कटिहारः केंद्र सरकार और राज्य सरकार की ओर से दिव्यांगों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए कई सरकारी योजनाओं को चला रखी है. लेकिन आज भी जिले के एक लाख 30 हजार दिव्यांगों को कई योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है.
सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए जिले के दिव्यांगों ने 2019 के सितंबर महीने में समाहरणालय के मुख्य द्वार पर भूख हड़ताल एवं अन्न त्याग आंदोलन किया था. उस दौरान जिले के पदाधिकारियों ने आश्वासन दिया था कि उन्हें सभी योजनाओं का लाभ जल्द हीं दिया जाएगा. लेकिन उस आंदोलन के एक साल बीत जाने के बाद भी इन दिव्यांगों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है.
दिव्यांगों को नहीं मिल रहा योजनाओं का लाभ
जिले के दर्जनों दिव्यांग जिला समाहरणालय के पास इकट्ठा हो गए और जिले के डीएम कंवल तनुज को दिव्यांगों के लिए चलाई जा रही योजनाओं का लाभ पाने को लेकर एक ज्ञापन सौंपी गई है. जिसमें दिव्यांगजनों ने कई मांग भी रखी है. बता दें कि जिले के दिव्यांग सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए सरकारी कार्यालयों का कई बार चक्कर भी काट चुके हैं. बावजूद इन्हें आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला.
दिव्यांगों को नहीं मिल रहा अंत्योदय योजना का लाभ
मौके पर मौजूद कोशी क्षेत्रीय विकलांग विधवा वृद्ध कल्याण समिति के जिला सचिव शिव शंकर रमानी ने बताया कि अगर 7 दिनों के अंदर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो सभी दिव्यांगजन समाहरणालय गेट के समक्ष धरना पर बैठ जाएंगे और उग्र आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे. उन्होंने बताया दिव्यांगों को अंत्योदय योजना का लाभ देने के लिए हाई कोर्ट का आदेश दिया जा चुका है. लेकिन जिले के लापरवाह प्रशासन के कारण जिले में किसी भी दिव्यांगों को अंत्योदय योजना का लाभ नहीं मिल रहा है.
दिव्यांगों को दिया जाए राशन कार्ड
जिले के इन दिव्यांगों की मांग है कि 400 रुपये के पेंशन की जगह 2000 रुपये पेंशन दिया जाए और सभी दिव्यांगों को राशन कार्ड दिया जाए. केंद्र सरकार के आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत अंत्योदय योजना में 35 किलो ग्राम सस्ते दाम पर एवं पांच किलोग्राम अनाज मुफ्त दिया जाए. मोटर चालित तीन पहिया साइकिल प्रदान की जाए और स्वास्थय आयुष्मान कार्ड एवं दिव्यांगों को भूमि उपलब्ध कराया जाए तथा सभी सरकारी एवं गैर सरकारी कार्यालय में शौचालय एवं जल की व्यवस्था की जाए. जिला के सभी पदाधिकारी जो दिव्यांगों की समस्या सुनकर समाधान कर सकते हैं उनका कार्यालय भूमि तल में हो या रैम्प की व्यवस्था की जाए.