खगड़िया: सरकार सबका साथ सबका विकास का नारा तो देती है लेकिन देश में बेरोजगारी चरम सीमा पर है. शिक्षा स्तर भी गिर रहा है. युवाओं को नौकरी नहीं मिल रही है. बोरोजगारी का दंश झेल रहे आज के युवा सरकार के इस उदासीन रवैये से काफी मायूस हैं. इनका कहना है कि सरकार की ओर से चलाई जा रही सभी योजनाएं कागजों तक सिमट कर रह जाती है. ऐसे में देश का विकास कैसे संभव है.
बिहार के 12 करोड़ की आबादी में लगभग 3 करोड़ ऐसी आबादी है जिनकी उम्र 15 वर्ष से 30 वर्ष है. खगड़िया जिले की बात करें तो सरकारी आकड़ों के अनुसार 16 लाख की आबादी में करीब 4 लाख की आबादी युवकों की है. लेकिन सवाल ये है कि इतनी बड़ी युवकों की जनसंख्या के लिए केंद्र या राज्य सरकार कर क्या रही है.
सरकारी योजाओं से वंचित छात्र
केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री रोजगार योजना चलाई जा रही है. राज्य सरकार मुख्यमंत्री स्वयं निश्चय भत्ता और गरीब छात्रों के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड जैसी योजनाएं चला रही है जिसके तहत छात्र 4 लाख तक लोन लेकर पढ़ाई कर सकते हैं. लेकिन छात्रों तक ये योजनाएं नहीं पहुंच पा रही है.
नहीं मिल रहा योजनाओं का लाभ
कॉप्टीशन की तैयारी कर रहे छात्रों का कहना है कि वो 2016 से सरकारी नौकरी की लगातार तैयारी कर रहे है लेकिन 4 सालों की तैयारी में सिर्फ 2 नौकरी के लिए ही परीक्षा दिए हैं. जब उनसे पूछा गया की क्यों सिर्फ 2 ही परीक्षा में शामिल हुए तो उनका जवाब था कि वैकेंसी कहा निकलती है. वैकेंसी के इंतेजार में बैठे हैं. वहीं अन्य छात्रों का कहना है कि भत्ता के नाम पर तो इन्हें कुछ भी नहीं मिलता है. बेरोजगारों के नाम पर चलाई जा रही योजनाएं रास्ते में ही दम तोड़ती नजर आ रही है.
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क्या कहते हैं जिलाधिकारी
हालांकि पूरे मामले पर जिलाधिकारी अनिरूद्ध कुमार अलग ही राग अलाप रहे हैं. इनका कहना है कि सभी सरकारी योजनाओं को धरातल पर उताया गया है. छात्र इसका लाभ भी ले रहे हैं. उन्होंने छात्रों पर ठिकरा फोड़ते हुए कहा कि जो लेग निष्क्रिय होकर घर में बैठे रहेंगे उन्हें लाभ कैसे मिलेगा लाभ. जिलाधिकारी ने बताया कि स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड देने में खगड़िया बिहार में 16वें स्थान पर है. उम्मीद है कि बहुत जल्द 2 या 3 स्थान पर होगा.