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हकीकत-ए-शराबबंदी मामला: महिलाओं के बवाल पर हरकत में प्रशासन, कहा- योजनाओं का दिया जाता है पूरा लाभ - महिलाओं ने पुलिस को खदेड़ा

कजरा थाना क्षेत्र के अंतर्गत श्री किशुन पंचायत में शराब माफियाओं के विरुद्ध उत्पाद विभाग ने छापेमारी अभियान चलाया था. इस मौके पर भारी मात्रा में महुआ और जावा को नष्ट किया गया था. वहीं इस दौरान गांव की महिलाओं ने पुलिस बलों को खदेड़ दिया था. जिसे लेकर प्रशासन एक्शन मोड में आ गया है.

शैलेंद्र कुमार चौधरी, अधीक्षक, उत्पाद विभाग
शैलेंद्र कुमार चौधरी, अधीक्षक, उत्पाद विभाग
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Published : Apr 8, 2021, 12:31 PM IST

लखीसराय: तीन दिन पूर्व उत्पाद अधीक्षक शैलेंद्र कुमार चौधरी के आदेश पर उत्पाद विभाग के सब इंस्पेक्टर प्रकाश कुमार ने श्री किशुन पंचायत में शराब माफियों के खिलाफ छापेमारी की थी. बता दें कि सब इंस्पेक्टर ने यह छापेमारी कजरा थाना की टीम की मदद से की थी. जिसका विरोध गांव की महिलाओं के माध्यम से किया गया था. महिला के इस रवैया से प्रशसान हरकत में आ गया है.

इसे भी पढ़ें: हकीकत-ए-शराबबंदी! पुलिस ने नष्ट किए शराब, सड़क पर उतर महिलाएं मांग रही मुआवजा

महिलाओं ने की थी रोजगार की मांग
छापेमारी के दौरान गांव की महिलाओं ने शराब नष्ट करने का मुआवजा और शराब बंद करने के एवज में बड़े रोजगार की मांग की थी. महिलाओं ने सभी पुलिसकर्मियों खदेड़कर दिया था. इस बात की सूचना जिला प्रशासन को लगी तो लोग हरकत में आ गए.

तैयार की गई थी सूची
उत्पाद विभाग के माध्यम से सतत जीविका योजना से आच्छादित गिरफ्तार किए गए देसी शराब, ताड़ी का उत्पादन और बिक्री में संलिप्त अत्यंत निर्धन और अनुसूचित जनजाति, अन्य समुदाय व्यक्तियों की सूची तैयार की गई थी. पिछले जनवरी 2021 में ही कुल 80 लोगों को सुविधा प्रदान करने को लेकर जीविका दीदी कार्यालय को पत्र लिखा गया था. लेकिन अब तक जीविका कार्यालय के माध्यम से सूचीबद्ध व्यक्तियों में एक भी लोगों को यह लाभ योजना का फायदा नहीं दिला पाया. ऐसे में लोग शराब बनाना या छोड़ना मुनासिब नहीं समझते. क्योंकि रोजगार का कोई अवसर नहीं मिल पा रहा है.

लखीसराय के 7 प्रखंडों के अंतर्गत विभिन्न गांव में बिहार में शराबबंदी के बाद अभियान चलाया गया. कई लोगों पर मामला दर्ज करते हुए शराब भी बरामद किया गया है. कई बार एक ही आदमी पर शराब बेचने के जुल्म में एफआईआर अनेक बार दर्ज की गई है. - शैलेंद्र कुमार चौधरी, अधीक्षक, उत्पाद विभाग

देखें रिपोर्ट.

ये भी पढ़ें: लखीसराय: शराबबंदी की कड़वी सच्चाई, 3 महीने में शराब के 249 मामले दर्ज

80 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
सरकार के माध्यम से चलाए गए योजना सतत जीविकोपार्जन योजना के अंतर्गत जिले के 7 प्रखंडों में जैसे लखीसराय 42, पिपरिया में 0, कजरा में 2, सूर्यगढ़ा में 3, चानन में 10, हलसी में 8, रामगढ़ में 2, पिपरिया में 0, सूर्यगढ़ा में 3, अमहरा में 8, बडहिया में 5 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है. जबकि कुल मिलाकर 80 लोगों का नाम जीविका कार्यालय को इस योजना के अंतर्गत रोजगार मुहैया की सूची उपलब्ध कराई गई. जिसमें लोगों को तत्काल सुविधा के रूप में हर माह 7 महीने तक 1,000 रुपये की राशि देने का प्रावधान है.

1500 से अधिक लोगों को दी गई सुविधा
इस संबंध में जीविका कार्यालय के पदाधिकारी ने बताया कि सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत आच्छादित बरामद किए गए देसी शराब और सूची तैयार कर कुल 1,560 लोगों को चिन्हित कर सुविधा दी गई है. जबकि 1520 माइक्रो प्लानिंग के तहत दिया गया है. जिसमें बकरी पालन, दूध उद्योग, सिलाई कटाई और किराना दुकान चलाने के लिए राशि उपलब्ध कराई गई है.

