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लंदन में वाइस प्रेसिडेंट की नौकरी छोड़ गांव लौटे रुमीन, अब पंचायत चुनाव में आजमाएंगे किस्मत

14 साल से लंदन में एक कंपनी में वाइस प्रेसिडेंट की नौकरी करने वाले नसरूमिनल्लाह उर्फ रुमीन को आखिरकार उन्हें अपने गांव की यादें किशनगंज खींच लाई. गांव की बदहाली देखकर उन्होंने विदेश में रहने का इरादा छोड़ दिया और अपने विदेशी अनुभव के सहारे गांव के हालात बदलने के लिए पंचायत चुनाव लड़ने की ठान ली. पढ़ें पूरी खबर...

नसरूमिनल्लाह उर्फ रुमीन
नसरूमिनल्लाह उर्फ रुमीन
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Published : Oct 23, 2021, 2:24 PM IST

किशनगंजः बिहार में इन दिनों पंचायत चुनाव (panchayat election) को लेकर तरह-तरह की खबरें सामने आ रही हैं. जहां कई महिलाएं और पुरुष हाई प्रोफाइल नौकरी छोड़कर गांव की सरकार बनाने के लिए चुनावी मैदान में कूद पड़े हैं. उन्हीं में से एक शख्स हैं नसरूमिनल्लाह उर्फ रुमीन (Nasruminallah Rumin), जो लंदन में 14 साल से मल्टी नेशनल कंपनी में वाइस प्रेसिडेंट की नौकरी कर रहे थे. लेकिन अब वो किशनगंज के कोचाधामन प्रखण्ड (Kochadhaman Block) से जिला परिषद का चुनाव लड़ने जा रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः फर्राटेदार ENGLISH बोलती हैं यह मुखिया, हाई प्रोफाइल नौकरी छोड़कर पंचायत को दी प्राथमिकता

जिले के कोचाधामन प्रखंड के अलता के रोमिन ने सालों तक लंदन की मोदी इंडस्ट्री नामक एक मल्टी नेशनल कंपनी में वाइस प्रेसिडेंट के पद पर नौकरी की. उन्होंने साउथ बैंक युनिवर्सिटी एमएससी इंटरनेशनल से एमबीए भी किया. पढ़ाई और नौकरी के सिलसिले में ही 22 साल विदेशों में रहे.

देखें वीडियो

रोमिन ने कहते हैं कि किशनगंज जिले के कोचाधामन इलाके में स्वास्थ, शिक्षा ,रोजगार और उद्योग की बदहाली और पिछड़ेपन को दूर करने उद्देश्य से जिला परिषद का चुनाव लड़ने की सोचा. चुनाव को लेकर दिन-रात जनता के बीच घूमकर उनकी समस्याओं को सुना और ये वादा कर रहा हूं कि चुनाव जीतने के बाद उनकी परेशानियों को दूर करने का हर संभव प्रयास करूंगा. रुमीन के इरादे को देख गांव के लोगों का समर्थन भी उन्हें मिल रहा है.

'हम विजन लेकर चुनाव लड़ रहे हैं और एक विजन के साथ क्षेत्र का विकास करेंगे. बचपन से ही समाजसेवा करते हुए अपने पिता को देखा है. 22 साल मेरे पिता गांव के मुखिया थे. इसी का नतीजा है कि आज देश की माटी मुझे अपने गांव खींच लाई. गांव के लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई प्लानिंग कर रखी है'- नसरूमिनल्लाह उर्फ रुमीन, प्रत्याशी

ये भी पढ़ेंः पंचायत चुनाव के रंग: 'दंगल' में आमने-सामने सास और बहू, दोनों के अपने-अपने दावे

रूमीन मैनेजमेंट की पढ़ाई और विदेशों में 14 साल की नौकरी के अनुभव पर ही अपने इलाके और गांव को विकसित करना चाहते हैं. वो लोगों को मार्केटिंग के गुर भी सिखा रहे हैं. साथ ही वो इलाके में छोटे-छोटे उद्योग लगवाना चाहते हैं. जिससे लोगों को रोजगार मुहैय्या हो सके. इसके लिए कई अड़चने और परेशानी हैं, जो चुनाव जीतने के बाद वो दूर करना चाहते हैं. लंदन की नौकरी छोड़कर स्वदेश लौटे रुमीन अपने क्षेत्र की तस्वीर बदलने की ठान चुके हैं.

