खगड़ियाः बिहार में बाढ़ का कहर जारी है. बिहार के कई जिलों में नदियों के बढ़ते जलस्तर से बाढ़ आ गई है. मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, दरभंगा और सीतामढ़ी सहित 15 जिले बाढ़ की चपेट में हैं. गंगा, महानंदा, बूढ़ी गंडक, बागमती, और कोसी सहित उत्तर बिहार की कई नदियां उफान पर हैं. ये नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.
बाढ़ का कहर
वहीं खगड़िया जिले में भी बाढ़ के पानी का सितम जारी है. बाढ़ की विभीषिका से जिले का भूगोल बदल सा गया है. बाढ़ के पानी से कई जगह सड़के टूट चुकी है और पानी सड़क के ऊपर से बह रहा है. इसके साथ ही खेत खलिहान और फसल डूब से जाने से किसानों को खाने के लाले पड़ते दिखाई दे रहा है.
केंद्रीय मंत्री का गांव बाढ़ की चपेट में
बाढ़ की विभीषिका से अब तो मंत्री जी का गांव भी नहीं बच पाया है. केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का गांव शहरबन्नी की आधी आबादी बाढ़ के पानी में डूबा हुआ है. जिस गांव से तीन सांसद हो और उस गांव के लोगों को भी विपदा के समय में सरकारी सुविधा से वंचित होना पड़े, तो इस से बड़ी विडंबना कुछ और नहीं हो सकती है. केंद्र सरकार में मंत्री रामविलास पासवान, उनके बेटे चिराग पासवान सांसद व भाई पशुपति पारस भी सांसद और इस गांव के आधे से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित है. लेकिन अब तक इन लोगों को किसी भी तरह की मदद प्रसाशन की ओर से नहीं पहुंचाया गया है.
जानवर की जिदंगी जीने को लोग मजबूर
ईटीवी भारत की टीम जब केंद्रीय मंत्री के गांव पहुंची, तो लोगों ने बताया कि कैसे वो एक जानवर की जिदंगी जी रहे है. घरों में पानी घुस चुका है. गांव के लोग घर में मचान बना कर रह रहे है. उसी पर खा रहे है, उसी पर सो रहे है और मचान पर ही खाना भी जैसे तैसे बना रहे है. साथ रामविलास और उनके परिवार के सदसयों को खूब खरी खोटी भी सुनाया. लोगों ने कहा कि क्या फायदा ऐसे सांसद और मंत्री का जिनका खुद का गांव डूब रहा हो और किसी तरह की मदद नहीं मिल रही हो वो देश क्या चलाएंगे.
यहां पहुंचाई जाए मदद
केंद्रीय मंत्री की धर्मपत्नी से भी ईटीवी की टीम ने बात किया उनका कहना है कि वो प्रसाशन से कहेंगी की यहां मदद पहुंचाया जाय. साथ ही अगर फोन पर मंत्री से बात होगी तो उनको भी सूचना देगी की यहां के लोग परेशान है.
अलौली प्रखंड सबसे ज्यादा प्रभावित
केंद्रीय मंत्री का गांव शहरबन्नी खगड़िया के अलौली विधानसभा में पड़ता है और यहां विधानसभा के विधायक है आरजेडी के चंदन राम विधायक अब तक अलौली के किसी भी गांव में बाढ़ का दंश झेल रहे लोगों के बीच नहीं गए है. जबकि अलौली विधानसभा व अलौली प्रखंड सबसे ज्यादा बाढ़ प्रभावित क्षेत्र है.