ETV Bharat / state

आम्रपाली ग्रुप समूह के MD अनिल शर्मा समेत 7 पर CBI का शिकंजा, पटना HC के आदेश पर जांच शुरू

वर्ष 2014 में लखीसराय बालिका विद्यापीठ के अध्यक्ष की हत्या (CBI Investigating Murder Case of Lakhisarai) हुई थी. हाईकोर्ट के आदेश पर इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपा गया है. इस मामले में आम्रपाली ग्रुप के एमडी अनिल सिंहा सहित सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. केस के जांच पदाधिकारी इंस्पेक्टर गौतम कुमार अंशु को बनाया गया है.

सीबीआई ने आम्रपाली समूह के एमडी पर मुकदमा दर्ज किया
सीबीआई ने आम्रपाली समूह के एमडी पर मुकदमा दर्ज किया
author img

By

Published : Jan 11, 2023, 10:48 PM IST

Updated : Jan 12, 2023, 8:09 AM IST

पटना: अब CBI बहुचर्चित लखीसराय बालिका विद्यापीठ अध्यक्ष हत्याकांड (Lakhisarai Balika Vidyapeeth President Murder case) मामले की जांच करेगी. पटना ईकाई ने मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. दर्ज FIR में आम्रपाली ग्रुप के प्रबंध निदेशक अनिल शर्मा (FIR On Amrapali Group MD) के अलावा लखीसराय के पचहना रोड निवासी डॉ. प्रवीण सिन्हा, पंजाबी मोहल्ला निवासी डॉ. श्याम सुंदर सिंह सहित सात लोगों के नाम शामिल हैं.

यह भी पढ़ें: Lakhisarai News: अज्ञात युवती का शव मिलने से गांव में मचा हड़कंप

वर्ष 2014 में हुई थी हत्या: लखीसराय में मौजूद बालिका विद्यापीठ के अध्यक्ष डॉ. शरद चंद्र की हत्या 2 अगस्त 2014 को सुबह छह बजे उस समय कर दी गयी थी, जब वे इसी विद्यापीठ कैंपस में मौजूद अपने आवास के बरामदे में अखबार पढ़ रहे थे. इस हत्या के पीछे की वजह इस संस्थान की पूरी जमीन हड़पना था. इस पूरे साजिश में कई स्थानीय लोगों के साथ आम्रपाली ग्रुप ग्रुप के एमडी अनिल शर्मा का नाम भी सामने आया था. मृतक की पत्नी उषा शर्मा ने लखीसराय थाना में मामला दर्ज कराया था.

सात के खिलाफ मामला दर्ज: दर्ज एफआईआर में आम्रपाली ग्रुप के प्रबंध निदेशक अनिल शर्मा, लखीसराय के पचहना रोड निवासी डॉ. प्रवीण सिन्हा, पंजाबी मोहल्ला निवासी डॉ. श्याम सुंदर सिंह, नया बाजार स्थित बड़ी दुर्गा स्थान के राजेंद्र सिंघानिया, बालिका विद्यापीठ की प्राचार्या अनिता सिंह, लखीसराय थाना क्षेत्र के लोदिया निवासी शंभू शरण सिंह, राधेश्याम सिंह और दो अज्ञात को नामजद अभियुक्त बनाया गया था. इन पर हत्या, आपराधिक साजिश समेत अन्य संगीन आरोप लगाए गए थे.

"जमीन हड़पने की साजिश में हत्या": मामले की जांच कर लखीसराय थाने की पुलिस कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर सकी. आज तक साजिश से जुड़े किसी को गिरफ्तार नहीं किया जा सका. एफआईआर में यह भी आरोप लगाया गया कि मृतक के वास्तविक उत्तराधिकारी के नाम को स्थानीय लोगों की मदद से हटा दिया गया था. इसकी शिकायत मृतक शरद चंद्र ने डॉ. प्रवीण कुमार सिन्हा और डॉ. श्याम सुंदर सिंह के खिलाफ दर्ज करायी थी. इन दोनों ने बालिका विद्यापीठ की राशि को हड़पने के लिए अपने नाम पर गलत तरीके से निजी खाता खुलवा लिया था. मृतक के घर पर कई बार हमले भी किये गये और उन्हें लगातार धमकी दी जा रही थी.

