खगड़िया: बिहार के खगड़िया में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही (Negligence of Bihar Health Department) सामने आई. एक कमरे में 14-14 महिलाओं को जमीन पर लिटाकर उन्हें बेहोशी का इंजेक्शन लगाया गया. सभी को ऑपरेशन थिएटर के बाहर लिटाया गया. जिस वक्त ये तस्वीरें सामने आईं उस वक्त तक 14 महिलाओं का ऑपरेशन परबत्ता सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हो चुका था. जब इस बारे में जिम्मेदारों से पूछा गया तो पहले हीला-हवाली करते नजर आए. फिर सफाई में बेड न होने का हवाला देने लगे. जबकि इस तरह के ऑपरेशन के लिए एक नियम है. जिसे लालचवश फॉलो नहीं किया. लापरवाही का ये नजारा परबत्ता सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (Parbatta Community Health Center) का है.
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बंध्याकरण के लिए जमीन पर लिटाकर ऑपरेशन : ऑपरेशन थियेटर से बाहर निकलकर एक स्वास्थ्य कर्मी ने बताया कि अस्पताल में बेड की कमी है. इसलिए इन सभी को जमीन पर लिटाकर बेहोशी का इंजेक्शन लगाया गया है. ये महिलाएं ऑपरेशन थिएटर के पास इसलिए लिटाईं गईं है कि कहीं गिर ना जाए. स्वास्थ्य कर्मी ने बताया कि शुक्रवार को 30 ऑपरेशन ही शेड्यूल है. जिसमें से 14 महिलाओं के बंध्याकरण का ऑपरेशन सफलतापूर्वक किया जा चुका है.
''अस्पताल में बेड की कमी होने के चलते हम लोगों ने इन्हें नीचे सुलाया है. अभी इंजेक्शन लगाया गया है. यहां से ऑपरेशन थिएटर पास है यहां से इन्हें ले जाना भी आसान है. ये कहीं गिर ना जाएं इसलिए ऑपरेशन थिएटर के पास ही इन्हें लिटाया गया है. आज सिर्फ 30 महिलाओं का ऑपरेशन होना है. 14 का किया जा चुका है''- स्वास्थ्य कर्मी, परबत्ता सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, खगड़िया
कोरोना अभी पूरी तरह से नहीं गया: हैरानी होती है इन तस्वीरों को देखकर. एक ओर जहां कोरोना संक्रमण अभी भी पूरी तरह से गया नहीं है ऐसे समय में एक ही कमरे में असुरक्षित तरीके से इतने मरीजों को लिटाकर ऑपरेशन कराना किसी खतरे से कम नहीं है. ऊपर से बठती ठंड में सिर्फ एक चादर पर महिलाओं को बंध्याकरण के लिए लिटाना खतरे से खाली नहीं. कम से कम डॉक्टरों को इस बात का ख्याल रखना चाहिए था.
क्यों होता है बल्क में ऑपरेशन: आमतौर पर ऐसे ऑपरेशन के लिए महिलाओं की संख्या अस्पताल की क्षमता के मुताबिक तय की जाती है. लेकिन लालच और ज्यादा कमीशन पाने के चक्कर में सभी नियमों की अनदेखी की जाती है. ऐसे में जब कोई अनहोनी होती है तब पूरा प्रशासन कारण जानने के लिए जांच बैठाता है. अमूमन ऐसे हादसों के पीछे ऐसी लापरवाही ही होती है. बहरहाल इस मामले में अभी अस्पताल के बड़े अधिकारियों का बयान आना बाकी है. ऐसी लापरवाही पर जिम्मेदारी तय होनी चाहिए.