किशनगंज: जिले के लगभग सभी आंगनवाड़ी केंद्रों में बुनियादी सुविधाओं की कमी है. इन केंद्रों में बच्चों को जमीन पर बैठना पड़ता है. ये फूस के कच्चे मकान में संचालित होता है. जिससे प्रशासन बेखबर है.
जमीन पर बैठते हैं बच्चे
बता दें कि सरकार ने छोटे बच्चों के प्राथमिक शिक्षा और मानसिक विकास के लिए आंगनवाड़ी केंद्र की शुरुआत की थी. यहां आने वाले बच्चों को सभी तरह की सुविधा उपलब्ध कराने की बात कही गई थी. लेकिन प्रशासन की बेरुखी के कारण जिले में ऐसे बहुत से आंगनवाड़ी केंद्र हैं, जहां पर बुनियादी सुविधाओं की कमी है. ऐसे केंद्रों को फूस के मकान में संचालित किया जाता है. जहां पर किसी भी वक्त कोई दुर्घटना हो सकती है. भवन के छत टिन के बने होते हैं. यहां पढ़ने आने वाले बच्चे जमीन पर बैठते हैं. ऐसे में ठंड के मौसम में भी उनके लिए कोई खास व्यवस्था नहीं की गई है.
1 साल से खराब है फिल्टर मशीन
आंगनवाड़ी सेविका ने बताया कि विभाग की तरफ से जो भी हमें मिला है, हम वो बच्चों को मुहैया कराते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे बहुत से केंद्र हैं, जो कच्चे मकान में संचालित होते हैं. ऐसे केंद्रों में शौचालय की भी व्यवस्था नहीं है. ना ही पीने के लिए स्वच्छ पानी की व्यवस्था है. विभाग की तरफ से 2016 में पानी फिल्टर करने वाली मशीन केंद्र पर मुहैया कराई गई थी. लेकिन वो फिल्टर मशीन भी पिछले एक साल से खराब पड़ा है. उन्होंने कहा कि इस मामले में हमने विभाग को बहुत बार शिकायत की है. लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ है.
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उत्तम व्यवस्था करने का दिया आदेश
इस मामले में किशनगंज अनुमंडल पदाधिकारी शाहनवाज अहमद नियाजी ने बताया कि आंगनवाड़ी केंद्रों के विकास के लिए जैसे ही पैसे आते हैं, हम सबसे पहले ऐसे केंद्रों को चिन्हित करेंगे, जहां पर मुलभूत सुविधाओं की कमी है. उन्होंने कहा कि अब ठंड का मौसम है. ऐसे में मैं इससे संबंधित विभाग को तत्काल आदेश देता हूं कि इन केंद्रों पर बच्चों को बैठने के लिए सबसे पहले उत्तम व्यवस्था की जाए. साथ ही उन्होंने ईटीवी भारत को ऐसे समस्याओं से प्रशासन को अवगत कराने के लिए धन्यवाद दिया.