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खगड़िया: कागजों में सिमटी सरकार की योजनाएं, युवकों को नहीं मिल रहा रोजगार

कॉप्टीशन की तैयारी कर रहे छात्रों का कहना है कि वो 2016 से सरकारी नौकरी की लगातार तैयारी कर रहे हैं, लेकिन वैकेंसी कम निकलने की वजह से परीक्षा सिर्फ दो ही बार दिए हैं. छात्रों का कहना है कि भत्ता के नाम पर तो इन्हें कुछ भी नहीं मिलता है.

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युवकों को नहीं मिल रहा रोजगार
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Published : Dec 18, 2019, 3:27 PM IST

खगड़िया: सरकार सबका साथ सबका विकास का नारा तो देती है लेकिन देश में बेरोजगारी चरम सीमा पर है. शिक्षा स्तर भी गिर रहा है. युवाओं को नौकरी नहीं मिल रही है. बोरोजगारी का दंश झेल रहे आज के युवा सरकार के इस उदासीन रवैये से काफी मायूस हैं. इनका कहना है कि सरकार की ओर से चलाई जा रही सभी योजनाएं कागजों तक सिमट कर रह जाती है. ऐसे में देश का विकास कैसे संभव है.

बिहार के 12 करोड़ की आबादी में लगभग 3 करोड़ ऐसी आबादी है जिनकी उम्र 15 वर्ष से 30 वर्ष है. खगड़िया जिले की बात करें तो सरकारी आकड़ों के अनुसार 16 लाख की आबादी में करीब 4 लाख की आबादी युवकों की है. लेकिन सवाल ये है कि इतनी बड़ी युवकों की जनसंख्या के लिए केंद्र या राज्य सरकार कर क्या रही है.

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सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे युवा

सरकारी योजाओं से वंचित छात्र
केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री रोजगार योजना चलाई जा रही है. राज्य सरकार मुख्यमंत्री स्वयं निश्चय भत्ता और गरीब छात्रों के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड जैसी योजनाएं चला रही है जिसके तहत छात्र 4 लाख तक लोन लेकर पढ़ाई कर सकते हैं. लेकिन छात्रों तक ये योजनाएं नहीं पहुंच पा रही है.

जानकारी देते छात्र और जिलाधिकारी

नहीं मिल रहा योजनाओं का लाभ
कॉप्टीशन की तैयारी कर रहे छात्रों का कहना है कि वो 2016 से सरकारी नौकरी की लगातार तैयारी कर रहे है लेकिन 4 सालों की तैयारी में सिर्फ 2 नौकरी के लिए ही परीक्षा दिए हैं. जब उनसे पूछा गया की क्यों सिर्फ 2 ही परीक्षा में शामिल हुए तो उनका जवाब था कि वैकेंसी कहा निकलती है. वैकेंसी के इंतेजार में बैठे हैं. वहीं अन्य छात्रों का कहना है कि भत्ता के नाम पर तो इन्हें कुछ भी नहीं मिलता है. बेरोजगारों के नाम पर चलाई जा रही योजनाएं रास्ते में ही दम तोड़ती नजर आ रही है.

ये भी पढ़ें- CAA और NRC के विरोध में उतरे JDU के मुस्लिम विधायक, बोले- जरूरत पड़ी तो दे देंगे इस्तीफा

क्या कहते हैं जिलाधिकारी
हालांकि पूरे मामले पर जिलाधिकारी अनिरूद्ध कुमार अलग ही राग अलाप रहे हैं. इनका कहना है कि सभी सरकारी योजनाओं को धरातल पर उताया गया है. छात्र इसका लाभ भी ले रहे हैं. उन्होंने छात्रों पर ठिकरा फोड़ते हुए कहा कि जो लेग निष्क्रिय होकर घर में बैठे रहेंगे उन्हें लाभ कैसे मिलेगा लाभ. जिलाधिकारी ने बताया कि स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड देने में खगड़िया बिहार में 16वें स्थान पर है. उम्मीद है कि बहुत जल्द 2 या 3 स्थान पर होगा.

