बिहार: नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद से देश भर में लगातार प्रदर्शन जारी है. इसके साथ ही राज्य में 19 दिसंबर को विपक्षी पार्टियों की ओर से बिहार बंद करने का एलान किया गया था. इसको लेकर तमाम विपक्षी पार्टियों की ओर से कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने सीएए और एनआरसी को वापस लेने की मांग की.
किशनगंज में राष्ट्रीय राजमार्ग बंद कर प्रदर्शन
जिले में विपक्षी पार्टियों की ओर से राष्ट्रीय राजमार्ग जाम कर विरोध प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शन में भारी संख्या में लोग शामिल रहे. प्रदर्शन के कारण शहर की सभी दुकाने बंद रही और सड़कों पर वाहनों की लंबी कतारें लग गई. प्रदर्शनकारियों ने गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. लोगों का कहना है कि सराकर के पास देश के विकास के लिए कोई योजना नहीं है. सरकार इस कानून को लागू कर देश में जाती और धर्म के नाम पर लोगों को लड़वाना चाहती है.
कटिहार में थाना के सामने घंटों प्रदर्शन
जिले में बिहार बंद का व्यापक असर देखने को मिला. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने शहीद चौक पर विरोध प्रदर्शन किया. टाउन थाना के सामने हो रहे प्रदर्शन को पुलिस मूकदर्शक बन निगहबानी करती रही. इस दौरान लोगों ने आजादी के नारे लगाए और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबारजी की. प्रदर्शन कर रहे तौसीफ अख्तर ने एनआरसी और सीएए को काला कानून बताया. उनका कहना है कि यह कानून मुल्क को बांटने वाला कानून है. लोगों का कहना है कि सरकार इस कानून को वापस ले नहीं तो 21 दिसंबर को बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया जाएगा.
मोतिहारी में बंद का मिला-जुला असर
जिले में नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ बिहार बंद का मिला-जुला असर देखने को मिला. सभी वाम दलों के साथ वीआईपी और जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बंद को सफल बनाने के लिए सड़क पर उतरे और प्रदर्शन किया. वाम दल के नेता रामाश्रय सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने हिंदुत्व के एजेंडा पर काम करते हुए नागरिकता संशोधन कानून बनाया है. जो भारतीय संविधान के खिलाफ है. उन्होने सरकार से नागरिकता कानून को वापस लेने की मांग की.
जहानाबाद में प्रदर्शनकारियों ने रोकी ट्रेनें
जिले में बंद समर्थकों ने पटना रेल खंड जहानाबाद स्टेशन पर रेलवे ट्रैक जाम कर प्रदर्शन किया. इस दौरान भभुआ, गया, पटना इंटरसिटी और पटना गया पैसेंजर की सेवाएं बाधित रही. इससे यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. इसके अलावा प्रदर्शनकारियों ने अलवर चौक पर सड़क जाम कर प्रदर्शन किया. लोगों ने सरकार से नागरिकता कानून को वापस लेने की मांग की. वहीं, बिहार बंद को लेकर जिले में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे.