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खगड़िया: खुले आसमान तले पड़ा है लाखों की लकड़ी, वन विभाग के लापरवाही से हो रहा बर्बाद

वन विभाग ने लाखों रुपये के जब्त किए लकड़ी को ऐसे ही खुले आसमान के नीचे रखा हैं. नीलामी की प्रक्रिया में देरी होने से यह खराब हो रहा है.

खगड़िया
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Published : May 18, 2019, 4:05 AM IST

खगड़िया: जिले में वन विभाग के लापरवाही से सरकार को लाखों का नुकसान हो रहा है. वन विभाग के कार्यालय परिसर में खुले ही महंगी लकड़ियां रखी गई है. ऐसे में यह महंगी लकड़ियां मौसम का दंश झेल रहा है. इसको लेकर विभाग के अधिकारी का कहना है कि नीलामी की प्रक्रिया जारी है.

मामला जिले के खगड़िया प्रखंड कार्यालय के समीप वन विभाग का है. विभाग ने लाखों रुपये के जब्त किए लकड़ी यहां रखे हैं. इसमें एनएच 31 पर स्थित पेड़ों की काफी लकडियां है. इसे एनएच 31 बनाने के लिए काटा गया था. लेकिन लाखों रुपये के सभी लकड़ियों मौसम के वजह से बर्बाद हो रहा है. यह लकड़ियां ऐसे ही तेज धूप और बरसात से खराब हो रहा है.

वन विभाग के अधिकारी का बयान

'नीलामी में लगता है समय'
इसको लेकर वन विभाग के अधिकारी का कहना है कि नीलामी की प्रक्रिया चल रही है. इस प्रक्रिया में बहुत समय लगता है. हर महीने में एक ही बार नीलामी की जाती है. इसके लिए फाइल भेज दी गई है. लकड़ियों की नीलामी अगले पांच से छह महीनों के अंदर कर ली जाएगी. वहीं, इस महंगी लकड़ियों की नीलामी नहीं होने से यह किसी उपयोग में नहीं आ रहा है.

खगड़िया: जिले में वन विभाग के लापरवाही से सरकार को लाखों का नुकसान हो रहा है. वन विभाग के कार्यालय परिसर में खुले ही महंगी लकड़ियां रखी गई है. ऐसे में यह महंगी लकड़ियां मौसम का दंश झेल रहा है. इसको लेकर विभाग के अधिकारी का कहना है कि नीलामी की प्रक्रिया जारी है.

मामला जिले के खगड़िया प्रखंड कार्यालय के समीप वन विभाग का है. विभाग ने लाखों रुपये के जब्त किए लकड़ी यहां रखे हैं. इसमें एनएच 31 पर स्थित पेड़ों की काफी लकडियां है. इसे एनएच 31 बनाने के लिए काटा गया था. लेकिन लाखों रुपये के सभी लकड़ियों मौसम के वजह से बर्बाद हो रहा है. यह लकड़ियां ऐसे ही तेज धूप और बरसात से खराब हो रहा है.

वन विभाग के अधिकारी का बयान

'नीलामी में लगता है समय'
इसको लेकर वन विभाग के अधिकारी का कहना है कि नीलामी की प्रक्रिया चल रही है. इस प्रक्रिया में बहुत समय लगता है. हर महीने में एक ही बार नीलामी की जाती है. इसके लिए फाइल भेज दी गई है. लकड़ियों की नीलामी अगले पांच से छह महीनों के अंदर कर ली जाएगी. वहीं, इस महंगी लकड़ियों की नीलामी नहीं होने से यह किसी उपयोग में नहीं आ रहा है.

Intro:बिहार सरकार के राजस्व को खगडिया वन विभाग चाहे तो लाखों का फायदा पहुँचा सकता है लेकिन खगड़िया वन विभाग इस पर सोच विचार करना मुनासिब नही समझता


Body:बिहार सरकार के राजस्व को खगडिया वन विभाग चाहे तो लाखों का फायदा पहुँचा सकता है लेकिन खगड़िया वन विभाग इस पर सोच विचार करना मुनासिब नही समझता दरसल खगड़िया प्रखंड कार्यालय के समीप वन विभाग का डिपो है जंहा वन विभाग के द्वारा काटी हुई या जप्त की हुई लकड़ी को रखा जाता है । इस डिपो में बहुत प्रकार की लकड़ी रखी हुई है जैसे सिशम,गहमर,आम और भी भिन्न-भिन्न लकड़ी जो कि बाजारों में महंगी कीमत पर ही उपलब्ध हो पाती है। सब से महंगी लकड़ी की बात करे तो वो सिशम है सिशम बाजारों में औसतन 2500 से 3000 हजार पर फिट पर मिलती है और इस डिपो में इसकी तादात ज्यादा है। वन विभाग के मुताबिक ज्यादातर लकड़ी नेशनल हाइवे 31 बनने के क्रम में सड़क के किनारे से कटी गई थी और कुछ लकड़ी जप्त की हुई है। लेकिन सब से बड़ी बात ये है कि सभी लकड़ी मौसम की मार झेल कर बेकार हो रही है चाहे वो भीषण गर्मी में धूप से बर्बाद हो रही हो या आने वाले बरसात में पानी से ये लकड़ियां ऐसे कई बारिश और धूप झेल चुकी है लेकिन अभी तक ना इसकी नीलामी हो रही है ना ही किसी प्रकार के उपयोग में आ रही है।
वन विभाग के रेंज ऑफिसर की माने तो उनका कहना है कि नीलामी की प्रक्रिया चल रही है।इस प्रक्रिया में बहुत समय लगता है हर महीने एक ही बार नीलामी की जा सकती है स्लॉट बना कर फाइल आगे बढ़ा दी गई है उम्मीद है आने वाले पांच से 6 दिनों के अंदर नीलामी होगी।

बाइट-खगड़िया वन रेंज ऑफिसर


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