हाईकोर्ट ने CBI को सौंपा जांच: इस मामले की जांच बिहार पुलिस की सीआईडी से भी करवायी गयी थी लेकिन CID की जांच पर हाईकोर्ट ने आपत्ति दर्ज करते हुए मामले को सीबाआई को सौंप दिया. हाईकोर्ट का मानना था कि सच्चाई बाहर लाने के लिए सीआईडी के स्तर से सही ढंग से प्रयत्न नहीं किया गया है. इस मामले में आपराधिक षडयंत्र में शामिल लोगों के नाम सामने आ ही नहीं पाये. इन तमाम कारणों को बताते हुए हाईकोर्ट ने पूरे मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया गया है.

पटना: अब CBI बहुचर्चित लखीसराय बालिका विद्यापीठ अध्यक्ष हत्याकांड (Lakhisarai Balika Vidyapeeth President Murder case) मामले की जांच करेगी. पटना ईकाई ने मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. दर्ज FIR में आम्रपाली ग्रुप के प्रबंध निदेशक अनिल शर्मा (FIR On Amrapali Group MD) के अलावा लखीसराय के पचहना रोड निवासी डॉ. प्रवीण सिन्हा, पंजाबी मोहल्ला निवासी डॉ. श्याम सुंदर सिंह सहित सात लोगों के नाम शामिल हैं.

यह भी पढ़ें: Lakhisarai News: अज्ञात युवती का शव मिलने से गांव में मचा हड़कंप

वर्ष 2014 में हुई थी हत्या: लखीसराय में मौजूद बालिका विद्यापीठ के अध्यक्ष डॉ. शरद चंद्र की हत्या 2 अगस्त 2014 को सुबह छह बजे उस समय कर दी गयी थी, जब वे इसी विद्यापीठ कैंपस में मौजूद अपने आवास के बरामदे में अखबार पढ़ रहे थे. इस हत्या के पीछे की वजह इस संस्थान की पूरी जमीन हड़पना था. इस पूरे साजिश में कई स्थानीय लोगों के साथ आम्रपाली ग्रुप ग्रुप के एमडी अनिल शर्मा का नाम भी सामने आया था. मृतक की पत्नी उषा शर्मा ने लखीसराय थाना में मामला दर्ज कराया था.

सात के खिलाफ मामला दर्ज: दर्ज एफआईआर में आम्रपाली ग्रुप के प्रबंध निदेशक अनिल शर्मा, लखीसराय के पचहना रोड निवासी डॉ. प्रवीण सिन्हा, पंजाबी मोहल्ला निवासी डॉ. श्याम सुंदर सिंह, नया बाजार स्थित बड़ी दुर्गा स्थान के राजेंद्र सिंघानिया, बालिका विद्यापीठ की प्राचार्या अनिता सिंह, लखीसराय थाना क्षेत्र के लोदिया निवासी शंभू शरण सिंह, राधेश्याम सिंह और दो अज्ञात को नामजद अभियुक्त बनाया गया था. इन पर हत्या, आपराधिक साजिश समेत अन्य संगीन आरोप लगाए गए थे.

"जमीन हड़पने की साजिश में हत्या": मामले की जांच कर लखीसराय थाने की पुलिस कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर सकी. आज तक साजिश से जुड़े किसी को गिरफ्तार नहीं किया जा सका. एफआईआर में यह भी आरोप लगाया गया कि मृतक के वास्तविक उत्तराधिकारी के नाम को स्थानीय लोगों की मदद से हटा दिया गया था. इसकी शिकायत मृतक शरद चंद्र ने डॉ. प्रवीण कुमार सिन्हा और डॉ. श्याम सुंदर सिंह के खिलाफ दर्ज करायी थी. इन दोनों ने बालिका विद्यापीठ की राशि को हड़पने के लिए अपने नाम पर गलत तरीके से निजी खाता खुलवा लिया था. मृतक के घर पर कई बार हमले भी किये गये और उन्हें लगातार धमकी दी जा रही थी.

हाईकोर्ट ने CBI को सौंपा जांच: इस मामले की जांच बिहार पुलिस की सीआईडी से भी करवायी गयी थी लेकिन CID की जांच पर हाईकोर्ट ने आपत्ति दर्ज करते हुए मामले को सीबाआई को सौंप दिया. हाईकोर्ट का मानना था कि सच्चाई बाहर लाने के लिए सीआईडी के स्तर से सही ढंग से प्रयत्न नहीं किया गया है. इस मामले में आपराधिक षडयंत्र में शामिल लोगों के नाम सामने आ ही नहीं पाये. इन तमाम कारणों को बताते हुए हाईकोर्ट ने पूरे मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया गया है.

Last Updated : Jan 12, 2023, 8:09 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.