किशनगंज: जिला परिषद चुनाव में नवनिर्वाचित चेयरमैन फरहत फातमा पर पूर्व जिला परिषद के चेयरमैन और वाइस चेयरमैन ने धोखाधड़ी का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि फरहत फतिमा ने 2016 में जिला परिषद के चुनाव नामाकंन में अपनी उम्र को छुपाया था. इस मामले को लेकर डीएम को सबूत पेश किये गये हैं. वहीं कोर्ट में भी केस दायर किया गया है.
चेयरमैन पर चुनाव में धोखाधड़ी का आरोप
दरअसल, जिले में सोमवार को नवनिर्वाचित चेयरमैन फरहत फातमा को लेकर पूर्व जिला परिषद के चेयरमैन ने गंभीर आरोप लगाया है. पूर्व चेयरमैन के पति ने बताया कि फरहत फातमा ने 2016 में चुनाव में नामांकन करवाया था. लेकिन तब उनकी उम्र केवल 20 वर्ष कुछ महीने ही थी. जबकि चुनाव लड़ने के लिए 21 वर्ष अनिवार्य होता है. उन्होंने कहा कि हमने डीएम को इसकी शिकायत की है. इसकी एक प्रतिलिपि मुख्य निर्वाचन आयोग बिहार पटना को भी दिया है. वहीं इसको लेकर पूर्व वाइस चेयरमैन का कहना है कि हमने इसको लेकर आरटीआई से जानकारी प्राप्त की है और उम्र छुपाने की बात सत्य है. परिषद के सभी लोगों ने कोर्ट में भी शिकायत की है. हमें विश्वास है कि सुनवाई जल्द ही होगी.
'आरोप हैं बेबुनियाद'
नवनिर्वाचित चेयरमैन फरहत फातमा के पति मोहम्मद सरवर आलम ने बताया कि पूर्व अध्यक्ष रुकैया बेगम और उपाध्यक्ष कमरुल हुदा अपने हार को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं. वे लोग हार के बौखलाहट में इस तरह के बेबुनियाद आरोप हम लोगों पर लगा रहे हैं. हमारी पत्नी का उम्र 2016 के पंचायती चुनाव में 21 साल पूरा हो चुका था. इसको लेकर हमारे पास सारे सबूत मौजूद हैं.