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किशनगंज: गरीब किसान की बेटी इंटर आर्ट्स में बनी 2nd राज्य टोपर

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा इंटर का रिजल्ट जारी किया गया. इसमें किशनगंज की माहिनूर निशा इंटर अर्ट्स में 2nd राज्य टाॉपर बनी.

माहिनूर निशा
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Published : Mar 31, 2019, 2:07 AM IST

किशनगंज: जिले के एक गरीब किसान की बेटी ने इंटर अर्ट्स में 2nd राज्य टाॉपर बनकर जिले का नाम रोशन किया है. शनिवार को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा इंटर का रिजल्ट घोषित हुआ. इसमें माहिनूर निशा ने 460 अंक लाकर राज्य में दूसरा सथान हासिल किया. इसके बाद माहिनूर को बधाई देने वालों का उसके घर पर तांता लगा हुआ है.

इंटर में पूरे बिहार में दूसरा रैंक लाने वाली किशनगंज की किसान की बेटी माहिनूर निशा काफी गरीबी में पली बड़ी. प्राथमिक शिक्षा गांव के ही सरकारी स्कूल से आरंभ हुआ और गांव के ही प्लस टू नेशनल एकेडमी हाइस्कूल गांगी से इंटर कीपढ़ाई कर 92•4 फीसदी नम्बर लाकर राज्य में द्वितीय टॉप रैंक हासिल की है. माहिनूर जिला मुख्यालय से 18 किमी दूर कोचाधामन प्रखंड के तेघरिया पंचायत के सुदूर गांव गौरामनी की रहने वाली है.

माहिनूर निशा इंटर अर्ट्स 2nd राज्य टोपर

बगैर कोचिंग क्लासेस के खूद के दम पर की पढ़ाई
माहिनूर बचपन से ही मेधावी छात्रा थी और उसके पिता छोटे किसान हैं. घर में गरीबी इतनी थी कि बड़ी मुश्किल से दो वक्त की रोटी नसीब हो पाती थी. माहिनूर तीन बहन व दो भाई हैं, जिसमें माहिनूर सबसे बड़ी है. गरीबी की वजह से माहिनूर ने बगैर कोचिंग क्लासेस के खूद के दम पर पढ़ाई की है. माहिनूर ने बताया कि सफलता का राज घर के काम काज के साथ साथ दस से बारहों घंटो तक पढ़ाई करना है. वो इसका श्रेय अपने माता पिता को देती है, जिन्होंने उसका हौसला बढ़ाया है.

अधिकारी बनना चाहती है माहिनूर
माहिनूर का कहना है कि लोग आज समाज में बेटा व बेटी मे फर्क समझते हैं. लेकिन बेटियां भी कुछ कर सकती हैं, जरूरत है उसकी हौसला बढ़ाने की. माहिनूर पढ़ लिख कर अधिकारी बनना चाहती है. ताकि समाज के महिलाओं को सशक्त बना सके. माहिनूर के पिता नूर आलम का कहना है कि अगर राज्य सरकार आर्थिक मदद करे तो आगे उच्च शिक्षा तक माहिनूर को पढ़ा पाएंगे. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि किशनगंज जिला सबसे कम साक्षरता वाला जिला है. ऐसे में माहिनूर का बिहार में दुसरा टाॉपर बनना किशनगंज के लिए गर्व की बात है.

किशनगंज: जिले के एक गरीब किसान की बेटी ने इंटर अर्ट्स में 2nd राज्य टाॉपर बनकर जिले का नाम रोशन किया है. शनिवार को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा इंटर का रिजल्ट घोषित हुआ. इसमें माहिनूर निशा ने 460 अंक लाकर राज्य में दूसरा सथान हासिल किया. इसके बाद माहिनूर को बधाई देने वालों का उसके घर पर तांता लगा हुआ है.

इंटर में पूरे बिहार में दूसरा रैंक लाने वाली किशनगंज की किसान की बेटी माहिनूर निशा काफी गरीबी में पली बड़ी. प्राथमिक शिक्षा गांव के ही सरकारी स्कूल से आरंभ हुआ और गांव के ही प्लस टू नेशनल एकेडमी हाइस्कूल गांगी से इंटर कीपढ़ाई कर 92•4 फीसदी नम्बर लाकर राज्य में द्वितीय टॉप रैंक हासिल की है. माहिनूर जिला मुख्यालय से 18 किमी दूर कोचाधामन प्रखंड के तेघरिया पंचायत के सुदूर गांव गौरामनी की रहने वाली है.

