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किशनगंज: ऐतिहासिक खगड़ा मेला एक बार फिर से सजने को तैयार, गौरवशाली रहा है इतिहास

मेले के व्यवस्थापक बताते हैं कि यह मेला किशनगंज की एक पहचान हैं. इस मेले को देखने के लिए पहले आस-पास के लोगों के अलावे कई अन्य प्रदेश और दूसरे देश से भी लोग आया करते थे. कभी इस मेले का स्थान सोनपुर के बाद दूसरे स्थान पर आता था. लेकिन भागम-भाग लाइफ की वजह से बाहरी सैलानियों की संख्या में कमी आई है.

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Published : Feb 4, 2020, 5:19 PM IST

ऐतिहासिक खगड़ा मेला
ऐतिहासिक खगड़ा मेला

किशनगंज: जिले में लगने वाला ऐतिहासिक खगड़ा मेला एक बार सजने के लिए तैयार है. इसको लेकर लगभग सभी तैयारियां पूरी की जा चुकी है. जानकार बताते हैं कि इस मेले की शुरुआत 1883 में उस समय के नवाब सैयद अता हुसैन ने की थी. मेले का इतिहास काफी गौरवशाली रहा है.

'सैलानियों की संख्या में आई कमी'
इस बारे में मेले के व्यवस्थापक अजय साहा बताते हैं कि यह मेला किशनगंज की एक पहचान है. इस मेले को देखने के लिए पहले आस-पास के लोगों के अलावे कई अन्य प्रदेश और दूसरे देश से भी लोग आया करते थे. कभी इस मेले का स्थान सोनपुर के बाद दूसरे स्थान पर आता था. लेकिन भागम-भाग लाइफ की वजह से बाहरी सैलानियों की संख्या में कमी आई है.

पेश है एक रिपोर्ट

'सुरक्षा के खास इंतजाम'
मेले के बारे में बात करते हुए जिले के एसडीओ शाहनवाज अहमद नियाजी ने बताया कि मेले में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. मेले में मजिस्ट्रेट के साथ-साथ महिला पुलिस बल और काफी संख्या में पुरुष बल की तैनाती की गई है. मेले में आने वाले पर्यटकों के लिए साफ-सफाई और पेय जल की व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा कि उपद्रवियों पर जिला प्रशासन की पैनी नजर है. कानून तोड़ने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

खगड़ा मेला परिसर
खगड़ा मेला परिसर

मेले का इतिहास
बताया जाता है कि इस मेले में आजादी काल के समय बांग्लादेश, पाकिस्तान, म्यांमार, श्रीलंका, मलेशिया, अफगानिस्तान आदि देशों के व्यापारी यहां आते थे. पहले इस मेले का नाम अंग्रेज अधिकारी ए. विक्स के नाम पर विक्स मेला रखा गया था.

किशनगंज: जिले में लगने वाला ऐतिहासिक खगड़ा मेला एक बार सजने के लिए तैयार है. इसको लेकर लगभग सभी तैयारियां पूरी की जा चुकी है. जानकार बताते हैं कि इस मेले की शुरुआत 1883 में उस समय के नवाब सैयद अता हुसैन ने की थी. मेले का इतिहास काफी गौरवशाली रहा है.

'सैलानियों की संख्या में आई कमी'
इस बारे में मेले के व्यवस्थापक अजय साहा बताते हैं कि यह मेला किशनगंज की एक पहचान है. इस मेले को देखने के लिए पहले आस-पास के लोगों के अलावे कई अन्य प्रदेश और दूसरे देश से भी लोग आया करते थे. कभी इस मेले का स्थान सोनपुर के बाद दूसरे स्थान पर आता था. लेकिन भागम-भाग लाइफ की वजह से बाहरी सैलानियों की संख्या में कमी आई है.

पेश है एक रिपोर्ट

'सुरक्षा के खास इंतजाम'
मेले के बारे में बात करते हुए जिले के एसडीओ शाहनवाज अहमद नियाजी ने बताया कि मेले में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. मेले में मजिस्ट्रेट के साथ-साथ महिला पुलिस बल और काफी संख्या में पुरुष बल की तैनाती की गई है. मेले में आने वाले पर्यटकों के लिए साफ-सफाई और पेय जल की व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा कि उपद्रवियों पर जिला प्रशासन की पैनी नजर है. कानून तोड़ने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

खगड़ा मेला परिसर
खगड़ा मेला परिसर

मेले का इतिहास
बताया जाता है कि इस मेले में आजादी काल के समय बांग्लादेश, पाकिस्तान, म्यांमार, श्रीलंका, मलेशिया, अफगानिस्तान आदि देशों के व्यापारी यहां आते थे. पहले इस मेले का नाम अंग्रेज अधिकारी ए. विक्स के नाम पर विक्स मेला रखा गया था.

Intro:किशनगंज:-किशनगंज स्थित खगड़ा मेले का अस्तित्व बहुत पुराना है इस मेले की शुरुआत सन 1883 में उस समय के रहे
किशनगंज के नवाब सैयद अता हुसैन के द्वारा किया गया था।





Body:किशनगंज:-खगड़ा मेला का स्थान सोनपुर मेले के बाद दूसरे स्थान पर आता है,कहा जाता है कि इस मेले में पहले तरह तरह के जानवर बिकने आते थे और किशनगंज नेपाल,बांग्लादेश,असम और बंगाल से बिल्कुल नजदीक है जिसके वजह से मेले में अच्छी खासी भीड़ आती थी मेले का लुत्फ भी उठाते थे और अपने ज़रूरत का सामान भी खरीदारी कर लेते थे।

वीओ-स्थानीय लोगों का कहना है कि ये मेला किशनगंज की एक खास पहचान दिलाती है, इस मेले को देखने और खरीदारी करने के लिए लोग पहले परोस के राज्य और देश से लोग आते थे परंतु अब अब सभी सामान सभी चौक-चौराहों पर आसानी से मिल जाते है जिसके वजह से अब बाहरी सैलानियों की संख्या में कमी आई है।

बाइट:-अजय साहा (खगड़ा मेला,वेवस्थापक)


Conclusion:किशनगंज अनुमंडल पदाधिकारी शाहनवाज अहमद नियाजी ने बताया कि मेले में सुरक्षा के पुख्ते इंतेज़ाम किये गए है,मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की गई है, खास तौर पर महिलाओं के लिए मेले में महिला सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है, चारो तरफ सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।सैफ सफाई और स्वच्छ पीने के पानी का भी प्रबंध किया गया है।मेले में अगर कोई भी कानून को तोड़ने की कोशिश करते हुए पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
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