ETV Bharat / state

खगड़िया में बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त, सरकार से मदद की आस में ग्रामीण

बाढ़ का पानी रिहायशी इलाकों में प्रवेश करने के कारण विस्थापन का दौर जारी है. जिले में अब तक 7 प्रखंडों के 27 पंचायत प्रभावित हैं. बाढ़ प्रभावित हो चुके 21 पंचायत के 88 गांव पानी से पूरी तरह से घिर चुके हैं. जिस कारण जिले में अब तक सैकड़ों की संख्या में लोग विस्थापित हुए हैं.

खगड़िया
खगड़िया
author img

By

Published : Aug 22, 2020, 8:29 PM IST

खगड़िया: नदियों के जलस्तर में हो रही लगातार वृद्धि के कारण जिले में बाढ़ की समस्या बनी हुई है. कोसी और बागमती के जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर आते ही कई पंचायतों के कई गावों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. जैसे-जैसे नदियों के पानी में वृद्धि हो रही है. वैसे-वैसे रोज नए गांव और पंचायत बाढ़ की चपेट में आ रहे हैं.

खगड़िया
फोम के सहारे पानी में ग्रामीण

बाढ़ का पानी रिहायशी इलाकों में प्रवेश करने के कारण विस्थापन का दौर जारी है. जिले में अब तक 7 प्रखंडों के 27 पंचायत प्रभावित हैं. बाढ़ प्रभावित हो चुके 21 पंचायत के 88 गांव पानी से पूरी तरह से घिर चुके हैं. जिस कारण जिले में अब तक सैकड़ों की संख्या में लोग विस्थापित हुए हैं.

खगड़िया
फोम की नाव के सहारे ग्रामीण

पलायन को मजबूर लोग
खगड़िया के सदर प्रखंड के उत्तर मारर पंचायत के 10 गांव कोसी और बागमती के पानी में डूब चुके हैं. सैकड़ों परिवार घर से बेघर भी हो चुके हैं. बाढ़ की विपदा झेल रहे उत्तर मारर के 10 गांव के लोगों की परेशानी काफी बढ़ गई है. इंसानों के साथ ही मवेशियों के चारे की व्यवस्था करना भी काफी कष्टकारी हो गया है. स्थानीय लोगों का घर डूबने के कारण लोग पलायन के लिए मजबूर हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'प्रशासन द्वारा एक नाव की व्यवस्था'

बाढ़ से घिरे इन लोगों की हजार समस्याएं हैं. लोग खाने-पीने की वस्तुओं को एकत्र करने में काफी परेशानी उठा रहे हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि बाढ़ के पानी से तरह-तरह के जहरीले जानवर घरों में आ रहे हैं. मरीजों के उपचार के लिए इस समय डॉक्टर भी नहीं मिल रहे हैं. उन्होंने बताया कि बाढ़ का दंश झेल रहे लोगों के लिए प्रशासन द्वारा नाव दी गई है.

खगड़िया
बाढ़ ने बढ़ाई लोगों की मुश्किलें

'राहत शिविर का निर्माण काफी दूर'
वहीं उत्तर मारर पंचायत के मुखिया आजाद ने कहा कि पंचायत की आबादी के हिसाब से ये नाव कुछ नहीं है. नाव इतनी छोटी है कि इसकी क्षमता 10 लोगों के बैठने के योग्य भी नहीं है. ऐसे में नाव कब पलट जाएगी कोई ठिकाना नहीं है. साथ ही पंचायत वासियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि पंचायत में राहत शिविर नहीं लगाया गया है. सरकार द्वारा राहत शिविर का निर्माण ऐसी जगह किया गया है. जंहा लोग पहुंच नहीं सकते.

खगड़िया: नदियों के जलस्तर में हो रही लगातार वृद्धि के कारण जिले में बाढ़ की समस्या बनी हुई है. कोसी और बागमती के जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर आते ही कई पंचायतों के कई गावों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. जैसे-जैसे नदियों के पानी में वृद्धि हो रही है. वैसे-वैसे रोज नए गांव और पंचायत बाढ़ की चपेट में आ रहे हैं.

खगड़िया
फोम के सहारे पानी में ग्रामीण

बाढ़ का पानी रिहायशी इलाकों में प्रवेश करने के कारण विस्थापन का दौर जारी है. जिले में अब तक 7 प्रखंडों के 27 पंचायत प्रभावित हैं. बाढ़ प्रभावित हो चुके 21 पंचायत के 88 गांव पानी से पूरी तरह से घिर चुके हैं. जिस कारण जिले में अब तक सैकड़ों की संख्या में लोग विस्थापित हुए हैं.

खगड़िया
फोम की नाव के सहारे ग्रामीण

पलायन को मजबूर लोग
खगड़िया के सदर प्रखंड के उत्तर मारर पंचायत के 10 गांव कोसी और बागमती के पानी में डूब चुके हैं. सैकड़ों परिवार घर से बेघर भी हो चुके हैं. बाढ़ की विपदा झेल रहे उत्तर मारर के 10 गांव के लोगों की परेशानी काफी बढ़ गई है. इंसानों के साथ ही मवेशियों के चारे की व्यवस्था करना भी काफी कष्टकारी हो गया है. स्थानीय लोगों का घर डूबने के कारण लोग पलायन के लिए मजबूर हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'प्रशासन द्वारा एक नाव की व्यवस्था'

बाढ़ से घिरे इन लोगों की हजार समस्याएं हैं. लोग खाने-पीने की वस्तुओं को एकत्र करने में काफी परेशानी उठा रहे हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि बाढ़ के पानी से तरह-तरह के जहरीले जानवर घरों में आ रहे हैं. मरीजों के उपचार के लिए इस समय डॉक्टर भी नहीं मिल रहे हैं. उन्होंने बताया कि बाढ़ का दंश झेल रहे लोगों के लिए प्रशासन द्वारा नाव दी गई है.

खगड़िया
बाढ़ ने बढ़ाई लोगों की मुश्किलें

'राहत शिविर का निर्माण काफी दूर'
वहीं उत्तर मारर पंचायत के मुखिया आजाद ने कहा कि पंचायत की आबादी के हिसाब से ये नाव कुछ नहीं है. नाव इतनी छोटी है कि इसकी क्षमता 10 लोगों के बैठने के योग्य भी नहीं है. ऐसे में नाव कब पलट जाएगी कोई ठिकाना नहीं है. साथ ही पंचायत वासियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि पंचायत में राहत शिविर नहीं लगाया गया है. सरकार द्वारा राहत शिविर का निर्माण ऐसी जगह किया गया है. जंहा लोग पहुंच नहीं सकते.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.