किशनगंज: जिले में लगने वाला ऐतिहासिक खगड़ा मेला एक बार सजने के लिए तैयार है. इसको लेकर लगभग सभी तैयारियां पूरी की जा चुकी है. जानकार बताते हैं कि इस मेले की शुरुआत 1883 में उस समय के नवाब सैयद अता हुसैन ने की थी. मेले का इतिहास काफी गौरवशाली रहा है.
'सैलानियों की संख्या में आई कमी'
इस बारे में मेले के व्यवस्थापक अजय साहा बताते हैं कि यह मेला किशनगंज की एक पहचान है. इस मेले को देखने के लिए पहले आस-पास के लोगों के अलावे कई अन्य प्रदेश और दूसरे देश से भी लोग आया करते थे. कभी इस मेले का स्थान सोनपुर के बाद दूसरे स्थान पर आता था. लेकिन भागम-भाग लाइफ की वजह से बाहरी सैलानियों की संख्या में कमी आई है.
'सुरक्षा के खास इंतजाम'
मेले के बारे में बात करते हुए जिले के एसडीओ शाहनवाज अहमद नियाजी ने बताया कि मेले में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. मेले में मजिस्ट्रेट के साथ-साथ महिला पुलिस बल और काफी संख्या में पुरुष बल की तैनाती की गई है. मेले में आने वाले पर्यटकों के लिए साफ-सफाई और पेय जल की व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा कि उपद्रवियों पर जिला प्रशासन की पैनी नजर है. कानून तोड़ने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
मेले का इतिहास
बताया जाता है कि इस मेले में आजादी काल के समय बांग्लादेश, पाकिस्तान, म्यांमार, श्रीलंका, मलेशिया, अफगानिस्तान आदि देशों के व्यापारी यहां आते थे. पहले इस मेले का नाम अंग्रेज अधिकारी ए. विक्स के नाम पर विक्स मेला रखा गया था.