कहर देखने को मिल रहा है. इससे दियारा क्षेत्र में हजारों एकड़ में लगी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई है. दियारा क्षेत्र के निचले इलाके तड़ीपर, पथुआ, कन्हरपुर, डीह पिपरिया आदि गांव में कई घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है. लोगों की परेशानी बढ़ गई है. खासकर पशुपालकों के समक्ष भूसा और हरा चारा का संकट गहराने लगा है.

यह भी पढ़ें- Flood News: मोतिहारी में पसाह नदी का तांडव जारी, पानी की तेज धारा ने कई सड़कों को बहा ले गई

यह भी पढ़ें- दियारा पहुंचे ललन सिंह, बाढ़ पीड़ितों से मिलकर जाना हाल

लखीसराय: बिहार में बाढ़ (Bihar Flood) का कहर जारी है. लखीसराय जिले में भी लोग बाढ़ का दंश झेल रहे हैं. पिपरिया प्रखंड (Pipariya Block) के दर्जनों गांव जलमग्न हो चुके हैं. जिला प्रशासन बाढ़ पीड़ितों (Flood victims) तक मदद पहुंचाने के लाख दावे करे लेकिन तमाम दावे खोखले साबित हो रहे हैं.

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लखीसराय के पिपरिया प्रखंड के बाढ़ पीड़ितों का जीवन कठिन हो गया है. रामचंद्रपुर पंचायत के दास टोला, मुसहरी टोला, मोहनपुर पिपरिया, ओलिपुर, मुरबरिया, राहतपुर,तरीपर, हसनपुर,सुरजीचक, बरवासिया सहित अन्य गांव पिछले 10 दिनों से बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं.

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घर घर पानी घुसा हुआ है. आने जाने का कोई रास्ता नहीं है और न ही साधन है. बुजुर्गों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है. कोई बीमार हो जाए तो उसे अस्पताल तक ले जाना भी संभव नहीं है.- बाढ़ पीड़ित

लोगों को खाने, पीने के पानी की समस्या तो हो ही रही है. साथ ही अगर कोई बीमार पड़ जाए तो इलाज मिल पाना भी मुश्किल हो रहा है. बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि आज तक कोई भी पदाधिकारी गांव में इन लोगों का हाल देखने तक नहीं आया. वोट मांगने के समय नेता पहुंच जाते हैं लेकिन बाढ़ की इस विभिषिका में कोई जनप्रतिनिधि तक झांकने नहीं आया. रामचंद्रपुर पंचायत के लोगों का आरोप है कि अगर जिला प्रशासन के लोग आते भी हैं तो राहत सामग्री सड़कों के किनारे वाले डूबे गांव को ही दिया जाता है.

यहां कोई व्यवस्था नहीं है लोग मर रहे हैं. भूखे रहना पड़ रहा है. लोग बीमार भी पड़ रहे हैं. लेकिन कोई देखने तक नहीं आ रहा है.- बाढ़ पीड़ित

इस बाबत जब ईटीवी भारत संवाददाता ने अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार से फोन पर बात की तो उन्होंने मामले की जांच का आश्वासन दिया और अंचलाधिकारी से बात करने को कहा.

लखीसराय जिले के अंतर्गत गंगा, किऊल और हरुहर नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. इस कारण बड़हिया, पिपरिया, लखीसराय और सूर्यगढ़ा प्रखंड का नदी तटीय इलाका बाढ़ की चपेट में आ गया है. हरुहर नदी के किनारे दक्षिण भाग में पिपरिया प्रखंड के कई गांवों में पानी प्रवेश कर गया है. हसनपुर, मुरवरिया, सुरजीचक, मोहनपुर, रामचंद्रपुर, करारी पिपरिया इलाके में बुधवार की शाम से तेजी से पानी घुसने लगा है.

साबिकपुर, रेहुआ, बालगुदर इलाके में भी नदी का पानी तेजी से फैल गया है. सबसे अधिक क्षति किसानों को हुई है. खेत बाढ़ के पानी में डूब चुके हैं. पिपरिया प्रखंड अंतर्गत गंगा नदी किनारे पथुआ, डीह पिपरिया, कन्हरपुर में भी बाढ़ कहर देखने को मिल रहा है. इससे दियारा क्षेत्र में हजारों एकड़ में लगी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई है. दियारा क्षेत्र के निचले इलाके तड़ीपर, पथुआ, कन्हरपुर, डीह पिपरिया आदि गांव में कई घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है. लोगों की परेशानी बढ़ गई है. खासकर पशुपालकों के समक्ष भूसा और हरा चारा का संकट गहराने लगा है.

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