किशनगंजः शहर का कारगिल पार्क इन दिनों बदहाल स्थिति में है. देखरेख के अभाव में चारों ओर गंदगी का अंबार है. पार्क में जंगली पौधे उग आए हैं. लोग पार्क में कदम रखने से भी डरते हैं. जिला प्रशासन की उदासीनता का आलम यह है कि कारगिल विजय दिवस के मौके पर भी शहीदों की प्रतिमा एक फूल के लिए तरसती रही.
शहीदों की याद में बना था पार्क
समाजसेवी देवेन यादव ने बताया कि वर्ष 2002 में नगर परिषद ने कारगिल में शहीद हुए जवानों की याद में इस पार्क का निर्माण कराया था. उसके बाद एक बार फिर 50 लाख रुपये का टेंडर निकाला गया जिससे पार्क में मिट्टी भरवाया गया और बाउंडरी करवाई गयी. पार्क में झूले भी लगाए गए. लेकिन उसके बाद से पार्क का देखरेख करने वाला कोई नहीं है. फिलहाल यह पार्क असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है. सभ्य लोग पार्क में जाने से परहेज करते हैं.
अनदेखी के कारण पार्क की दुर्दशा
संबंधित वॉर्ड के पार्षद सुशांत गोप ने बताया कि नगर परिषद और जिला प्रशासन की अनदेखी की वजह से पार्क की यह दुर्दशा है. नगर परिषद से सहयोग नहीं मिलने का कारण पार्क की ये हालत है. पार्क कारगिल के शहीदों से सम्मान में बनाया गया था. लेकिन पार्क कि यह दुर्दशा शहीदों के परिजनों को निराश ही करती है.