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किशनगंज: शिक्षकों के हड़ताल का 15वां दिन, हड़ताली शिक्षकों ने सरकार को दी उग्र आंदोलन की चेतावनी

नियोजीत शिक्षक पिछले 17 फरवरी से हड़ताल पर हैं. इसको लेकर किशनगंज के हड़ताली शिक्षकों ने कहा कि सरकार शिक्षकों के विरोध को दबाना चाह रही है. शिक्षकों पर हो रही कार्रवाई पूरी तरह से असंवैधानिक है.

शिक्षकों के हड़ताल का 15वां दिन
शिक्षकों के हड़ताल का 15वां दिन
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Published : Mar 2, 2020, 10:39 PM IST

किशनगंज: अपने विभिन्न मांगों को लेकर शिक्षकों ने आंदोलन तेज कर दिया है. नियोजित शिक्षक समान काम के समान वेतनमान के लिए पिछले 17 फरवरी से हड़ताल पर हैं. शिक्षकों के हड़ताल से पूरे जिले के स्कूलों में ताला लटका हुआ है.

'समान कार्य के लिए मिले समान वेतन'
हड़ताल पर बैठे प्रारंभिक शिक्षक संघ के शिक्षकों ने कहा कि सरकार नियोजित शिक्षकों की हड़ताल से पूरी तरह से दबाव है. सरकार बौखलाहट में शिक्षकों पर कार्रवाई कर रही है. शिक्षक इससे डरने वाले नहीं है. शिक्षकों ने कहा कि उन्हें समान कार्य के लिए समान वेतन मिले. शिक्षकों ने सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि एक ही विद्यालय मे शिक्षकों को अलग-अलग वेतनमान क्यों दिया जा रहा है. यह पूरी तरह से असंवैधानिक है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'जारी रहेगा हड़ताल'
हड़तली शिक्षकों ने कहा कि सरकार शिक्षकों की डराने और धमकाने के लिए सरकार दमनकारी बल का प्रयोग कर रही है. सरकार के इस घुड़की से नियोजित शिक्षक डरने वाले नहीं है. शिक्षकों ने कहा कि कानून में ऐसा कोई प्रवधान नहीं है. जिसमें अपने मांगो और अधिकारों की मांग करने के लिए संवैधानिक तरीके से हड़ताल करने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जाए.

किशनगंज: अपने विभिन्न मांगों को लेकर शिक्षकों ने आंदोलन तेज कर दिया है. नियोजित शिक्षक समान काम के समान वेतनमान के लिए पिछले 17 फरवरी से हड़ताल पर हैं. शिक्षकों के हड़ताल से पूरे जिले के स्कूलों में ताला लटका हुआ है.

'समान कार्य के लिए मिले समान वेतन'
हड़ताल पर बैठे प्रारंभिक शिक्षक संघ के शिक्षकों ने कहा कि सरकार नियोजित शिक्षकों की हड़ताल से पूरी तरह से दबाव है. सरकार बौखलाहट में शिक्षकों पर कार्रवाई कर रही है. शिक्षक इससे डरने वाले नहीं है. शिक्षकों ने कहा कि उन्हें समान कार्य के लिए समान वेतन मिले. शिक्षकों ने सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि एक ही विद्यालय मे शिक्षकों को अलग-अलग वेतनमान क्यों दिया जा रहा है. यह पूरी तरह से असंवैधानिक है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'जारी रहेगा हड़ताल'
हड़तली शिक्षकों ने कहा कि सरकार शिक्षकों की डराने और धमकाने के लिए सरकार दमनकारी बल का प्रयोग कर रही है. सरकार के इस घुड़की से नियोजित शिक्षक डरने वाले नहीं है. शिक्षकों ने कहा कि कानून में ऐसा कोई प्रवधान नहीं है. जिसमें अपने मांगो और अधिकारों की मांग करने के लिए संवैधानिक तरीके से हड़ताल करने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जाए.

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