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खगड़िया: बाढ़ त्रासदी के बाद पीड़ितों का छलका दर्द, सरकार की तरफ से नहीं मिली मदद - उफान पर आई नदियां

खगड़िया जिला सात नदियों से घिरा हुआ है. बाढ़ के समय हल्की सी बारिश होने पर नदियां उफान का रूप ले लेती है. उफान पर आई नदियां कई गावों को अपने आगोश में ले लेती है. कुछ ऐसी ही स्थिति खगड़िया के 4 प्रखंड के 25 पंचायतों में बनी हुई थी. यहां हजारों लोग बांध पर जैसे-तैसे रह रहे थे.

त्रासदी के बाद हालात
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Published : Dec 15, 2019, 9:53 PM IST

खगड़िया: जिले में बाढ़ अपना प्रचंड रूप दिखा कर चली गई. लेकिन बाढ़ पीड़ितों के दर्द जस के तस है. खगड़िया की नदियां बूढ़ी गंडक, कमला, बागमती और गंगा मिलकर गांवों को उजाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. यहां के चार प्रखंड के 22 पंचायत पूरी तरह से जलमग्न हो गए थे. स्थानीय लोग ऊंचे जगह या बांधो पर पलायन कर प्लास्टिक सीट से टेंट बना रह रहे थे.

बाढ़ में बह गए 25 से 30 घर
खगड़िया जिला सात नदियों से घिरा हुआ है. बाढ़ के समय हल्की सी बारिश होने पर नदियां उफान का रूप ले लेती है. उफान पर आई नदियां कई गावों को अपने आगोश में ले लेती है. कुछ ऐसी ही स्थिति खगड़िया के 4 प्रखंड के 25 पंचायतों में बनी हुई थी. यहां हजारों लोग बांध पर जैसे-तैसे रह रहे थे. वहीं, लोगों ने बताया कि गंगा नदी में पानी बढ़ने के कारण बाढ़ आई थी. इससे कम से कम 25 से 30 घर इस पंचायत के बह गए.

बाढ़ त्रासदी के बाद पीड़ितों का छलका दर्द

'सरकार की तरफ नहीं मिली मदद'
ग्रामीणों ने कहा कि हमें इस बात का आक्रोश है कि जो विपदा आई थी, वो तो हमसब झेल लिए, लेकिन जिला प्रसाशन और सरकार की तरफ से अब तक हमे कोई मदद नहीं मिली है. खेत कट कर बालू हो चुका है. फसल उगाने के लिए एक मुट्ठी जमीन नहीं बची है. लेकिन अब तक सरकार के यंहा से हमारे बीच कोई नहीं आया.
उन्होंने कहा कि मुवाजे के लिए 6 हजार रुपया मिलने वाला था, वो भी नहीं मिला है.

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त्रासदी के बाद हालात

'मिट जाएगा नामो निशान'
स्थानीय लोगों ने कहा कि गंगा नदी पर वर्षो पहले एक बांध बनाया गया था, जो इस साल के बाढ़ में पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है. लेकिन इस खतरनाक बांध के मरम्मत के लिए भी कोई पहल नहीं की गई है. इसको लेकर स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर इसको जल्द से जल्द ठीक नहीं किया गया, तो अगले साल के बाढ़ में इस पंचायत का जिले से नामो निशान मिट जाएगा.

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त्रासदी के बाद हालात

बाढ़ प्रभावित 4 प्रखंड

  • खगड़िया प्रखंड
  • गोगरी प्रखंड
  • परबत्ता प्रखंड
  • मानशी प्रखंड​​​​​​

बाढ़ से नुकसान के कुछ डाटा

  • बाढ़ से 21 ग्राम पंचायत, एक नगर पंचायत और एक नगर परिषद ग्रसित है.
  • 9 लाख 68 हजार का फसल नुकसान हुआ है.
  • 9 लाख का पब्लिक प्रोपर्टी और सड़क नुकसान हुआ है.

नोट- आकड़ा आपदा विभाग खगड़िया की तरफ से दिया गया है.

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त्रासदी के बाद हालात

क्या कहते है अधिकारी
आपदा परियोजना अधिकारी अमन कुमार ने कहा कि प्रसाशन की तरफ से हर सुविधा दी गई थी. जिला प्रसाशन के आपदा विभाग की तरफ से युद्ध स्तर पर काम किया गया था. अब बाढ़ पीड़ितों की जिंदगी सम्मान होने लगी है. जिला प्रसाशन उनके प्रति सजग है. हर ब्लॉक से अंचल अधिकारी की तरफ से क्षति हुई लिस्ट मांगी जा रही है. बहुत जल्द सबका समाधान कर दिया जाएगा.

खगड़िया: जिले में बाढ़ अपना प्रचंड रूप दिखा कर चली गई. लेकिन बाढ़ पीड़ितों के दर्द जस के तस है. खगड़िया की नदियां बूढ़ी गंडक, कमला, बागमती और गंगा मिलकर गांवों को उजाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. यहां के चार प्रखंड के 22 पंचायत पूरी तरह से जलमग्न हो गए थे. स्थानीय लोग ऊंचे जगह या बांधो पर पलायन कर प्लास्टिक सीट से टेंट बना रह रहे थे.

