खगड़िया: उत्तर बिहार के खगड़िया, सहरसा, मधेपुरा जिले से मजदूरों की एक बड़ी आबादी दिल्ली, पंजाब समेत देश के कई अन्य राज्यों में हर साल पलायन कर जाती है. पलायन की वजह से खेती प्रभावित होती है. लगभग 50 प्रतिशत जमीन बुआई और रोपनी से वंचित रह जाती है.
काम की तलाश में पलायन कर रहे मजदूर
पलायन कर रहे मजदूरों का कहना है कि यहां रोजगार के नाम पर कुछ नहीं है. सरकारी योजनाओं का लाभ इन्हें नहीं मिल रहा है. युवा बेरोजगार बैठे हैं. परिवार का भरण पोषण करने के लिए ये लोग पलायन करने पर मजबूर हैं. पैसों के अभाव में ट्रेन पर लटक कर जैसै-तैसै ये दिल्ली और राजस्थान जैसी जगहों पर काम की तलाश में जा रहे हैं.
सरकार से रोजगार की मांग
सरकार की ओर से चलाई जा रही योजना के लिए जो भी राशि दी जाती है उसका बंदरबांट किया जाता है. ऐसे में मनरेगा जैसी कई योजनाएं फाइल तक ही सिमट कर रह जाती है. मजदूरों की सरकार से मांग है कि बिहार में भी फैक्ट्री खोली जानी चाहिए जिससे यहां के लोगों को रोजगार मिल सके.
'लोगों में जागरूकता की कमी'
पलायन के सवाल पर जिला अधिकारी अनिरुद्ध कुमार का कहना है कि यहां रोजगार की कोई कमी नहीं है. मनरेगा के तहत मजदूरों के रोजगार दिए जाते हैं. अभी रोपनी का सीजन है तो खेतों में भी बहुत काम है. जो लोग बाहर जा रहे हैं उनमें जागरूकता की कमी है. ऐसे लोगों में जागरूकता लाने की जरूरत है.