ETV Bharat / state

किशनगंज में डॉक्टरों की घोर कमी, भगवान भरोसे 18 लाख की आबादी - Kishanganj sadar hospital

किशनगंज सदर अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. नन्दन ने बताया कि जिले मे डॉक्टरों की बहुत कमी है. इसके लिए कई दफा विभाग को लिखा गया है. उन्होंने कहा कि जिले में कम से कम 60 डॉक्टर की जरूरत है.

Kishanganj sadar hospital
Kishanganj sadar hospital
author img

By

Published : Sep 20, 2020, 5:31 PM IST

किशनगंज: कोरोना वायरस से जंग जीतने को लेकर बिहार सरकार पुख्ता इंतजाम को लेकर दावे कर रही है. लेकिन किशनगंज सदर अस्पताल सरकार के इन्हीं दावों की पोल खोलता नजर आ रहा है. ईटीवी भारत संवादाता से सदर अस्पताल का जायजा लिया. इस दौरान अस्पताल में सुविधाओं का घर अभाव देखा गया. वहीं, अस्पताल के कई डॉक्टर भी कार्यस्थल से गायब दिखे.

सदर अस्पताल, किशनगंज
सदर अस्पताल, किशनगंज

किशनगंज जिले मे 18 लाख से ज्यादा की आबादी है और जिले मे महज 33 डॉक्टर है. उसमें भी ज्यादातर आयुष डॉक्टर हैं. यहां कई उपस्वास्थ केंद्र बंद पड़े है या फिर खंडहर मे तब्दील हो गए हैं. सदर अस्पताल में मरीज डॉक्टर के इंतजार में कतार में लगे रहते हैं और डॉक्टर नदारद रहते हैं. लोग इंतजार करते-करते बिना इलाज करवाएं वापस घर को लौट जाते हैं या फिर उन्हें यह बोला जाता है कि किसी निजी नर्सिंग होम में जाकर अपना इलाज करवा ले.

Kishanganj
डॉक्टर का इंतजार करते मरीज

किशनगंज सदर अस्पताल महज 10 डॉक्टरों के भरोसे हैं. इनमें सिर्फ दो महिला डॉक्टर हैं और एक डॉक्टर डीएस के पद पर नियुक्त होने की वजह से हमेशा अस्पताल के बाहर ही रहते हैं. वहीं, जिले के उप स्वास्थ्य केंद्रों की बात करें तो ज्यादातर केंद्रों पर ताला लटका हुआ है या जो केंद्र चल भी रहे हैं. वह एनएम के सहारे हैं.

देखें रिपोर्ट

क्या कहते हैं सिविल सर्जन
लोगों ने बताया कि सदर अस्पताल में इलाज के लिए जाने पर अक्सर बिना इलाज कराएं ही वापस लौटना पड़ता है. मरीजों का कहना है कि सदर अस्पताल का नशा मुक्ति केंद्र भी डॉक्टर के अभाव के कारण बंद पड़ा है. इस मामले पर किशनगंज सदर अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. श्री नन्दन ने बताया कि जिले मे डॉक्टरों की बहुत कमी है. इसके लिए कई दफा विभाग को लिखा गया है. इसके बाद हाल ही में 19 डॉक्टर किशनगंज में आए है. जिसमें से 12 डॉक्टर पीजी करने चले गए है. उन्होंने कहा कि जिले में कम से कम 60 डॉक्टर की जरूरत है.

किशनगंज: कोरोना वायरस से जंग जीतने को लेकर बिहार सरकार पुख्ता इंतजाम को लेकर दावे कर रही है. लेकिन किशनगंज सदर अस्पताल सरकार के इन्हीं दावों की पोल खोलता नजर आ रहा है. ईटीवी भारत संवादाता से सदर अस्पताल का जायजा लिया. इस दौरान अस्पताल में सुविधाओं का घर अभाव देखा गया. वहीं, अस्पताल के कई डॉक्टर भी कार्यस्थल से गायब दिखे.

सदर अस्पताल, किशनगंज
सदर अस्पताल, किशनगंज

किशनगंज जिले मे 18 लाख से ज्यादा की आबादी है और जिले मे महज 33 डॉक्टर है. उसमें भी ज्यादातर आयुष डॉक्टर हैं. यहां कई उपस्वास्थ केंद्र बंद पड़े है या फिर खंडहर मे तब्दील हो गए हैं. सदर अस्पताल में मरीज डॉक्टर के इंतजार में कतार में लगे रहते हैं और डॉक्टर नदारद रहते हैं. लोग इंतजार करते-करते बिना इलाज करवाएं वापस घर को लौट जाते हैं या फिर उन्हें यह बोला जाता है कि किसी निजी नर्सिंग होम में जाकर अपना इलाज करवा ले.

Kishanganj
डॉक्टर का इंतजार करते मरीज

किशनगंज सदर अस्पताल महज 10 डॉक्टरों के भरोसे हैं. इनमें सिर्फ दो महिला डॉक्टर हैं और एक डॉक्टर डीएस के पद पर नियुक्त होने की वजह से हमेशा अस्पताल के बाहर ही रहते हैं. वहीं, जिले के उप स्वास्थ्य केंद्रों की बात करें तो ज्यादातर केंद्रों पर ताला लटका हुआ है या जो केंद्र चल भी रहे हैं. वह एनएम के सहारे हैं.

देखें रिपोर्ट

क्या कहते हैं सिविल सर्जन
लोगों ने बताया कि सदर अस्पताल में इलाज के लिए जाने पर अक्सर बिना इलाज कराएं ही वापस लौटना पड़ता है. मरीजों का कहना है कि सदर अस्पताल का नशा मुक्ति केंद्र भी डॉक्टर के अभाव के कारण बंद पड़ा है. इस मामले पर किशनगंज सदर अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. श्री नन्दन ने बताया कि जिले मे डॉक्टरों की बहुत कमी है. इसके लिए कई दफा विभाग को लिखा गया है. इसके बाद हाल ही में 19 डॉक्टर किशनगंज में आए है. जिसमें से 12 डॉक्टर पीजी करने चले गए है. उन्होंने कहा कि जिले में कम से कम 60 डॉक्टर की जरूरत है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.