ETV Bharat / state

किशनगंज में लोगों ने CAA और NRC के खिलाफ मानव श्रृंखला बनाकर जताया विरोध - इमारत ए शरिया संगठन

सीएए या नागरिकता संशोधन कानून पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक धार्मिक उत्पीड़न के चलते भारत आने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी समुदाय के लोगों पर लागू होगा.

Kishanganj
Kishanganj
author img

By

Published : Jan 25, 2020, 6:02 PM IST

किशनगंज: जिले में इमारत-ए-शरिया संगठन की ओर से सीएए और एनआरसी के खिलाफ मानव श्रृंखला का आयोजन किया गया. इस श्रृंखला को आम लोगों के साथ-साथ विपक्षी पार्टियों ने भी समर्थन दिया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सरकार ने सीएए और एनआरसी कानून वापस लेने की मांग की.

Kishanganj
मानव श्रृंखला बनाकर विरोध करते लोग

'नाकामी छुपा रही है सरकार'
प्रदर्शन में शामिल छात्रा ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि संविधान में कहीं नहीं लिखा है कि जाति और धर्म के नाम पर कोई कानून बनाए जाए. उन्होंने कहा कि ये सरकार अपनी नाकामी को छुपाने के लिए ऐसे कानून बना रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के मंत्री कहते हैं कि पोहा खाने वाले बांग्लादेशी हैं, तो फिर इतने पैसे क्यों खर्च किए जा रहे हैं. पहनावे और खाने से ही पहचान कर लोगों को बांग्लादेश भेज दिया जाए.

मानव श्रृंखला बनाकर जताया विरोध

बता दें कि सीएए या नागरिकता संशोधन कानून पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक धार्मिक उत्पीड़न के चलते भारत आने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी समुदाय के लोगों पर लागू होगा.

किशनगंज: जिले में इमारत-ए-शरिया संगठन की ओर से सीएए और एनआरसी के खिलाफ मानव श्रृंखला का आयोजन किया गया. इस श्रृंखला को आम लोगों के साथ-साथ विपक्षी पार्टियों ने भी समर्थन दिया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सरकार ने सीएए और एनआरसी कानून वापस लेने की मांग की.

Kishanganj
मानव श्रृंखला बनाकर विरोध करते लोग

'नाकामी छुपा रही है सरकार'
प्रदर्शन में शामिल छात्रा ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि संविधान में कहीं नहीं लिखा है कि जाति और धर्म के नाम पर कोई कानून बनाए जाए. उन्होंने कहा कि ये सरकार अपनी नाकामी को छुपाने के लिए ऐसे कानून बना रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के मंत्री कहते हैं कि पोहा खाने वाले बांग्लादेशी हैं, तो फिर इतने पैसे क्यों खर्च किए जा रहे हैं. पहनावे और खाने से ही पहचान कर लोगों को बांग्लादेश भेज दिया जाए.

मानव श्रृंखला बनाकर जताया विरोध

बता दें कि सीएए या नागरिकता संशोधन कानून पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक धार्मिक उत्पीड़न के चलते भारत आने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी समुदाय के लोगों पर लागू होगा.

Intro:किशनगंज:-नागरिकता संसोधन कानून के खिलाफ विरोध थमने का नाम नही ले रहा है, दिन प्रतिदिन लोग इस प्रदर्शन का हिस्सा बनते जा रहे हैं।इसी क्रम में आज लगभग हज़ारो की संख्या में सभी विपक्षी पार्टियो ने इमारत ए शरिया का साथ देते हुए शहर में मानव श्रृंखला का निर्माण किया और सरकार से अनुरोध किया कि इस काले कानून को वापस ले ले।


Body:किशनगंज:-इमारत ए शरिया ने आज मानव श्रृंखला का निर्माण किया था जिसमे आम लोगो के साथ साथ सभी विपक्षी पार्टियों ने अपना समर्थन दिया और कई किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बना कर सरकार पर दबाव बनाया की CAA कानून को वापस ले-ले और एनपीआर और एनआरसी को लागू न करे।

वीओ-एक छात्रा जो इस श्रृंखला की हिस्सा बानी थी ने ईटीवी से बात करते हुए बताया कि संविधान में कही नही लिखा है कि जाति और धर्म के नाम पर कोई कानून बनाए जाए, ये सरकार अपनी नाकामी को छुपाने के लिए ऐसे कानून बना रही कि लोग जाती धर्म के नाम पर लड़ते रहे।
कहा कि केंद्र सरकार के मंत्री कहते है कि पोहा खाने वाले बांग्लादेशी है तो फिर इतने पैसे क्यों खर्च किये जा रहे हैं, कपड़े के पहनावे और खाने से ही हम लोगो को बांग्लादेश भेज दे सरकार।

बाइट:-नाज़िया नसीर(छात्रा)


Conclusion:लोगो ने कहा कि ये मसला आपस मे बातचीत से भी सुलझ सकती है पर सरकार है कि बात ही नही करना चाहती,
बल्कि गृहमंत्री अमित शाह कहते है कि जो भी करना है करो,हम लोगो को कोई फर्क नहीं पड़ता।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सरकार कुछ भी करले पर हमारे गंगा-जमुना तहजीब को खत्म नही कर सकती कोई कानून।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.