कुछ लोगों को किया गया राशि का भुगतान
1472 लोगों को जिले के 7 प्रखंडों में ग्राम संगठन के माध्यम से और नालंदा सीआरपीएफ क्वॉलिटी रिसर्च संगठन के के माध्यम से यह सुविधा दी गई है. लखीसराय में कुल 535 ग्राम संगठन 80 पंचायत में काम कर रही है. राज्य सरकार के के माध्यम से आगामी राशि का भुगतान कुछ लोगों को दिया गया है. वहीं अगले आदेश तक अगर कोई आवंटन प्राप्त हो जाता है तो लोगों को रोजगार भी मुहैया कराया जाएगा. चिन्हित लोगों को हर माह 1000 रुपये की राशि खाने-पीने के लिए दी जा रही है. यदि शराब छोड़ देते है तो इन्हें 1 लाख रुपये की राशि और अलग-अलग किस्तों में रोजगार मुहैया काराया जाएगा.

लखीसराय: तीन दिन पूर्व उत्पाद अधीक्षक शैलेंद्र कुमार चौधरी के आदेश पर उत्पाद विभाग के सब इंस्पेक्टर प्रकाश कुमार ने श्री किशुन पंचायत में शराब माफियों के खिलाफ छापेमारी की थी. बता दें कि सब इंस्पेक्टर ने यह छापेमारी कजरा थाना की टीम की मदद से की थी. जिसका विरोध गांव की महिलाओं के माध्यम से किया गया था. महिला के इस रवैया से प्रशसान हरकत में आ गया है.

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महिलाओं ने की थी रोजगार की मांग
छापेमारी के दौरान गांव की महिलाओं ने शराब नष्ट करने का मुआवजा और शराब बंद करने के एवज में बड़े रोजगार की मांग की थी. महिलाओं ने सभी पुलिसकर्मियों खदेड़कर दिया था. इस बात की सूचना जिला प्रशासन को लगी तो लोग हरकत में आ गए.

तैयार की गई थी सूची
उत्पाद विभाग के माध्यम से सतत जीविका योजना से आच्छादित गिरफ्तार किए गए देसी शराब, ताड़ी का उत्पादन और बिक्री में संलिप्त अत्यंत निर्धन और अनुसूचित जनजाति, अन्य समुदाय व्यक्तियों की सूची तैयार की गई थी. पिछले जनवरी 2021 में ही कुल 80 लोगों को सुविधा प्रदान करने को लेकर जीविका दीदी कार्यालय को पत्र लिखा गया था. लेकिन अब तक जीविका कार्यालय के माध्यम से सूचीबद्ध व्यक्तियों में एक भी लोगों को यह लाभ योजना का फायदा नहीं दिला पाया. ऐसे में लोग शराब बनाना या छोड़ना मुनासिब नहीं समझते. क्योंकि रोजगार का कोई अवसर नहीं मिल पा रहा है.

लखीसराय के 7 प्रखंडों के अंतर्गत विभिन्न गांव में बिहार में शराबबंदी के बाद अभियान चलाया गया. कई लोगों पर मामला दर्ज करते हुए शराब भी बरामद किया गया है. कई बार एक ही आदमी पर शराब बेचने के जुल्म में एफआईआर अनेक बार दर्ज की गई है. - शैलेंद्र कुमार चौधरी, अधीक्षक, उत्पाद विभाग

देखें रिपोर्ट.

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80 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
सरकार के माध्यम से चलाए गए योजना सतत जीविकोपार्जन योजना के अंतर्गत जिले के 7 प्रखंडों में जैसे लखीसराय 42, पिपरिया में 0, कजरा में 2, सूर्यगढ़ा में 3, चानन में 10, हलसी में 8, रामगढ़ में 2, पिपरिया में 0, सूर्यगढ़ा में 3, अमहरा में 8, बडहिया में 5 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है. जबकि कुल मिलाकर 80 लोगों का नाम जीविका कार्यालय को इस योजना के अंतर्गत रोजगार मुहैया की सूची उपलब्ध कराई गई. जिसमें लोगों को तत्काल सुविधा के रूप में हर माह 7 महीने तक 1,000 रुपये की राशि देने का प्रावधान है.

1500 से अधिक लोगों को दी गई सुविधा
इस संबंध में जीविका कार्यालय के पदाधिकारी ने बताया कि सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत आच्छादित बरामद किए गए देसी शराब और सूची तैयार कर कुल 1,560 लोगों को चिन्हित कर सुविधा दी गई है. जबकि 1520 माइक्रो प्लानिंग के तहत दिया गया है. जिसमें बकरी पालन, दूध उद्योग, सिलाई कटाई और किराना दुकान चलाने के लिए राशि उपलब्ध कराई गई है.

कुछ लोगों को किया गया राशि का भुगतान
1472 लोगों को जिले के 7 प्रखंडों में ग्राम संगठन के माध्यम से और नालंदा सीआरपीएफ क्वॉलिटी रिसर्च संगठन के के माध्यम से यह सुविधा दी गई है. लखीसराय में कुल 535 ग्राम संगठन 80 पंचायत में काम कर रही है. राज्य सरकार के के माध्यम से आगामी राशि का भुगतान कुछ लोगों को दिया गया है. वहीं अगले आदेश तक अगर कोई आवंटन प्राप्त हो जाता है तो लोगों को रोजगार भी मुहैया कराया जाएगा. चिन्हित लोगों को हर माह 1000 रुपये की राशि खाने-पीने के लिए दी जा रही है. यदि शराब छोड़ देते है तो इन्हें 1 लाख रुपये की राशि और अलग-अलग किस्तों में रोजगार मुहैया काराया जाएगा.

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