माहिनूर निशा इंटर अर्ट्स 2nd राज्य टोपर

बगैर कोचिंग क्लासेस के खूद के दम पर की पढ़ाई
माहिनूर बचपन से ही मेधावी छात्रा थी और उसके पिता छोटे किसान हैं. घर में गरीबी इतनी थी कि बड़ी मुश्किल से दो वक्त की रोटी नसीब हो पाती थी. माहिनूर तीन बहन व दो भाई हैं, जिसमें माहिनूर सबसे बड़ी है. गरीबी की वजह से माहिनूर ने बगैर कोचिंग क्लासेस के खूद के दम पर पढ़ाई की है. माहिनूर ने बताया कि सफलता का राज घर के काम काज के साथ साथ दस से बारहों घंटो तक पढ़ाई करना है. वो इसका श्रेय अपने माता पिता को देती है, जिन्होंने उसका हौसला बढ़ाया है.

अधिकारी बनना चाहती है माहिनूर
माहिनूर का कहना है कि लोग आज समाज में बेटा व बेटी मे फर्क समझते हैं. लेकिन बेटियां भी कुछ कर सकती हैं, जरूरत है उसकी हौसला बढ़ाने की. माहिनूर पढ़ लिख कर अधिकारी बनना चाहती है. ताकि समाज के महिलाओं को सशक्त बना सके. माहिनूर के पिता नूर आलम का कहना है कि अगर राज्य सरकार आर्थिक मदद करे तो आगे उच्च शिक्षा तक माहिनूर को पढ़ा पाएंगे. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि किशनगंज जिला सबसे कम साक्षरता वाला जिला है. ऐसे में माहिनूर का बिहार में दुसरा टाॉपर बनना किशनगंज के लिए गर्व की बात है.

Intro:किशनगंज जिले के एक गरीब किसान की बेटी ने इंटर अर्ट्स मे 460 अंक लाकर सेकंड राज्य टोपर बनकर जिले का नाम को रोशन किया है। आज जब बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा इंटर का रिजल्ट घोषित हुआ तो इस गरीब किसान की बेटी को बधाई देने का ताता लगा हुआ था। इंटर में पूरे बिहार में दूसरा रैंक लाने वाली किशनगंज की किसान की बेटी माहीनूर निशा काफी गरीब में पली बड़ी।प्राथमिक शिक्षा गांव के ही सरकारी स्कूलों से आरंभ हुआ और गांव के ही प्लस टू नेशनल एकाडमी हाइस्कूल गांगी से इंटर का पढ़ाई कर 92•4 फीसदी लाकर द्वितीय टाँप रैंक हासिल की है। माहिनूर जिला मुख्यालय से 18 किमी दूर कोचाधामन प्रखंड के तेघरिया पंचायत के सुदूर गांव गौरामनी की रहनी वाली है।


Body:महीनूर बचपन से ही मेधावी छात्रा थी और उसके पिता छोटा किसान है।गरीबी इतनी की बड़ी मुश्किल से दो जून की रोटी नसीब हो पाती थी।महिनूर तीन बहन व दो भाई से है।जिसमें महिनूर सबसे बड़ी है। गरीबी की वजह से आज तक बगैर कोचिंग क्लासेस के मोहिनूर ने प्राइमरी शिक्षा से लेकर इंटर तक का पढ़ाई खूद के दम पर की है।महिनूर ने बतायी की सफलता का राज घर के काम काज के साथ साथ दस से बारहों घंटो तक पढ़ाई करना और इसका श्रेय अपने माता पिता को देती हैं।जिन्होंने उसका होसला बढ़ाने का काम किया है।


Conclusion:महिनूर का कहना है कि लोग आज समाज में बेटा व बेटी मे फर्क समझते हैं।लेकिन बेटियां भी कुछ कर सकती हैं।जरूरत है उसकी हौसला अफजाही की।महिनूर पढ़ लिख कर अधिकारी बनना चाहती हैं। ताकि समाज के पिछड़े महिलाओं को सशक्त बना सके। महिनूर के पिता नूर आलम का कहना है कि अगर राज्य सरकार आर्थिक मदद करे तो आगे उच्च शिक्षा के महिनूर को पढ़ा पायेंगी।वहीं ग्रामीणों का कहना है कि किशनगंज जिला सबसे कम साक्षरता वाला जिला है। ऐसे में माहिनूर का बिहार का दुसरा टाँपर बनना किशनगंज के लिए गर्व की बात है।
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