लखीसराय: बिहार के लखीसराय जिले में बीते 20 नवंबर को छठ पूजा के अंतिम दिन सुबह करीबन 7 बजे सनकी प्रेमी आशीष चौधरी ने अपनी पत्नी सहित 6 लोगों पर गोली चला दी थी. इस घटना में तीन लोगों की मौत हो गई थी. वहीं, तीन अन्य लोग आज भी पटना के अस्पताल में अपना इलाज करा रहे है. वहीं, पुलिस ने आशीष को जब रिमांड पर लिया तो उसने कई अहम जानकारी दी. आशीष ने बताया कि वह मानसिक स्थिति खो बैठा था. दिमाग में पत्नी से जुड़े कई तरह के सवाल उठ रहे थे. जिसके कारण उसने 6 लोगों पर गोली चला दी.
4 साल से प्रेमिका के साथ रह रहा था: आशीष ने बताया कि 2017 में दोनों ने शादी कर ली थी. दोनों चार साल तक पटना के नाला रोड़ स्थित दरिया पुर टोला में स्थित एक निजी मकान में किराए पर रहते थे. जहां चौथे साल आशीष की आर्थिक हालत खराब होने लगी. उसने पत्नी से बातचीत कर और आपसी समझौता के बाद वह पहले अकेले वापस लखीसराय आ गया. वहां उसने अपने बड़े भाई से तीन लाख रुपये कर्ज लिया और लखीसराय में ही एक छोटा कारोबार शुरू कर दिया.
पत्नी ने दो युवकों के साथ बनाया संबध: आशीष ने बताया कि जब उसने पत्नी को लखीसराय आने की बात कही तो वह आनाकानी करने लगी. जिसके बाद उसे वापस पटना आना पड़ा. उसने पटना आकर पत्नी को लखीसराय चलने के लिए कहा तो पत्नी ने मना कर दिया. इस बीच उसने दो युवकों के साथ संबध बना लिया था. यह बात भूलकर भी वह उसके साथ रहना चाहता था. इस बीच उसकी मां का भी देहांत हो गया. इससे वह काफी परेशान हो गया. ऐसे में जब छठ पूजा के दिन उसकी पत्नी लखीसराय अपने घर आई तो वह उसे मनाने के लिए उसके घर गया था. इसके बाद भी जब वह नहीं मानी तो अंतः उसने यह कदम उठाया.
साथी से हथियार अपने लेकर दिया घटना को अंजाम: आशीष ने बताया कि उसने अपने साथी ओझवा पोखर निवासी निर्मल से एक हथियार लिया, जिसके बाद इस घटना को अजांम दिया. वह घटना के बाद हनुमान मंदिर से एक बाइक चालक से लिफ्ट लेकर कटौता रेलवे स्टेशन गया. जहां से वह गया, गया के बाद दिल्ली, दिल्ली के बाद तिरुपति बाला जी मंदिर गया. इसके बाद वह बंग्लौर गया फिर वापस दिल्ली आया. बाद में वह अमृतसर गया और फिर बनारस पहुंचा. जहां उसे न्यूज के माध्यम से पता चला कि घटना में तीन निर्दोष व्यक्ति गिरफ्तार हो गए हैं. जिसके बाद उसने कोर्ट में सरेंडर किया.
"मेरी पत्नी का दो लोगों के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था. लाख समझाने के बाद भी वह नहीं मान रही थी. इस बीच मेरी मां भी मर गई. घटना के बाद से मैं अपने आप को बेसहारा महसूस कर रहा था. इस बीच हमारी जमीन भी बिक गई. मेरे जीवन में सब कुछ खत्म हो गया था. इन्हीं बातों से परेशान होकर मैंने इस घटना को अंजाम दिया. इस घटना में गिरफ्तार तीनों लोग निर्दोष हैं." - आशीष, मुख्य आरोपी
अरविंद पासवान को मिल सकती है राहत: अरविंद पासवान नगर अध्यक्ष पद पर कार्यरत हैं. बीजेपी कार्यकताओं ने इस मुकदमे में इनका नाम भी शामिल होने की बात कही थी. वहीं, रिमांड पर लेने के बाद आशीष ने कहा कि कि मृतक परिवार ने यह आरोप जमीन विवाद से जुड़ा होने का बताया था, जो कि कहीं से सही नहीं है. इस घटना में अरविंद पासवान का नाम भी लाया गया है. वह गलत है. जमीन विवाद का कोई मामला नहीं था. यह सिर्फ पति और पत्नी के बीच का मामला था. परिवार वाले सारी बात गलत बता रहे हैं.
''मृतक परिवार द्वारा आशीष चौधरी पर 20 नवंबर को 6 लोगों पर गोली चलाने का आरोप लगाया गया था. घटना के बाद पुलिस लगातार जांच कर रही थी. हमने पहले से ही प्रेम प्रंसग का मामला बताया था. अशाीष ने दो दिन पूर्व लखीसराय कोर्ट में सरेंडर किया. जब मंडलकारा से आदेश लेकर अशीष चौधरी को 48 घंटे के लिए रिमांड पर लिया गया तो उसने सभी जानकारी दे दी. अब कोर्ट के आदेश का इंतजार है." - पंकज कुमार, पुलिस अधीक्षक, लखीसराय
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