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किशनगंजः विजय दिवस पर भी कारगिल शहीद नहीं आए याद, श्रद्धांजलि के लिए तरसती रही प्रतिमा

कारगिल विजय दिवस के मौके पर भी शहीदों की प्रतिमा एक फूल के लिए तरसती रही. वर्तमान में पार्क असमाजिक तत्वों का अड्ढा बन कर रह गया है. सभ्य लोग पार्क में जाने से परहेज करते है.

किशनगंज का कारगिल पार्क
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Published : Jul 26, 2019, 9:36 PM IST

किशनगंजः शहर का कारगिल पार्क इन दिनों बदहाल स्थिति में है. देखरेख के अभाव में चारों ओर गंदगी का अंबार है. पार्क में जंगली पौधे उग आए हैं. लोग पार्क में कदम रखने से भी डरते हैं. जिला प्रशासन की उदासीनता का आलम यह है कि कारगिल विजय दिवस के मौके पर भी शहीदों की प्रतिमा एक फूल के लिए तरसती रही.

शहीदों की याद में बना था पार्क
समाजसेवी देवेन यादव ने बताया कि वर्ष 2002 में नगर परिषद ने कारगिल में शहीद हुए जवानों की याद में इस पार्क का निर्माण कराया था. उसके बाद एक बार फिर 50 लाख रुपये का टेंडर निकाला गया जिससे पार्क में मिट्टी भरवाया गया और बाउंडरी करवाई गयी. पार्क में झूले भी लगाए गए. लेकिन उसके बाद से पार्क का देखरेख करने वाला कोई नहीं है. फिलहाल यह पार्क असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है. सभ्य लोग पार्क में जाने से परहेज करते हैं.

किशनगंज का कारगिल पार्क

अनदेखी के कारण पार्क की दुर्दशा
संबंधित वॉर्ड के पार्षद सुशांत गोप ने बताया कि नगर परिषद और जिला प्रशासन की अनदेखी की वजह से पार्क की यह दुर्दशा है. नगर परिषद से सहयोग नहीं मिलने का कारण पार्क की ये हालत है. पार्क कारगिल के शहीदों से सम्मान में बनाया गया था. लेकिन पार्क कि यह दुर्दशा शहीदों के परिजनों को निराश ही करती है.

किशनगंजः शहर का कारगिल पार्क इन दिनों बदहाल स्थिति में है. देखरेख के अभाव में चारों ओर गंदगी का अंबार है. पार्क में जंगली पौधे उग आए हैं. लोग पार्क में कदम रखने से भी डरते हैं. जिला प्रशासन की उदासीनता का आलम यह है कि कारगिल विजय दिवस के मौके पर भी शहीदों की प्रतिमा एक फूल के लिए तरसती रही.

शहीदों की याद में बना था पार्क
समाजसेवी देवेन यादव ने बताया कि वर्ष 2002 में नगर परिषद ने कारगिल में शहीद हुए जवानों की याद में इस पार्क का निर्माण कराया था. उसके बाद एक बार फिर 50 लाख रुपये का टेंडर निकाला गया जिससे पार्क में मिट्टी भरवाया गया और बाउंडरी करवाई गयी. पार्क में झूले भी लगाए गए. लेकिन उसके बाद से पार्क का देखरेख करने वाला कोई नहीं है. फिलहाल यह पार्क असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है. सभ्य लोग पार्क में जाने से परहेज करते हैं.

किशनगंज का कारगिल पार्क

अनदेखी के कारण पार्क की दुर्दशा
संबंधित वॉर्ड के पार्षद सुशांत गोप ने बताया कि नगर परिषद और जिला प्रशासन की अनदेखी की वजह से पार्क की यह दुर्दशा है. नगर परिषद से सहयोग नहीं मिलने का कारण पार्क की ये हालत है. पार्क कारगिल के शहीदों से सम्मान में बनाया गया था. लेकिन पार्क कि यह दुर्दशा शहीदों के परिजनों को निराश ही करती है.

