खगड़ियाः जम्मू काश्मीर में सीज फायरिंग के दौरान माड़र गांव के मोहम्मद जावेद अली की शहादत की खबर सुनकर उनके गांव में मामत पसरा हुआ है. घर पर शहीद जावेद के पिता खाट पर बेसुध पड़े हुए हैं. गर्भवती पत्नी ईद पर भी अपने पति का दीदार नहीं कर पाने का मलाल और अब मौत की खबर उसके लिए पहाड़ बन कर टूट पड़ी है. मां की आखों के आंसू भी थम नहीं रहे हैं.
मरने से पहले मां को किया था फोन
कश्मीर में सीजफायर उल्लंघन के बाद हुई गोलीबारी में शहीद मो.जावेद ईद में छुट्टी नही मिलनें के कारण घर नहीं आ सके थे. सोमवार की सुबह ही उन्होंने अपनी मां और पत्नी से बात कर घर का हालचाल पूछा था. शहीद होने की सूचना मिलते ही गांव के लोग शहीद जावेद के परिजनों को सांत्वना देने के लिए उनके घर पहुंचने लगे. शहीद की पत्नी पांच माह की गर्भवती है और उनका रो-रो कर बुरा हाल है. मां को घर वाले सांत्वना दे रहे हैं.
खाट पर बेसुध पड़े हैं पिता
शहीद जावेद के पिता घर के खाट पर बेसुध पड़े हुए हैं. उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा है कि सुबह जिसने फोन कर घर का हालचाल पूछा था, आज वह इस दुनिया में नहीं है. शदीह मोहम्मद जावेद के एक छोटा सा बेटा अमन है. जिसे ये नहीं पता कि उसके पिता दुश्मनों से लोहा लेने में शहीद हो गये. अपने घर पर जुटी भीड़ को वह टकटकी लगाए देख रहा है. घर के लोगों की हालत देख गांव की महिलाओं की आंखे भी नम हैं.
दोस्तों को है शहीद पर नाज
मोहम्मद जावेद के शहीद होने पर उनके दोस्तों को नाज है. उनका कहना है कि वह शुरु से ही काफी जांबाज था. जावेद के पांच भाई हैं. उनके बड़े भाई का कहना है कि अगर पाकिस्तान से लोहा लेने के लिए हम पांचों भाई को शहीद होना पड़ेगा तो कोई गम की बात नहीं है. मालूम हो कि मो. जावेद सेना में फरवरी 2010 में भर्ती हुए थे. कुछ दिन पहले ही उनका ट्रांसफर जम्मू काश्मीर के पूंछ सेक्टर में हुआ था.