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खगड़िया: नारी सशक्तिकरण की मिशाल बनीं इंदु देवी को आज खुद है मदद की दरकार, सरकार से लगाई गुहार

जिलाधिकारी भी मानते हैं कि चौथम प्रखंड को खुले में शौचमुक्त बनाने में इंदु देवी का बहुत बड़ा योगदान है. खुले में शौच न करने के प्रति इंदु देवी ने लोगों को जागरुक किया. सरकारी सुविधा देने के सवाल पर जिलाधिकारी ने कहा कि यदि इंदु देवी का नाम बीपीएल में होगा, तो उन्हें इंदिरा आवास के तहत घर दिया जायेगा.​​​​​​​

नारी सशक्तिकरण की मिशाल बनीं इंदु देवी
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Published : Aug 30, 2019, 3:07 PM IST

खगड़िया: सरकार की ओर से चलाई जा रही स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिले का कई प्रखंड अभी भी पूरी तरह से खुले में शौचमुक्त नहीं हुआ है. हालांकि कुछ प्रखंड अब खुले में शौच से मुक्त हो गए हैं. खुले में शौचमुक्त प्रखंड की सूची में चौथम प्रखंड पहले स्थान पर आता है. इसकी वजह सिर्फ यहां की रहने वाली इंदु देवी हैं. ये महिला किसी पहचान की मोहताज नहीं, इन्होंने अपने बलबूते पर पूरे प्रखंड को खुले में शौचमुक्त करा दिया. इसके लिये इंदु देवी को राज्य से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक कई बार पुरस्कृत और सम्मानित किया जा चुका है.

इंदु देवी को पुरस्कृत करने वाली मुख्य संस्था जीविका और यूनिसेफ है, साथ ही और भी ऐसे कई संस्थान हैं जो इन्हें सम्मानित करने के लिये इनके आंगन तक आ चुके हैं. दिल्ली और ऋषिकेश जैसी जगहों पर भी इन्हें सम्मानित किया गया है.

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जीविका से मिला सर्टिफिकेट

साल 2016 में लिया चौथम प्रखंड को शौचमुक्त बनाने का संकल्प
इंदु देवी स्वच्छता को लेकर तीन साल पहले यानि 2016 में सक्रिय हुई थी. दो साल की कड़ी मेहनत कर उन्होंने पूरे प्रखंड को खुले से शौचमुक्त करा दिया. स्वच्छता को लेकर इतना दृढसंकल्पित होने के पीछे कोई खास कारण नहीं था. कोई खुले में शौच जाये, ये उन्हें पसंद नहीं था. चाहे वो महिला हो, या पुरुष या फिर छोटे बच्चे. आज परिस्थिति ये है कि पूरे चौथम में हर एक घर में शौचालय है और सभी लोग शौचालय का ही प्रयोग कर रहे हैं.

इंदु देवी से ईटीवी संवाददाता की खास बातचीत

बिना शौचालय वाले घर में बेटियों की शादी करना इंदु देवी को गंवारा नहीं
एक टीवी पर विज्ञापन आता है, जिसमें बिना शौचालय वाले घर में अपनी बेटी की शादी नहीं करने की सलाह दी जाती है. उस विज्ञापन को इंदु देवी ने असल जिंदगी में साबित कर दिखाया है. किसी भी बेटी की वो ऐसे घर में शादी नहीं होने देती, जहां शौचालय नहीं हो. इनकी बात पूरे प्रखंड के लोग एक जुबान में मान लेते हैं.

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यूनिसेफ की ओर से किया गया सम्मानित

मुख्यमंत्री खुद मिलने गए थे इंदु देवी के घर
साल 2017 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खगड़िया दौरे पर सात निश्चय योजना देखने आए थे. इसी क्रम में चौथम भी गए. जिसके बाद उन्हें इस महिला के बारे में पता चला. मुख्यमंत्री खुद चलकर इंदु देवी के घर आये और सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया. नीतीश कुमार ने इंदिरा आवास योजना के तहत घर बनवाने और रोजगार देने की भी बात कहीं. लेकिन सीएम का ये वादा आज तक पूरा नहीं हुआ, न घर मिला और न ही रोजगार.

अनिरूद्ध प्रसाद, जिलाधिकारी

सरकार की ओर से नहीं मिली कोई मदद
पूरे जिले में ऐसा कोई शख्स नहीं है जो इंदु देवी को उनके नाम और काम से नहीं जानता हो. लेकिन उनकी इस सराहनीय पहल के बावजूद रहने के लिये छत तक नसीब नहीं. नारी सशक्तिकरण का उदाहरण पेश करने वाली इस महिला को दो वक्त की रोटी के लिये भी सोचना पड़ता है. अपनी झोपड़ी के बाहर एक छोटी सी दुकान चला कर इंदु देवी अपने परिवार का भरण पोषण करती हैं. इंदु देवी के पति और तीन बेटे हैं जो मजदूरी करते है. सरकार के उदासीन रवैये से सभी मायूस हैं.