Intro:शहीदों की चिताओं पर लगेगा हर वर्ष मेले, वतन पर मिटने वालों का यही आखिरी निशां होगा। यह वह पंक्तियां है जिन्हें सुनकर ही दिलो में देश की रक्षा करते अपने प्राणों का बलिदान देने वाले वीर सैनिकों की अमर गाथा जहन में घूमने लगती है। लेकिन किशनगंज मे शहीदों के नाम के साथ एक मजाक किया जा रहा है। जी हां हम बात कर रहे हैं किशनगंज शहर के वार्ड नंबर 24 स्थित रूईधासा मैदान का जहां पर कारगिल की युद्ध में अपनी जान गंवा देने वाले उन वीर सैनिकों के नाम पर शहीद कारगिल पार्क का निर्माण किया गया था। शहीदों के नाम से बनाई गई ये पार्क का आलम यह है कि दशकों से बदहाली का आलम बना हुआ है। शहीदों के नाम पर बनाए गए पार्क की ऐसी दुर्दशा उन वीर सैनिकों के बलिदान के प्रति किशनगंज जिला प्रशासन का उदासीनता दिखाई देती है। वहीं लोगों का कहना है शहीदों के नाम पर बनाये गए कारगिल पार्क शुरुआत दौर से ही बदहाल का शिकार रहा है।

बाइटः सुशांत गोप, वार्ड पार्षद, वार्ड नंबर 24 रुइधासा।
बाइटः देवेन यादव, समाजसेवी


Body:आज 26 जुलाई विजय दिवस के मौके पर भी कारगिल युद्ध में शहीद हुए उन वीर जवानों को श्रद्धांजलि तो दूर की बात कारगिल पार्क का सफाई तक जिला प्रशासन ने नहीं करवाया।आज कारगिल विजय दिवस है।देश भर में लोग अमर जवानों को अपने अपने तरीके से याद कर रहे हैं। इन सबके बीच विजय दिवस के मौके पर शहीद सैनिकों के याद में बनाये गए शहीद कारगिल पार्क मे शहीदों के नाम पर दो फूल भी अर्पित करना किशनगंज जिला प्रशासन ने मुनासिब नहीं समझा। बात इतनी ही नहीं है किशनगंज शहर के बीचों बीच ऐतिहासिक रुइधासा मैदान के पास बनाये गए कारगिल पार्क को सरकारी सिस्टम ने भी बदहाल कर रखा है। इस पार्क को अनचाहे उगाए घास फूस ने अपने आगोश में ले रखा है।जंगली वृक्षों से पूरा पार्क भरा हुआ है और असमाजिक तत्वों का जमावड़ा और अड्डा बन चूका है। वहीं पार्क में लगे कई किमतों समान चोरी हो चुकी हैं।


Conclusion:वर्ष 2002 मे बनाये गये इस पार्क मे नगर परिषद ने लाखों रुपये खर्च की फिर चलाने के लिए ठिकेदार को दिया गया।लेकिन कुछ दिनों में ही पार्क ने दम तोड़ दिया। वहीं समाज सेवी देवेन यादव का कहना है कारगिल पार्क का जमीन पर विवाद चल रहा है।जमीन डिफेंस का है और डिफेंस अबतक जिला प्रशासन को जमीन का एन ओ सी नहीं दिया है।जिस कारण बदहाल का सिकार है। मामला जो भी हो एन ओ सी नहीं मिला तो नगर परिषद ने कैसे लाखों रुपया का टेंडर कर पार्क का निर्माण कर सुदंरीकरण के लिए टेंडर कर काम करवाया। वहीं विजय दिवस के मौके पर भी नगर परिषद ने साफ सफाई तक करवाना मुनासिब नहीं समझा।स्थानीय वाड नंबर 24 के वार्ड पार्षद सुशांत गोप ने दुख जाहिर करते हुए कहा ये नगर परिषद का अनदेखी का परिणाम है। कई कहने पर भी नगर परिषद शहीद कारगिल पार्क पर ध्यान नहीं दिया।
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