खगड़िया: सरकार सबका साथ सबका विकास का नारा तो देती है लेकिन देश में बेरोजगारी चरम सीमा पर है. शिक्षा स्तर भी गिर रहा है. युवाओं को नौकरी नहीं मिल रही है. बोरोजगारी का दंश झेल रहे आज के युवा सरकार के इस उदासीन रवैये से काफी मायूस हैं. इनका कहना है कि सरकार की ओर से चलाई जा रही सभी योजनाएं कागजों तक सिमट कर रह जाती है. ऐसे में देश का विकास कैसे संभव है.

बिहार के 12 करोड़ की आबादी में लगभग 3 करोड़ ऐसी आबादी है जिनकी उम्र 15 वर्ष से 30 वर्ष है. खगड़िया जिले की बात करें तो सरकारी आकड़ों के अनुसार 16 लाख की आबादी में करीब 4 लाख की आबादी युवकों की है. लेकिन सवाल ये है कि इतनी बड़ी युवकों की जनसंख्या के लिए केंद्र या राज्य सरकार कर क्या रही है.

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सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे युवा

सरकारी योजाओं से वंचित छात्र
केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री रोजगार योजना चलाई जा रही है. राज्य सरकार मुख्यमंत्री स्वयं निश्चय भत्ता और गरीब छात्रों के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड जैसी योजनाएं चला रही है जिसके तहत छात्र 4 लाख तक लोन लेकर पढ़ाई कर सकते हैं. लेकिन छात्रों तक ये योजनाएं नहीं पहुंच पा रही है.

जानकारी देते छात्र और जिलाधिकारी

नहीं मिल रहा योजनाओं का लाभ
कॉप्टीशन की तैयारी कर रहे छात्रों का कहना है कि वो 2016 से सरकारी नौकरी की लगातार तैयारी कर रहे है लेकिन 4 सालों की तैयारी में सिर्फ 2 नौकरी के लिए ही परीक्षा दिए हैं. जब उनसे पूछा गया की क्यों सिर्फ 2 ही परीक्षा में शामिल हुए तो उनका जवाब था कि वैकेंसी कहा निकलती है. वैकेंसी के इंतेजार में बैठे हैं. वहीं अन्य छात्रों का कहना है कि भत्ता के नाम पर तो इन्हें कुछ भी नहीं मिलता है. बेरोजगारों के नाम पर चलाई जा रही योजनाएं रास्ते में ही दम तोड़ती नजर आ रही है.

ये भी पढ़ें- CAA और NRC के विरोध में उतरे JDU के मुस्लिम विधायक, बोले- जरूरत पड़ी तो दे देंगे इस्तीफा

क्या कहते हैं जिलाधिकारी
हालांकि पूरे मामले पर जिलाधिकारी अनिरूद्ध कुमार अलग ही राग अलाप रहे हैं. इनका कहना है कि सभी सरकारी योजनाओं को धरातल पर उताया गया है. छात्र इसका लाभ भी ले रहे हैं. उन्होंने छात्रों पर ठिकरा फोड़ते हुए कहा कि जो लेग निष्क्रिय होकर घर में बैठे रहेंगे उन्हें लाभ कैसे मिलेगा लाभ. जिलाधिकारी ने बताया कि स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड देने में खगड़िया बिहार में 16वें स्थान पर है. उम्मीद है कि बहुत जल्द 2 या 3 स्थान पर होगा.

Intro:देश मे बेरोजगारी को ले कर अलग ही एक माहौल बना हुआ है। जिस क्षेत्र में देखे हर तरफ बेरोजगारी से युवक परेशान है। खगड़िया के युवकों की दर्द भी हम दिखा रहे है। कैसे हर कदम पर असफलता हाथ लग रही है और सरकार की कोई योजनायें भी इनके कोई काम नही आ रही है


Body:देश मे बेरोजगारी को ले कर अलग ही एक माहौल बना हुआ है। जिस क्षेत्र में देखे हर तरफ बेरोजगारी से युवक परेशान है। खगड़िया के युवकों की दर्द भी हम दिखा रहे है। कैसे हर कदम पर असफलता हाथ लग रही है और सरकार की कोई योजनायें भी इनके कोई काम नही आ रही है।