'बीपीएल में होगा नाम तो इंदिरा आवास के तहत मिलेगा घर'
जिलाधिकारी अनिरुद्ध प्रसाद भी मानते हैं कि चौथम प्रखंड को खुले में शौचमुक्त बनाने में इंदु देवी का बहुत बड़ा योगदान है. खुले में शौच न करने के प्रति इंदु देवी ने लोगों को जागरुक किया. सरकारी सुविधा देने के सवाल पर जिलाधिकारी ने कहा कि यदि इंदु देवी का नाम बीपीएल में होगा, तो उन्हें इंदिरा आवास के तहत घर दिया जायेगा.

खगड़िया: सरकार की ओर से चलाई जा रही स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिले का कई प्रखंड अभी भी पूरी तरह से खुले में शौचमुक्त नहीं हुआ है. हालांकि कुछ प्रखंड अब खुले में शौच से मुक्त हो गए हैं. खुले में शौचमुक्त प्रखंड की सूची में चौथम प्रखंड पहले स्थान पर आता है. इसकी वजह सिर्फ यहां की रहने वाली इंदु देवी हैं. ये महिला किसी पहचान की मोहताज नहीं, इन्होंने अपने बलबूते पर पूरे प्रखंड को खुले में शौचमुक्त करा दिया. इसके लिये इंदु देवी को राज्य से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक कई बार पुरस्कृत और सम्मानित किया जा चुका है.

इंदु देवी को पुरस्कृत करने वाली मुख्य संस्था जीविका और यूनिसेफ है, साथ ही और भी ऐसे कई संस्थान हैं जो इन्हें सम्मानित करने के लिये इनके आंगन तक आ चुके हैं. दिल्ली और ऋषिकेश जैसी जगहों पर भी इन्हें सम्मानित किया गया है.

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जीविका से मिला सर्टिफिकेट

साल 2016 में लिया चौथम प्रखंड को शौचमुक्त बनाने का संकल्प
इंदु देवी स्वच्छता को लेकर तीन साल पहले यानि 2016 में सक्रिय हुई थी. दो साल की कड़ी मेहनत कर उन्होंने पूरे प्रखंड को खुले से शौचमुक्त करा दिया. स्वच्छता को लेकर इतना दृढसंकल्पित होने के पीछे कोई खास कारण नहीं था. कोई खुले में शौच जाये, ये उन्हें पसंद नहीं था. चाहे वो महिला हो, या पुरुष या फिर छोटे बच्चे. आज परिस्थिति ये है कि पूरे चौथम में हर एक घर में शौचालय है और सभी लोग शौचालय का ही प्रयोग कर रहे हैं.

इंदु देवी से ईटीवी संवाददाता की खास बातचीत

बिना शौचालय वाले घर में बेटियों की शादी करना इंदु देवी को गंवारा नहीं
एक टीवी पर विज्ञापन आता है, जिसमें बिना शौचालय वाले घर में अपनी बेटी की शादी नहीं करने की सलाह दी जाती है. उस विज्ञापन को इंदु देवी ने असल जिंदगी में साबित कर दिखाया है. किसी भी बेटी की वो ऐसे घर में शादी नहीं होने देती, जहां शौचालय नहीं हो. इनकी बात पूरे प्रखंड के लोग एक जुबान में मान लेते हैं.

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यूनिसेफ की ओर से किया गया सम्मानित

मुख्यमंत्री खुद मिलने गए थे इंदु देवी के घर
साल 2017 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खगड़िया दौरे पर सात निश्चय योजना देखने आए थे. इसी क्रम में चौथम भी गए. जिसके बाद उन्हें इस महिला के बारे में पता चला. मुख्यमंत्री खुद चलकर इंदु देवी के घर आये और सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया. नीतीश कुमार ने इंदिरा आवास योजना के तहत घर बनवाने और रोजगार देने की भी बात कहीं. लेकिन सीएम का ये वादा आज तक पूरा नहीं हुआ, न घर मिला और न ही रोजगार.

अनिरूद्ध प्रसाद, जिलाधिकारी

सरकार की ओर से नहीं मिली कोई मदद
पूरे जिले में ऐसा कोई शख्स नहीं है जो इंदु देवी को उनके नाम और काम से नहीं जानता हो. लेकिन उनकी इस सराहनीय पहल के बावजूद रहने के लिये छत तक नसीब नहीं. नारी सशक्तिकरण का उदाहरण पेश करने वाली इस महिला को दो वक्त की रोटी के लिये भी सोचना पड़ता है. अपनी झोपड़ी के बाहर एक छोटी सी दुकान चला कर इंदु देवी अपने परिवार का भरण पोषण करती हैं. इंदु देवी के पति और तीन बेटे हैं जो मजदूरी करते है. सरकार के उदासीन रवैये से सभी मायूस हैं.

'बीपीएल में होगा नाम तो इंदिरा आवास के तहत मिलेगा घर'
जिलाधिकारी अनिरुद्ध प्रसाद भी मानते हैं कि चौथम प्रखंड को खुले में शौचमुक्त बनाने में इंदु देवी का बहुत बड़ा योगदान है. खुले में शौच न करने के प्रति इंदु देवी ने लोगों को जागरुक किया. सरकारी सुविधा देने के सवाल पर जिलाधिकारी ने कहा कि यदि इंदु देवी का नाम बीपीएल में होगा, तो उन्हें इंदिरा आवास के तहत घर दिया जायेगा.

