किशनगंज: जिले में इमारत-ए-शरिया संगठन की ओर से सीएए और एनआरसी के खिलाफ मानव श्रृंखला का आयोजन किया गया. इस श्रृंखला को आम लोगों के साथ-साथ विपक्षी पार्टियों ने भी समर्थन दिया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सरकार ने सीएए और एनआरसी कानून वापस लेने की मांग की.
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'नाकामी छुपा रही है सरकार'
प्रदर्शन में शामिल छात्रा ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि संविधान में कहीं नहीं लिखा है कि जाति और धर्म के नाम पर कोई कानून बनाए जाए. उन्होंने कहा कि ये सरकार अपनी नाकामी को छुपाने के लिए ऐसे कानून बना रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के मंत्री कहते हैं कि पोहा खाने वाले बांग्लादेशी हैं, तो फिर इतने पैसे क्यों खर्च किए जा रहे हैं. पहनावे और खाने से ही पहचान कर लोगों को बांग्लादेश भेज दिया जाए.
बता दें कि सीएए या नागरिकता संशोधन कानून पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक धार्मिक उत्पीड़न के चलते भारत आने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी समुदाय के लोगों पर लागू होगा.