किशनगंज: जिले में हर तरह की स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए सरकार तमाम कोशिशें कर रही है. इसके लिए पैसा भी पानी की तरह बहाया जा रहा है. फिर भी सरकारी चिकित्सालयों की स्थिति सुधरने के बजाए दिनों-दिन बिगड़ती जा रही है.
इस दौरान जिले के पशु चिकित्सालय भी सरकारी अनदेखी का शिकार बना हुआ है. लोगों की शिकायत है कि अगर कोई ग्रामीण अपने पशु के इलाज करवाने के लिए पशु चिकित्सक के पास जाते हैं तो उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ता है.
डॉक्टर की जगह इलाज करता है डेटा एंट्री ऑपरेटर
मामला किशनगंज के बेलवा स्थित पशु चिकित्सालय का है. जिसकी हालत बेहद खास्ता है. अस्पताल के नाम एक भवन जर्जर हालत में खड़ा है. जिसमें डॉक्टर तक नहीं रहते हैं. अस्पताल में कर्मचारी के नाम पर सिर्फ एक डेटा एंट्री ऑपरेटर रहता है. वही अस्पताल में आए मरीजों को देखता है. डेटा एंट्री करने वाले ने बताया कि हमारे पास दवाईयों का स्टॉक ना के बराबर है. जो भी दवाई उपलब्ध हैं, वही रोगियों को दी जाती हैं.
अधिकारी बोले- जल्द ही उपलब्ध कराएंगे दवाई
वहीं पशु चिकित्सा पदाधिकारी ने बेलवा पशु चिकित्सालय में पदस्थापित डॉ. दिलीप कुमार का बचाव करते हुए कहा कि डॉ. दिलीप को दो-तीन पदों पर नियुक्ति की गई है. इसीलिए आजकल वह अस्पताल में नहीं रह पाते हैं. वहीं उन्होंने दवाई की कमी पर बताया कि अब हमारे पास काफी मात्रा में दवाई उपलब्ध है. जिसको जिले के सभी पशु अस्पतालों में जल्द ही पहुंचाया जाएगा.