किशनगंज: जिले के टेढ़ागाछ प्रखंड के चिल्हनियां पंचायत अंतर्गत वार्ड नंबर 14 के संथाल टोला देवरी में रेतुआ नदी के कटाव के कारण दर्जनों घर नदी में कट कर विलीन हो गए हैं. बता दें कि लगातार हुई बारिश के कारण विगत 12 जुलाई को रेतुआ नदी में भीषण बाढ़ आई है. गांव में बाढ़ का पानी घुस गया और लोग चारों तरफ से घिर गए.
लोग किसी तरह सड़क पर गुजारा करने को मजबूर
टेढ़ागाछ प्रखंड का यह गांव जिला मुख्यालय से लगभग 70 किलोमीटर दूर है. यहां पर जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ से बचाव की कोई भी तैयारी नहीं की गई थी. नेपाल के तराई इलाकों में लगातार हुई बारिश के बाद से जिले से होकर गुजरने वाली रेतुआ नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है. नदी ने टेढ़ागाछ प्रखंड के कई पंचायतों में अपना कहड़ बरपाया है. लोग किसी तरह से एक टूटे फूटे नाव के सहारे अपनी जान बचाकर सुरक्षित स्थान पर निकल कर आए. सभी लोग सड़क पर तिरपाल लगाकर गुजरा करने को मजबूर हैं.
प्रशासन ने नहीं ली कोई खबर
वहीं स्थानीय निवासी तालू मुर्मू ने बताया कि बाढ़ के पहले प्रशासनिक तैयारी पूरी नहीं होने के कारण हमें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं रेतुआ नदी अब उफान पर है. नदी की तेज धार ने हमारे घर को निगल लिया. लेकिन प्रशासन एक बार भी हमारी खोज खबर लेने नहीं आया. साथ ही कोई जनप्रतिनिधि भी हमारी तरफ झांकने नही आए.
प्रशासन से लगाई गुहार
वहीं रानी शरण ने बताया कि हम लोग किसी भी तरह से जान बचाकर अपने बच्चो के साथ सड़क किनारे भूखे प्यासे तिरपाल लगाकर समय काट रहे हैं. उन्होंने प्रशासन से जल्दी उन्हें किसी सुरक्षित स्थान पर रहने का इंतेजाम करवाने की गुहार लगाई है.