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पशु चिकित्सालय का हाल-बेहाल: अस्पताल के नाम पर जर्जर भवन, ना दवाईयां हैं ना डॉक्टर

स्थानीय लोगों की शिकायत है कि अगर कोई ग्रामीण अपने पशु के इलाज करवाने के लिए पशु चिकित्सक के पास जाते हैं तो उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ता है.

बेलवा पशु चिकित्सालय
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Published : May 2, 2019, 5:56 PM IST

किशनगंज: जिले में हर तरह की स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए सरकार तमाम कोशिशें कर रही है. इसके लिए पैसा भी पानी की तरह बहाया जा रहा है. फिर भी सरकारी चिकित्सालयों की स्थिति सुधरने के बजाए दिनों-दिन बिगड़ती जा रही है.


इस दौरान जिले के पशु चिकित्सालय भी सरकारी अनदेखी का शिकार बना हुआ है. लोगों की शिकायत है कि अगर कोई ग्रामीण अपने पशु के इलाज करवाने के लिए पशु चिकित्सक के पास जाते हैं तो उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ता है.

डॉक्टर की जगह इलाज करता है डेटा एंट्री ऑपरेटर
मामला किशनगंज के बेलवा स्थित पशु चिकित्सालय का है. जिसकी हालत बेहद खास्ता है. अस्पताल के नाम एक भवन जर्जर हालत में खड़ा है. जिसमें डॉक्टर तक नहीं रहते हैं. अस्पताल में कर्मचारी के नाम पर सिर्फ एक डेटा एंट्री ऑपरेटर रहता है. वही अस्पताल में आए मरीजों को देखता है. डेटा एंट्री करने वाले ने बताया कि हमारे पास दवाईयों का स्टॉक ना के बराबर है. जो भी दवाई उपलब्ध हैं, वही रोगियों को दी जाती हैं.

बदहाल स्थिति में पशुचिकित्सालय

अधिकारी बोले- जल्द ही उपलब्ध कराएंगे दवाई
वहीं पशु चिकित्सा पदाधिकारी ने बेलवा पशु चिकित्सालय में पदस्थापित डॉ. दिलीप कुमार का बचाव करते हुए कहा कि डॉ. दिलीप को दो-तीन पदों पर नियुक्ति की गई है. इसीलिए आजकल वह अस्पताल में नहीं रह पाते हैं. वहीं उन्होंने दवाई की कमी पर बताया कि अब हमारे पास काफी मात्रा में दवाई उपलब्ध है. जिसको जिले के सभी पशु अस्पतालों में जल्द ही पहुंचाया जाएगा.

किशनगंज: जिले में हर तरह की स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए सरकार तमाम कोशिशें कर रही है. इसके लिए पैसा भी पानी की तरह बहाया जा रहा है. फिर भी सरकारी चिकित्सालयों की स्थिति सुधरने के बजाए दिनों-दिन बिगड़ती जा रही है.


इस दौरान जिले के पशु चिकित्सालय भी सरकारी अनदेखी का शिकार बना हुआ है. लोगों की शिकायत है कि अगर कोई ग्रामीण अपने पशु के इलाज करवाने के लिए पशु चिकित्सक के पास जाते हैं तो उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ता है.

डॉक्टर की जगह इलाज करता है डेटा एंट्री ऑपरेटर
मामला किशनगंज के बेलवा स्थित पशु चिकित्सालय का है. जिसकी हालत बेहद खास्ता है. अस्पताल के नाम एक भवन जर्जर हालत में खड़ा है. जिसमें डॉक्टर तक नहीं रहते हैं. अस्पताल में कर्मचारी के नाम पर सिर्फ एक डेटा एंट्री ऑपरेटर रहता है. वही अस्पताल में आए मरीजों को देखता है. डेटा एंट्री करने वाले ने बताया कि हमारे पास दवाईयों का स्टॉक ना के बराबर है. जो भी दवाई उपलब्ध हैं, वही रोगियों को दी जाती हैं.

बदहाल स्थिति में पशुचिकित्सालय

अधिकारी बोले- जल्द ही उपलब्ध कराएंगे दवाई
वहीं पशु चिकित्सा पदाधिकारी ने बेलवा पशु चिकित्सालय में पदस्थापित डॉ. दिलीप कुमार का बचाव करते हुए कहा कि डॉ. दिलीप को दो-तीन पदों पर नियुक्ति की गई है. इसीलिए आजकल वह अस्पताल में नहीं रह पाते हैं. वहीं उन्होंने दवाई की कमी पर बताया कि अब हमारे पास काफी मात्रा में दवाई उपलब्ध है. जिसको जिले के सभी पशु अस्पतालों में जल्द ही पहुंचाया जाएगा.

Intro:किशनगंज-स्वास्थ्य सुविधा पर सरकार का पूरा ध्यान रहता है,और उसके लिए सरकार पैसे भी पानी की तरह बहा रही है, फिर भी पशु चिकित्सालय विभाग की उदाशीनता का शिकार है।अगर कोई ग्रामीण अपने पशु के इलाज करवाने के लिए पशु चिकित्सक के पास जाते है तो उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ता है।


Body:किशनगंज-मामला किशनगंज के बेलवा स्थित पशु चिकित्सालय का है जिसकी हालात बहुत ही माली है,भवन के नाम पर एक जर्जर हालत में भवन है,जिसमे डॉक्टर तक नही रहते है,अस्पताल में कर्मचारी के नाम पर सिर्फ एक डेटा एंट्री ऑपरेटर रहता है जो अस्पताल आये मरीज़ों को देखता है।अस्पताल का भवन बहुत ही जर्जर हालत में है, डेटा एंट्री ने बताया कि हमारे पास जो भी दवाई उपलब्ध है वो रोगियो को मुहैया करवाते है।

वही पशु चिकित्सा पदाधिकारी ने बेलवा पशु चिकित्सालय में पदस्थापित डॉ. दिलिप कुमार बैठा का बचाओ करते हुए कहा कि डॉ. दिलीप को दो-तीन पदों पर नियुक्ति की गई है, इसीलिए आजकल वो अस्पताल पर नही रह पाते है।वही उन्होंने दवाई की कमी पर बताया कि अब हमारे पास काफी मात्रा में दवाई उपलब्ध है जिसको जिले के सभी पशु अस्पतालों में जल्द ही पहुचाया जाएगा।


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