रूमीन कोचाधामन प्रखंड के किशनगंज जिला परिषद क्षेत्र संख्या 10 से चुनाव लड़ेंगे. जिसमें कमलपुर, कुट्टी, बगलबरी, मजगवा, तेघर्या, डेरामारि और पाटकोई पंचायत आता है. इन सातों पंचायत के लिए ये जिला परिषद का चुनाव लड़ेंगे. इस इलाके के लिए नॉमिनेशन 26 अक्टूबर से 1 नवंबर तक होना है. रूमीन अपना नॉमिनेशन 27 अक्टूबर को करेंगे. चुनाव में रुमीन का सामना जिला परिषद की अध्यक्ष फरहत फातिमा से होगा. जो किशनगंज जिला परिषद क्षेत्र संख्या 10 से इस वक्त जिला पार्षद हैं. कोचाधामन प्रखंड में पंचायत चुनाव के 10वें चरण के तहत 8 दिसंबर को मतदान होगा.

किशनगंजः बिहार में इन दिनों पंचायत चुनाव (panchayat election) को लेकर तरह-तरह की खबरें सामने आ रही हैं. जहां कई महिलाएं और पुरुष हाई प्रोफाइल नौकरी छोड़कर गांव की सरकार बनाने के लिए चुनावी मैदान में कूद पड़े हैं. उन्हीं में से एक शख्स हैं नसरूमिनल्लाह उर्फ रुमीन (Nasruminallah Rumin), जो लंदन में 14 साल से मल्टी नेशनल कंपनी में वाइस प्रेसिडेंट की नौकरी कर रहे थे. लेकिन अब वो किशनगंज के कोचाधामन प्रखण्ड (Kochadhaman Block) से जिला परिषद का चुनाव लड़ने जा रहे हैं.

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जिले के कोचाधामन प्रखंड के अलता के रोमिन ने सालों तक लंदन की मोदी इंडस्ट्री नामक एक मल्टी नेशनल कंपनी में वाइस प्रेसिडेंट के पद पर नौकरी की. उन्होंने साउथ बैंक युनिवर्सिटी एमएससी इंटरनेशनल से एमबीए भी किया. पढ़ाई और नौकरी के सिलसिले में ही 22 साल विदेशों में रहे.

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रोमिन ने कहते हैं कि किशनगंज जिले के कोचाधामन इलाके में स्वास्थ, शिक्षा ,रोजगार और उद्योग की बदहाली और पिछड़ेपन को दूर करने उद्देश्य से जिला परिषद का चुनाव लड़ने की सोचा. चुनाव को लेकर दिन-रात जनता के बीच घूमकर उनकी समस्याओं को सुना और ये वादा कर रहा हूं कि चुनाव जीतने के बाद उनकी परेशानियों को दूर करने का हर संभव प्रयास करूंगा. रुमीन के इरादे को देख गांव के लोगों का समर्थन भी उन्हें मिल रहा है.

'हम विजन लेकर चुनाव लड़ रहे हैं और एक विजन के साथ क्षेत्र का विकास करेंगे. बचपन से ही समाजसेवा करते हुए अपने पिता को देखा है. 22 साल मेरे पिता गांव के मुखिया थे. इसी का नतीजा है कि आज देश की माटी मुझे अपने गांव खींच लाई. गांव के लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई प्लानिंग कर रखी है'- नसरूमिनल्लाह उर्फ रुमीन, प्रत्याशी

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रूमीन मैनेजमेंट की पढ़ाई और विदेशों में 14 साल की नौकरी के अनुभव पर ही अपने इलाके और गांव को विकसित करना चाहते हैं. वो लोगों को मार्केटिंग के गुर भी सिखा रहे हैं. साथ ही वो इलाके में छोटे-छोटे उद्योग लगवाना चाहते हैं. जिससे लोगों को रोजगार मुहैय्या हो सके. इसके लिए कई अड़चने और परेशानी हैं, जो चुनाव जीतने के बाद वो दूर करना चाहते हैं. लंदन की नौकरी छोड़कर स्वदेश लौटे रुमीन अपने क्षेत्र की तस्वीर बदलने की ठान चुके हैं.

रूमीन कोचाधामन प्रखंड के किशनगंज जिला परिषद क्षेत्र संख्या 10 से चुनाव लड़ेंगे. जिसमें कमलपुर, कुट्टी, बगलबरी, मजगवा, तेघर्या, डेरामारि और पाटकोई पंचायत आता है. इन सातों पंचायत के लिए ये जिला परिषद का चुनाव लड़ेंगे. इस इलाके के लिए नॉमिनेशन 26 अक्टूबर से 1 नवंबर तक होना है. रूमीन अपना नॉमिनेशन 27 अक्टूबर को करेंगे. चुनाव में रुमीन का सामना जिला परिषद की अध्यक्ष फरहत फातिमा से होगा. जो किशनगंज जिला परिषद क्षेत्र संख्या 10 से इस वक्त जिला पार्षद हैं. कोचाधामन प्रखंड में पंचायत चुनाव के 10वें चरण के तहत 8 दिसंबर को मतदान होगा.

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