खगड़ियाः जिले में कोई भी विभाग एसा नहीं है जो अपने कर्तव्यों को निष्ठा से निभाता होगा. आए दिन कोई न कोई ऐसी खबर आती रहती है जो खगड़िया प्रशासन पर सवाल खड़े कर देते हैं. शिक्षा व्यवस्था हो या स्वास्थ्य विभाग किसी भी विभाग में आपको उदासिनता ही देखने को मिलेगी.
स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए शासन स्तर पर कई योजनाएं चलाई जा रहीं हैं लेकिन डॉक्टरों, दवाओं और सुविधाओं की कमी के चलते शासकीय अस्पतालों में मरीजों को उपचार के लिए भटकना पड़ रहा है. ग्रामीण बताते हैं कि यहां एक ऐसे डॉक्टर की नियुक्ति है जिनको सप्ताह में तीन दिन आना होता है और एक एनएम है जिनको रोज आना होता है. लेकिन डॉक्टर तो छोड़िए एनएम तक यहां नहीं आते.
अस्पताल में लाखों रुपय लगा कर भव्य तरीके से बनाया गया. हर तरह की सुविधा दी गई लेकिन इन सभी सुविधाओं को संचालित करने वाला कोई नहीं है. गर्भवती महिलाओं को गंदे चादर पर ही दिन काटना पड़ता है. रूटीन में लिखा हुआ न नास्ता मिलता है ना ही खाना. मजबूरन मरीजों को निजी क्लिनिक की तरफ रुख करना पड़ता है.
सरकार के दिये हुए सुविधा के बावजूद निजी क्लिनिक में हजारों रुपय खर्च करना पड़ता है. वहीं इस बात को जिला अधिकारी अनिरुद्ध कुमार भी मानते हैं. उन्होंने इस विषय में जांच करवाने की बात कही और नियुक्त डॉक्टरों के गलत पाय जाने पर कार्रवाई की जाएगी