बाढ़ में बह गए 25 से 30 घर
खगड़िया जिला सात नदियों से घिरा हुआ है. बाढ़ के समय हल्की सी बारिश होने पर नदियां उफान का रूप ले लेती है. उफान पर आई नदियां कई गावों को अपने आगोश में ले लेती है. कुछ ऐसी ही स्थिति खगड़िया के 4 प्रखंड के 25 पंचायतों में बनी हुई थी. यहां हजारों लोग बांध पर जैसे-तैसे रह रहे थे. वहीं, लोगों ने बताया कि गंगा नदी में पानी बढ़ने के कारण बाढ़ आई थी. इससे कम से कम 25 से 30 घर इस पंचायत के बह गए.

बाढ़ त्रासदी के बाद पीड़ितों का छलका दर्द

'सरकार की तरफ नहीं मिली मदद'
ग्रामीणों ने कहा कि हमें इस बात का आक्रोश है कि जो विपदा आई थी, वो तो हमसब झेल लिए, लेकिन जिला प्रसाशन और सरकार की तरफ से अब तक हमे कोई मदद नहीं मिली है. खेत कट कर बालू हो चुका है. फसल उगाने के लिए एक मुट्ठी जमीन नहीं बची है. लेकिन अब तक सरकार के यंहा से हमारे बीच कोई नहीं आया.
उन्होंने कहा कि मुवाजे के लिए 6 हजार रुपया मिलने वाला था, वो भी नहीं मिला है.

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त्रासदी के बाद हालात

'मिट जाएगा नामो निशान'
स्थानीय लोगों ने कहा कि गंगा नदी पर वर्षो पहले एक बांध बनाया गया था, जो इस साल के बाढ़ में पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है. लेकिन इस खतरनाक बांध के मरम्मत के लिए भी कोई पहल नहीं की गई है. इसको लेकर स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर इसको जल्द से जल्द ठीक नहीं किया गया, तो अगले साल के बाढ़ में इस पंचायत का जिले से नामो निशान मिट जाएगा.

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त्रासदी के बाद हालात

बाढ़ प्रभावित 4 प्रखंड

  • खगड़िया प्रखंड
  • गोगरी प्रखंड
  • परबत्ता प्रखंड
  • मानशी प्रखंड​​​​​​

बाढ़ से नुकसान के कुछ डाटा

  • बाढ़ से 21 ग्राम पंचायत, एक नगर पंचायत और एक नगर परिषद ग्रसित है.
  • 9 लाख 68 हजार का फसल नुकसान हुआ है.
  • 9 लाख का पब्लिक प्रोपर्टी और सड़क नुकसान हुआ है.

नोट- आकड़ा आपदा विभाग खगड़िया की तरफ से दिया गया है.

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त्रासदी के बाद हालात

क्या कहते है अधिकारी
आपदा परियोजना अधिकारी अमन कुमार ने कहा कि प्रसाशन की तरफ से हर सुविधा दी गई थी. जिला प्रसाशन के आपदा विभाग की तरफ से युद्ध स्तर पर काम किया गया था. अब बाढ़ पीड़ितों की जिंदगी सम्मान होने लगी है. जिला प्रसाशन उनके प्रति सजग है. हर ब्लॉक से अंचल अधिकारी की तरफ से क्षति हुई लिस्ट मांगी जा रही है. बहुत जल्द सबका समाधान कर दिया जाएगा.

Intro:खगड़िया के 4 प्रखंड के 25 पंचायतों में परिस्थिति बनी हुई थी।हजारों लोग बांध पर जैसे तैसे रह रहे थे।खगडिया के बोरना पंचायत, रहीमपुर पंचायत और भी कई पंचायत पूरी तरह से डूब चुका था।