Intro:जिला अभी शौचमुक्त हुआ नही है लेकिन जिले के कुछ प्रखंड शौचमुक्त हो गए है।शौचमुक्त प्रखंड की सूची में चौथम प्रखंड पहले अस्थान पर आता है और इसकी वजह सिर्फ सुर सिर्फ इंदु देवी है।इंदु देवी जिला में पहचान की मोहताज नही है फिर भी आपका परिचय इंदु देवी से करवा दे रहे है


Body:जिला अभी शौचमुक्त हुआ नही है लेकिन जिले के कुछ प्रखंड शौचमुक्त हो गए है।शौचमुक्त प्रखंड की सूची में चौथम प्रखंड पहले अस्थान पर आता है और इसकी वजह सिर्फ सुर सिर्फ इंदु देवी है।इंदु देवी जिला में पहचान की मोहताज नही है फिर भी आपका परिचय इंदु देवी से करवा दे रहे है।इंदु देवी एक ऐसी महिला है जो अपने अकेले के बदौलत पूरे प्रखंड को शौचमुक्त करवा दी और इसमें उनको भरपूर साथ मिला जिला प्रसाशन का।इंदु देवी को राज्य से ले कर राष्ट्रीय अस्तर तक कई बार पुरष्कृत और समम्मानित किया जा चुका है।
पृष्कृत करने वाली मुख्य संस्था जीविका और यूनिसेफ है और भी कई संस्था इनके सम्मानित करने के लिए अपने आंगन में बुला चुकी है लेकिन ज्यादा नही पढ़े लिखे होने के वजह से इंदु देवी को संस्थाओं का नाम याद नही रहा।हालांकि इतना जरूर बताई की भारत की राजधानी देल्ही में ऋषिकेश और लखनऊ में बुलाया जा चुका है सम्म्मनित करने के लिए। यंहा तक पुरष्कार समोरह में बुलाने के लिए इनको हवाई जहाज से बुलाया गया था।
इंदु देवी सव्क्छता को ले कर तीन साल पहले यानि 2016 में सक्रिय हुई और 2 साल मेहनत कर के पूरे प्रखंड को शौचमुक्त करा कर छोड़ी। सव्क्छता को ले कर इतनी दृढसंकल्पित होने के पीछे कोई खास कारण नही था। लेकिन इतना जरूर था कि आज पास वो खुले में शौच करना किसी को नही देखना चाहती थी। चाहे वो महिला हो या परुष या छोटे बच्चे ही क्यों ना हो ।आज परिस्थिति ये है कि पूरे चौथम में हर एक घर मे शौचालय है और सभी लोग शौचालय का ही प्रयोग करते है।

बिना शौचालय वाले घर मे गांव व आसपास की बेटियों की शादी नही होने देती इंदु देवी
एक टीवी पर विज्ञापन आता है उसमें बिना शौचालय वाले घर मे अपनी बेटी की शादी नही करने की सलाह दी जाती है उस विज्ञापन को इंदु देवी ने असल जिंदगी में साबित कर के दिखाया है।किसी भी बेटी को वो ऐसे घर मे शादी नही करने देती जिसमे शौचालय नही हो और इनकी बात को पूरे प्रखंड के लोग एक जुबान में मान लेते है।

मुख्यमंत्री खुद मिलने गए थे इंदु देवी के घर
साल 2017 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खगड़िया दौरे पर सात निश्चय योजना देखने आए थे ।उसी क्रम में चौथम भी गए जिसके बाद उन्हें इस महिला के बारे में पता चला तो मुख्यमंत्री खुद से पैदल चल कर इन्डु देवी के आंगन में गए और एक सर्टिफिकेट दे कर सम्मानित करते हुए घर और रोजगार देने का वादा किये लेकिन वो वादा आज भी वादा ही बन कर रह गया है।आज भी ना घर मिला ना रोजगार मिला।

जिले में प्रसिद्ध है इंदु देवी
पूरे जिले में ऐसा पढ़ा लिखा कोई शख्स नही है जो इंदु देवी को उनके नाम और उनके काम के वजह से नही जानता हो जब Etv bharat की टीम उनके गांव जा रही थी तो हर एक बच्चा भी इंदु देवी के घर के रास्ते को बताने में कोई गलती नही करता और सभी लोग सम्मान की नजर से इंदु देवी को देखते है।

कस्ट में गुजर रहा इंदु देवी व उनके परिवार का जीवन

जो इंदु देवी को इतना नाम कमाई अपने सरहानीय काम के वजह से व्व इंदु देवी को रहने के लिए एक छत नही है इस नारी सशक्तिकरण के उदाहरण पेश करने वाली महिला को दो टाइम भोजन के लिए सोचना पड़ता है।अपने झोपड़ी के बाहर एक छोटे से दुकान को चला कर इंदु देवी अपने परिवार का भरण पोषण करती है।इंदु देवी के पति और तीन बेटे है जो मजदूरी का करते है।





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