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खगड़िया: शोभा मात्र बनकर रह गया है बख्तियारपुर का उप स्वास्थ्य केंद्र, मरीजों का नहीं होता है इलाज

बख्तियारपुर के ग्रामीणों में स्वास्थ्य विभाग को लेकर बहुत नाराजगी देखने को मिली. मौके पर ग्रामीणों ने कहा कि उप स्वास्थ्य केंद्र गांव के लिए सिर्फ शोभा की वस्तु है. लोगों ने बताया कि गांव में अस्पताल के नाम पर एक भवन बना दिया गया है. जिसमें अस्पताल से जुड़ी कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है.

खगड़िया
शोभा मात्र है उप स्वास्थ्य केंद्र
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Published : Nov 27, 2019, 11:58 PM IST

खगड़िया: जिले के मनशी प्रखंड पश्चिमी ठठा बख्तियारपुर गांव का उप स्वास्थ्य केंद्र इन दिनों भगवान के भरोसे चलने को मजबूर है. अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मी ड्यूटी पर मौजूद नहीं रहते हैं. जिस कारण अस्पताल में मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है. वहीं, इससे मरीजों को काफी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ रहा है.

'स्वास्थ्यकर्मी रहते हैं नदारद'
गौरतलब है कि बख्तियारपुर गांव के उप स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचे ईटीवी भारत के संवाददाता ने जब ग्रामीणों से जानकारी लेनी चाही तो ग्रामीणों ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्र में नियुक्त डॉक्टर और एएनएम हमेशा नदारद रहते हैं. जिस कारण लोगों को प्राइवेट क्लिनिक का रुख करना पड़ता है. साथ ही लोगों ने बताया कि सरकार के सुविधा उपलब्ध कराने के बावजूद इलाज कराने के लिए हजारों रुपये खर्च करना पड़ता है.

पेश है रिपोर्ट

'कोई सुविधा उपलब्ध नहीं'
बता दें कि बख्तियारपुर के ग्रामीणों में स्वास्थ्य विभाग को लेकर बहुत नाराजगी देखने को मिली. मौके पर ग्रामीणों ने कहा कि उप स्वास्थ्य केंद्र गांव के लिए सिर्फ शोभा की वस्तु है. लोगों ने बताया कि गांव में अस्पताल के नाम पर एक भवन बना दिया गया है. जिसमें अस्पताल से जुड़ी कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है.

खगड़िया: जिले के मनशी प्रखंड पश्चिमी ठठा बख्तियारपुर गांव का उप स्वास्थ्य केंद्र इन दिनों भगवान के भरोसे चलने को मजबूर है. अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मी ड्यूटी पर मौजूद नहीं रहते हैं. जिस कारण अस्पताल में मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है. वहीं, इससे मरीजों को काफी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ रहा है.

'स्वास्थ्यकर्मी रहते हैं नदारद'
गौरतलब है कि बख्तियारपुर गांव के उप स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचे ईटीवी भारत के संवाददाता ने जब ग्रामीणों से जानकारी लेनी चाही तो ग्रामीणों ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्र में नियुक्त डॉक्टर और एएनएम हमेशा नदारद रहते हैं. जिस कारण लोगों को प्राइवेट क्लिनिक का रुख करना पड़ता है. साथ ही लोगों ने बताया कि सरकार के सुविधा उपलब्ध कराने के बावजूद इलाज कराने के लिए हजारों रुपये खर्च करना पड़ता है.

पेश है रिपोर्ट

'कोई सुविधा उपलब्ध नहीं'
बता दें कि बख्तियारपुर के ग्रामीणों में स्वास्थ्य विभाग को लेकर बहुत नाराजगी देखने को मिली. मौके पर ग्रामीणों ने कहा कि उप स्वास्थ्य केंद्र गांव के लिए सिर्फ शोभा की वस्तु है. लोगों ने बताया कि गांव में अस्पताल के नाम पर एक भवन बना दिया गया है. जिसमें अस्पताल से जुड़ी कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है.

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Body:खगडिया में विभागों की बात करे तो ऐसा कोई विभाग नही है जो अपने कर्तव्यो को निष्ठा से अच्छे से निभाता हो लगतार ऐसी खबर निकल कर जिले से आती है जो खगड़िया प्रसाशन पर उंगली उठाने के लिए काफी होते है। शिक्षा व्यवस्था की बात करे या स्वास्थ्य विभाग की बात करे आप किसी भी विभाग को उठा कर खंगाल ले हर जगह आप को नकामी दर्शन पहले होगी।
आज हम फिर से एक विफल विभागों में से एक स्वास्थ्य विभाग की खबर को ले कर आये है आप के पास ये एक अस्पताल से जुड़ा हुआ खबर है जो खगड़िया के मनशी प्रखंड में पड़ने वाला पश्चिमी ठठा बख्तियारपुर गांव के उप स्वास्थ्य केंद्र का है।
यंहा हाल कुछ ऐसा है कि यंहा मरीज तो अस्पताल आते है किसी ना किसी बीमारी से छुटकारा पाने के लिए लेकिन यंहा नियुक्त एनएम कभी दर्शन नही देते। ग्रामीण बताते है कि एक ऐसे एनएम की नियुक्ति है जिनको सप्ताह में तीन दिन आना होता है और एक एन एम है जिनको रोज आना होता है लेकिन डॉक्टर तो छोड़िए एन एम भी नही आती। मरीज आते है और निरसा लिए हाथ मे अस्पताल से लौट जाते है। मजबूरन उनको निजी क्लिनिक की तरफ रुख करना पड़ता है और सरकार के दिये हुए सुविधा के बावजूद हजारो रुपया खर्च करना पड़ता है निजी क्लिनिक में।
जिस गांव में उपस्वास्थ्य केंद्र है उस गांव के ग्रामीणों में स्वास्थ्य वीभग को ले कर बहुत नाराजगी दिखी ग्रामीणों का कहना है कि ये सिर्फ सोभा की वस्तु है हमारे गांव के लिये एक भवन बना दिया गया है जिसमे की अस्पताल से जुड़ी कोई सुविधा नही है। ग्रामीणों ने कहा कि लालू यादव के सरकार में विद्यालय को चरवाहा विद्यालय के नाम से जाना जाता था यही हाल नीतीश कुमार के सरकार में अस्पतालों का है। ग्रामीण अपनी नारजगी दिखाते हुए Etv bharat से बोले कि अब तो हमलोग उम्मीद भी करना छोड़ दिये है कि यंहा अच्छे तरीके से स्वास्थ्य सुविधा बहाल होगी। वंही इस मामले में सिविल सर्जन दिनेश कुमार निर्मल ने ऑफ कैमरा बताया कि पीएचसी प्रभारी को लिखित रूप से दिया गया है कि इस उप स्वास्थ्य केंद्र की जांच करे और सिविल सर्जन को रिपोर्ट करे।

बाइट 1 सचितानंद सिंह
बाइट 2 भरत सिंह
बाइट 3 प्रोमद सिंह
बाइट 4 अशुतोष कुमार सिंह


Conclusion:
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