Body:खगड़िया में बाढ़ अपना प्रचंड रूप दिखा कर चली गई। लेकिन बाढ़ पीड़ितों के दर्द जस के तस अब तक बने हुए है। खगड़िया की सारी नदिया मिल कर बूढ़ी गंडक,कमला,बागमती और गंगा मिल कर गांवों को उजाड़ने में कोई कसर नही छोड़ी।खगड़िया के
चार प्रखंड के 22 पंचायत पूरी तरह से जलमग्न हो चुका था।अस्थानिये लोग ऊंचे जगह या बांधो पर पलायन कर प्लास्टिक सीट से टेंट बना रह रहे थे।
खगड़िया जिला सात नदियों से घिरा हुआ जिला है और बाढ़ के समय में हल्की सी बारिश भी नदियों को उफान पर ला देती है और यंहा की श्रापित नदिया कई -कई गावो को अपने गोद मे लिए आगे बढ़ जाती है। कुछ ऐसी ही स्थिति खगड़िया के 4 प्रखंड के 25 पंचायतों में परिस्थिति बनी हुई थी।हजारों लोग बांध पर जैसे तैसे रह रहे थे।खगडिया के बोरना पंचायत, रहीमपुर पंचायत और भी कई पंचायत पूरी तरह से डूब चुका था।
etv bharat आज उन बाढ़ पीड़तों के बीच गई और उनके दर्द को अपने कैमरे में कैद की ताकि जिला प्रसाशन और राज्य सरकार को इनका दर्द दिखा कर उनके दर्द को कम करने की कोशिस करे।
खगड़िया के रहीमपुर के मथार दियरा में भीषण बाढ़ आई थी यू कह सकते है कि पूरे खगड़िया जिला में सब से ज्यादा प्रभावित पंचायत व नुकसान झेलने वाला जो पंचायत है वो रहीमपुर मथार दियरा ही है।
रहीमपुर मथार दियरा पंचायत के लोगो ने अपने दर्द को बयां करते हुए और दिखाते हुए बताया कि गंगा नदी में पानी बढ़ने के कारण बाढ़ आई और गांव के बीचों बीच से धारा निकली और उसके रास्ते मे जितने घर आये वो बाढ़ के पानी में बहते चली गई।कम से कम 25 से 30 घर इस पंचायत में बहे है। घर भी वैसे लोगो के बहे है जो अपने पूरे जीवन मे सिर्फ एक घर बना ले तो वही बहुत है। ग्रामीणों के द्वारा बताया गया कि इंद्रा आवास के मील हुए पैसों से घर बनाये थे लेकिन वो भी भगवान से देखा नही गया।
गांव की ही एक महिला ने भारी आवाज में कही की उनके 2 बेटा समेत उनका घर मिला कर 3 घर पूरी तरह से नष्ट हो गए, घर के चौकी पलँग समेत रसोई का समान भी बाढ़ में बह गया।
ग्रामीणों में आज भी इस बात का आक्रोश है कि जो विपदा आई थी वो तो हम सभी झेल लिये लेकिन जिला प्रसाशन व सरकार के तरफ से अब तक हमे कोई लाभ नही मिला है। खेत कट कर बालू हो चुका है फसल उगाने के लिए एक मुट्ठी जमीन नही बची लेकिन अब तक सरकार के यंहा से हमारे बीच कोई नही आया।
कटाव निरोधक कार्य मे भी कोई पहल नही की गई है अब तक,मुवाज़े के लिए 6 हजार रुपया परिवार के मुखिया को मिलने वाला था वो भी नही मिला।
पंचायत के महज आधे किलोमीटर की दूरी पर गंगा नदी है जिसके अभिशाप से ये तबाही हुई । उस नदी पर सालो पहले एक बांध बनाया गया था जो इस साल के बाढ़ में पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है लेकिन इस खतरनाक बांध के मर्मति के लिए भी कोई पहल नही की गई है और इसको लेकर अस्थनीय लोगो का कहना है कि अगर इसको जल्द से जल्द ठीक नही किया गया तो अगले साल के बाढ़ में इस पंचायत का खगड़िया जिला से नामो निशान मिट जायगा।

बाढ़ प्रभावित खगड़िया के 4 प्रखंड थे
1. खगड़िया प्रखंड
2. गोगरी प्रखंड
3.परबत्ता प्रखंड
4.मानशी प्रखंड

बाढ़ से नुकसान के कुछ डेंटल है।
1.बाढ़ ग्रषित 21 ग्राम पंचायत है, एक नगर पंचायत व एक नगर परिषद
2.जिला में जो फसल नुकसान हुआ वो 9 लाख 68 हजार का हुआ
3. पूरे खगडॉय में पब्लिक प्रोपर्टी (सड़क)का नुकसान 9 लाख का हुआ
4. बाढ़ आपदा के दौरान 26 हजार 7सौ 81 राशन के पैकट बांटे गए थे।
5.बाढ़ राहत के लिए जो जिला से बाढ़ पीड़ितों के का नाम गया है राज्य सरकार के पास वो है 27 हजार 7 सौ 33 और लोगो का नाम अभी प्रक्रिया में है।
6. 27 हजार 7 सौ 33 भेजे गए बाढ़ पीड़तों के लिस्ट में से 24 हजार 8 सौ 17 लोगो के खाते में राज्य सरकार के द्वारा प्रति परिवार 6 हजार की राशि भेज दी गई है
(आकड़ा आपदा विभाग खगड़िया के द्वारा दिया गया है)

अधिकारी क्या कहते है
वंही आपदा परियोजना अधिकारी अमन कुमार का कहना है कि प्रसाशन की तरफ से हर वो सुविधा गई थी। बाढ़ के भीषण तबाही में खगडिया जिला प्रसाशन के आपदा विभाग के द्वारा एक युद्ध स्तर पर काम किया गया था। आज के समय मे जो बाढ़ पीड़ित थे उनकी जिंदगी सम्मान होने लगी है जिला प्रसाशन उनके प्रति सजग है। हर ब्लॉक से अंचल अधिकारी के द्वारा क्षति हुई लिस्ट मांगी जा रही है बहुत जल्द सबका समाधान कर दिया जायगा।


Conclusion:
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