बिहार के 12 करोड़ की आबादी में लगभग 3 करोड़ ऐसी आबादी है जिनकी उम्र 15 वर्ष से 30 वर्ष के अंदर है। और खगड़िया की 16 लाख की आबादी में करीब 4 लाख (ये आकलन है एक सरकारी विभाग का) की आबादी युवकों की है।
लेकिन सवाल ये है कि इतनी बड़ी युवकों की जनसंख्या के लिए केंद्र या राज्य सरकार कर क्या रही है। केंद्र की एक योजना चल रही है प्रधानमंत्री रोजगार योजना व नीतीश सरकार की योजना चल रही है,मुख्यमंत्री स्वयं निश्चय भत्ता, इसके अलावे नीतीश सरकार गरीब छात्रों के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड जैसी योजना भी चला रही है जिसमे छात्र 4 लाख तक लोन ले कर पढ़ाई कर सकता है।

लेकिन मुद्दा योजनायें नही है, मुद्दा ये है कि बेरोजगार युवकों तक ये योजनायें पहुचं पा रही है या नही ? खगड़िया के बेरोजागर युवकों का जवाब है नही है।

विओ 1
मनीष कुमार
मनीष कुमार एक छात्र है जो कि खगड़िया के एक शैलेन्द्र लॉज में रह कर सरकारी नौकरी की तैयारी करते है। मनीष कुमार साल 2016 से ले कर अभी तक लगातार तैयारी कर रहे है लेकिन वो 4 साल की तैयारी में सिर्फ 2 नौकरी के लिए ही परीक्षा दिए है। जब उनसे पूछा गया की क्यों सिर्फ 2 ही परीक्षा में शामिल हुए तो उनका जवाब था कि वैकेंसी कंहा निकलती है। वैकेंसी के इंतेजार में बैठे है।

विओ 2- सुधीर कुमार
ये पिछले 6 साल से खगड़िया में रह कर नौकरी के तैयारी करते है और इनकी उम्र 28 साल है इनका कहना है कि भत्ता के नाम पर तो हमे कुछ नही मिलता। बेरोजगारों के लिए सरकार की जो योजनायें चलाई जा रही है ये तो रास्ते मे ही रह जाती है।

विओ 3
लक्ष्मी कांत प्रसाद
लक्ष्मी कांत प्रसाद कहते है कि इस छोटे से कमरे में कई साल से रह कर तैयारी कर रहे है लेकिन। अभी तक कंही सफलता हाथ नही लगी है। सरकारी योजनाओं के बारे में इनका कहना है कि ये तो सिर्फ नेताओ और अधिकारियों के लूटने के लिए बनाई जाती है। हम जैसे छात्रों को इसकी सख्त जरूरत है लेकिन देखिए आपके सामने है हमको कोई योजना का लाभ नही मिलता।

जिला अधिकारी से जब हमने पूछा कि छात्रों से जुड़ी सरकार की कोई योजना धरातल पर क्यों नही उतर रही है। तो उनका जवाब था हर योजना में हमने सफलता पाई है। सभी योजनायें लाभुकों तक जा रही है। जो निष्क्रिय हो कर घर मे बैठनेगे उनको कंहा से मिलेगा लाभ। स्टूडेंट क्रेडीट कार्ड देने में हम बिहार में 16 वे अस्थान पर है उम्मीद है कि बहुत जल्द 2 या 3 अस्थान पर रहेंगे।



Conclusion:सरकार व जिला प्रसाशन को चाहिए कि उनके अधिकारी ग्राउंड अस्तर पर उतर कर काम करे। तैयारी करने वाले छात्रों के बीच मे जाय उनके कोचिंग संस्थानों में जा कर उनसे मिले तब कंही जा कर सरकारी योजनाओं का लाभ इन जरूरतमंदों तक पहुंच पायगी। और जब लाभ पहुचने लगेगा तब थोड़ी सी बेरोजगरी भी दूर होगी। राज्य सरकार हर जिला के हिसाब से रोजगार दे सकती है। जैसे खगड़िया में हर तरफ नदी है मक्का है ऐसा कुछ करे कि नदी का पानी इस्तेमाल में आय ,मचलिपन हो, मक्का का फैक्ट्री लगे।
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